….जब विधायकजी डर कर चढ़ गये टंकी पर : गये थे हाथी पीड़ित परिवार से मिलने, 40 हाथियों ने घेर लिया पूरा इलाका…..ग्रामीणों संग सरपट भागे नेताजी ने टंकी पर चढ़कर बचायी जान….

Update: 2021-08-05 10:49 GMT

कोरबा 5 अगस्त 2021। ….आखिरकार आज विधायक जी को भी हाथियों ने अपने आतंक का अहसास करा ही दिया। गये तो थे नेताजी हाथी पीड़ित परिवार का दर्द बांटने के लिए, लेकिन खुद ही हाथियों के बीच फंस गये। हाथी के रूप में डर को करीब देख, जैसे-तैसे अपने सिपहसलारों संग सरपट भागे विधायकजी ने टंकी पर चढ़कर अपनी जान बचायी। मामला कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज का है। जहां 40 हाथियों ने अपनी हुकूमत बना रखी है। आये दिन तोड़ना-फोडना और मौत के चीख से इलाके के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। इसी बीच बुधवार की रात एक बाईक सवार युवक को हाथी ने सड़क पर ही कुचलकर मार डाला। घटना की जानकारी के बाद स्थानीय विधायक मोहितराम केरकेटटा पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर आज शाम पहुंचे।

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पीड़ित परिवार से मिलने के बाद शाम करीब 6 बजें विधायक जी लमना पंचायत के आश्रित वनांचल ग्राम हरमोड पहुंचे, तभी हाथियों ने उनके काफिले को घेर लिया। इसी इलाके में हाथियों ने पिछली रात ग्रामीणों का मकान तोड़ दिया था। विधायक मोहितराम केरकेटटा ग्रामीणों की खैर-खबर ले ही रहे थे, तभी गांव के लोगों ने जंगल से हाथियों का दल गांव के करीब पहुंचने और गाँव को घेर लेने की जानकारी दी। फिर क्या था, गांव में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। वही विधायक मोहितराम केरकेटटा के साथ मौजूद उनके समर्थकों की भी सांसे अटकने लगी। आनन-फानन में विधायक जी अपने समर्थकों के साथ गांव में ही बने पानी टंकी में अपनी जान बचाने के लिए चढ़ गये। पानी टंकी में चढ़कर मौके से ही मामले की जानकारी वन अमला को दिया गया। जिसके बाद कटघोरा क्षेत्र से हाथी मित्र दल और दूसरे स्टाफ को मौके पर भेजा गया।

गांव तक पहुंच चुके हाथियों को वन विभाग की टीम ने मौके से जंगल की ओर खदेड़ा गया, वहीं दूसरी तरफ करीब 45 मिनट तक विधायक जी और उनके समर्थक दहशत के साये में पानी टंकी पर ही जमे रहे। वन विभाग की टीम ने जब रूट क्लीयर होने की जानकारी दी, तब जाकर विधायक मोहितराम केरकेटटा का काफिला मौके से वापस सुरक्षित लौट सका। खैर विधायक जी किसी तरह देर शाम हाथियों के खदेड़ने के बाद मौके से रवाना तो जरूर हो गए, लेकिन हाथी प्रभावित गाँव के ग्रामीणों की इन दिनों नींद उड़ी हुई है। ग्रामीण रतजगा कर अपने और अपने परिवार की जान बचाने को मजबूर है।

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