कलेक्टर की अनुमति बगैर श्रमिकों को न बाहर ले जाया सकेगा और न दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आ सकेंगे, लेबर सिकरेट्री सोनमणि बोरा ने कारखानों, प्रतिष्ठानों के लिए जारी किए गाइडलाइन

Update: 2020-03-20 08:46 GMT

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रायपुर, 20 मार्च 2020। कोरोना पर रोकथाम के लिए श्रम विभाग ने एक अहम फैसला किया है। अब कलेक्टर के बिना अनुमति लेबर ठेकेदार या एजेंट श्रमिकों को कहीं बाहर लेकर जा सकेंगे या बाहर से कामगारों को छत्तीसगढ़ बुला सकेंगे। राज्य के सिकरेट्री लेबर एवं कमिश्नर लेबर सोनमणि बोरा ने इस संबंध में कलेक्टरों को लेटर लिखा है। बोरा ने कारखानों, प्रतिष्ठानों में काम करने वालों के लिए 22 बिंदुओं का एक गाइडलाइन जारी किए हैं।
कलेक्टरों, जिला पंचायत के सीईओ और लेबर अधिकारियों को लिखे पत्र में श्रम सचिव बोरा ने कहा है कि कोरोना पर बचाव करने के लिए जरूरी हो गया है कि बाहर से आने वाले या राज्य से दूसरे प्रांतों में जाने वाले श्रमिकों पर निगरानी रखी जाए।
अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम के तहत पांच या पांच से अधिक मजदूरों को ठेकेदार के माध्यम से बाहर ले जाने पर ठेकेदारों को श्रम विभाग या जनपद पंचायतों के सीईओ से अनुज्ञप्ति लिया जाना अनिवार्य है।
सिकरेट्री लेबर सोनमणि बोरा ने कहा है कि 30 अप्रैल तक कलेक्टर अथवा जिला दंडाधिकारी के बिना संज्ञान में लाए कोई भी ठेकेदार या एजेंट श्रमिकों को न बाहर ले जाए या दूसरे राज्यों से काम करने वालों को छत्तीसगढ़ लेकर आए। उन्होंने अफसरों से इसे सुनिश्चित करने कहा है।
बोरा ने कारखानों, प्रतिष्ठानों में काम करने वालों के लिए विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कार्यक्षेत्र में हाथ धोने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके लिए एक स्थान निश्चित किया जाए। वहां साबुन और सेनेटाईजर की व्यवस्था हो। कोई मजदूर अगर बीमार है तो उसे प्रोत्साहित किया जाए कि वह घर पर ही रहे। कार्यक्षेत्र में कोशिश की जाए एक जगह पर श्रमिक अधिक संख्या में एकत्रित न हो, कार्यक्षेत्र के फोन, डेस्क या किसी और उपकरण को आवश्यक न हो तो मत छूएं।
विस्तृत गाइडलाइन संलग्न लेटर में उद्धृत है-

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