…जब राज्यपाल नक्सलियों के मांद में सड़क मार्ग से पहुंची…..पहली बार गांववालों ने सामने से देखा राज्यपाल को…

Update: 2021-02-21 08:57 GMT

रायपुर 21 फरवरी 2021। राज्य गठन के बाद या उसके पहले भी पहली बार यह नजारा देखने को मिला की जब कोई राज्यपाल घोर नक्सल इलाके में सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने करीब 500 किलोमीटर की सड़क मार्ग की यात्रा करके पहुंची। अंतागढ़ के टेमरूपानी में पहली बार किसी राज्यपाल को अपने गांव में देखा तो खुशी से भर उठे। पूरे कार्यक्रम में आदिवासी के सभी लोग शामिल हुए और पूरे अनुशासित ढंग से राज्यपाल को सुना।

राज्यपाल ने भावविभोर होकर के कहा कि हमारे आदिवासी विकास की संस्कृति महान और समृद्धशाली है। वे हमेशा प्रकृति के साथ जीते हैं। कोई भी आदिवासी अपना जीवन सम्मान के साथ जीता है। वह भुखा रह जाएगा, लेकिन वह किसी के आगे न भीख मांगता है, न कोई गलत काम करता है। राज्यपाल ने खुलकर कहा कि सबके अपने-अपने देवता है, सभी उसके प्रति आस्था रखें परन्तु देशहित के मामलों में एक रहें। उन्होंने पिछले कुछ दिनों से दिग्भ्रमित करने वाले तत्वों से सचेत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि सदियों से अपनी-अपनी आस्था है। किसी के बहकावे में न आएं और अपने समाज के बच्चों को सहीं मार्ग दिखाएं। राज्यपाल ने यह बात कांकेर जिले के टेमरूपानी में आदिवासी बुढ़ालपेन पोड़दगुमा गोंडवाना विकास समिति के वार्षिक सेसा पण्डुम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे पत्रकार बंधुओं को धन्यवाद देती हूं। समाज में उनकी भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है। बस्तर तथा अन्य दूरस्थ क्षेत्रों में कार्य करते हैं और जनसमस्याओं और समाज की अन्य खबरों को सामने लाते हैं। इस दौरान उन्हें कई खतरों और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और फिर भी अपने कार्य में समर्पित भाव से लगे रहते हैं। उनकी खबरों से मुझे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है, उस पर मैं संज्ञान भी लेती हूं।

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