Bilaspur High Court: नहीं मिला नसबंदी का लाभ: हाईकोर्ट पहुंची महिला शिक्षिका, कोर्ट ने दिया यह निर्देश...
Bilaspur High Court: ग्रीन कार्डधारी शिक्षिका सरकार की योजना का लाभ दिलाने की मांग लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई। हाई कोर्ट ने इंक्रीमेंट देने शासन को 10 साप्ताह की मोहलत दी है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। जांजगीर चांपा जिले के गर्वनमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल भड़ेसर में कार्यरत शिक्षिका अनुपमा शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दो वेतनवृद्धि का लाभ दिलाने की मांग की है। शिक्षिका का कहना है कि नसबंदी कराने और ग्रीन कार्डधारी होने के बाद भी राज्य सरकार अब वेतनवृद्धि देने से आनाकानी कर रही है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर पूर्व में लागू की योजना के तहत याचिकाकर्ता शिक्षिका को दो वेतनवृद्धि का लाभ देने का निर्देश दिया है। इसके लिए 10 साप्ताह का समय तय कर दिया है।
याचिकाकर्ता अनुपमा शुक्ला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायरकी है। दायर याचिका में अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान राज्य सरकार ने वर्ष 1996 के वेतन नियम में प्रविधान तय किया था है कि शासकीय सेवक सेवा के दौरान दो बच्चों के बाद नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। याचिकाकर्ता शिक्षिका ने शासन की योजना के तहत दूसरा बच्चा जन्म लेने के बाद नसबंदी करा ली। स्वास्थ्य विभाग ने उसे ग्रीन कार्ड भी जारी कर दिया। नसंबदी कराने और ग्रीन कार्ड प्राप्त होने के बाद जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों को जमा कर शासन की योजना के तहत वेतन निर्धारण करने और वेतन वृद्धि की मांग की।
याचिकाकर्ता ने बताया कि पांचवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार उनका वेतन तय करते समय याचिकाकर्ताओं को पहले से दी गई दो अग्रिम वेतन वृद्धि पर विचार नहीं किया गया है। मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने पैरवी करते हुए कोर्ट के समक्ष मध्य प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण के द्वारा पारित आदेश की जानकारी दी। मध्य प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा जवाहर सिंह बनाम मप्र शासन के मामले में 20.फरवरी.2001 को आदेश पारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले का दिया हवाला
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने म.प्र. राज्य एवं अन्य तथा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा नौ मार्च .2010 के आदेश के तहत एके केशरवानी बनाम. छत्तीसगढ़ राज्य एवं अन्य के मामले में पारित किए गए आदेश का हवाला दिया है।
शासन ने कहा,याचिकाकर्ता पेश करे अभ्यावेदन,करेंगे विचार
राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट के समक्ष जिन आदेशों का हवाला दिया गया है,आदेश की प्रति के साथ एक सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन पेश करती है तो उसका निराकरण किया जाएगा। जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने याचिकाकर्ता को राज्य शासन के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने व शासन को 10 सप्ताह निराकरण का निर्देश दिया है।