…जब जोगी ने सरकार को चेताया- “शिकायत कर दूं, तो छह महीने से 5 साल की जेल हो सकती है”……विधानसभा अध्यक्ष के बाद मंत्री व संसदीय कार्यमंत्री ने किया आश्वस्त… जल्द ही जायेगी कार्रवाई

Update: 2020-02-28 07:41 GMT

रायपुर 28 फरवरी 2020। प्रश्नकाल में अजीत जोगी के दिव्यांगों को लेकर पूछे गये एक सवाल पर सरकार कई दफा घिरी। प्रश्नकाल की शुरुआत में ही सरकार के आये जवाब पर उन्होंने सवाल खड़े कर दिया। अजीत जोगी ने बिलासपुर, राजनांदगांव और कोरिया में निशक्त पुनर्वास कार्यक्रम के तहत ग्रामीण दिव्यांग मितान और बहुउद्देशीय पुनर्वास कार्यकर्ता की नियुक्ति और मानदेय से जुड़े सवाल पूछे थे।

लेकिन प्रश्नोत्तरी में दिव्यांग की जगह विकलांग शब्द का जिक्र देख अजीत जोगी ने तीखा एतराज जताया। अजीत जोगी ने कहा कि विभाग हमारे जैसे दिव्यांग को ऐसे अपमानित क्यों कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने काफी पहले विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द के इस्तेमाल के लिए कहा है। जवाब में समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने आगे से विकलांग शब्द के इस्तेमाल नहीं करने की बात कही।

वहीं सप्लीमेंट्री सवाल में एक बार फिर अजीत जोगी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया। अजीत जोगी ने दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश के कई सरकारी दफ्तर हैं, जहां दिव्यांगों के आने-जाने के लिए रास्ते नहीं बनाये गये हैं औऱ तो और विधानसभा में भी ऐसी व्यवस्था नहीं की गयी कि मैं विधानसभा सचिव से मिलकर जाकर कुछ बातें कह सकूं। अगर मैं इसकी शिकायत कर दूं तो 6 महीने से 5 साल की तक सजा हो सकती है।

अजीत जोगी के इन सवालों पर विधानसभा अध्यक्ष ने गौर करते हुए कहा कि उनकी बातों पर जरूर अमल किया जायेगा, विधानसभा में भी ऐसी व्यवस्था की जायेगी, कि वो प्रमुख सचिव से मिल सकें।

इस पर अजीत जोगी ने कहा कि वो मंत्री से जवाब चाहते हैं, इसके बाद मंत्री अनिला भेड़िया ने भी आश्वस्त किया कि जल्द ही सरकारी भवनों में दिव्यांगों के आनेे-जाने के लिए रास्ते तैयार किये जायेंगे। बाद में संसदीय कार्यमंत्री ने भी सदन को आश्वस्त किया कि दिव्यांगों के सम्मान का जरूर ख्याल रखा जायेगा और विभाग जल्द ही इस पर कार्रवाई करेगा।

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