…जब मुख्यमंत्री हेल्थ सेकरेट्री पर भरी बैठक में भड़के….नहीं हो पा रहा काम तो छोड़िये कुर्सी…वरना ठीक से काम कीजिये…..इनक्वायरी की भी दे दी चेतावनी ….ब्यूरोक्रेसी में मचा हड़कंप

Update: 2020-07-26 10:55 GMT

पटना 26 जुलाई 2020। कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत पर भड़क गये। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने शिकायत की कि प्रधान सचिव उनकी बात नहीं सुनते हैं. पदाधिकारी न तो नहीं करते हैं लेकिन काम भी नहीं करते हैं। जिसके बाद गुस्से में मुख्यमंत्री ने उन्हें हटाने और कार्रवाई तक की चेतावनी दे डाली। दरअसल कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से टेस्टिंग कम होने को लेकर सवाल पूछा। जिसकी सफ़ाई मंत्री ने यह कह डाला कि प्रधान सचिव कुमावत उनकी बात ही नहीं सुनते। पांडेय ने ये भी कहा कि लोगों को टेस्टिंग कराने में काफ़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर भी नदारद रहते हैं .

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने जैसे ही कहा कि मुझे कुछ कहना है इसपर सीएम ने कहा कि आपके विचार से क्या फर्क पड़ता है? फिर तो वे लगातार स्वास्थ्य विभाग के कामकाज पर सवाल करते रहे. सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को कड़े लहजे में अल्टीमेटम दिया और कहा कि आरटीपीसीआऱ टेस्ट 20 हज़ार प्रतिदिन नहीं हुआ तो कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा, “आपसे से विभाग नहीं संभालता तो छोड़िए विभाग. अपने विचार अपने पास रखिए. अनुमंडल स्तर पर हॉस्पिटल 100 बेड की व्यवस्था हो. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की भरपूर व्यवस्था होनी चाहिए.

जिलों के मरीज़ों का उनके ही जिलो में ही इलाज होना चाहिए. पटना के हॉस्पिटलों पर अतिरिक्त बोझ ने पड़े.’’उन्होंने कहा कि अगर आपसे काम नहीं होता तो अभी राज्य के मुख्य सचिव से कह कर आपके ख़िलाफ़ कारवाई शुरू करने का आदेश देते हैं सीएम नीतीश ने कहा कि जब दिल्ली में रोज 38 हजार टेस्ट हो सकते हैं तो बिहार में क्यों नहीं? सीएम ने कहा कि पिछले 14 साल में उनके सामने ऐसी परिस्थिति नहीं आई. जल्द बढ़ाएं नहीं तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.

Tags:    

Similar News