VIDEO: कोरोना उपचार में जूझ रहे डॉक्टरों के लिए व्हाट्सएप विश्वविद्यालय बना मुसीबत.. जानिए क्यों बोल रहे हैं डॉक्टर “व्हाट्सएप विश्वविद्यालय है और यूज़र डॉक्टर हो गए हैं”

Update: 2020-09-26 11:29 GMT

रायपुर,26 सितंबर 2020। कोरोना उपचार के लिए चिकित्सा जगत लगातार अनवरत जूझ रहा है। अपने लक्षणों को लगातार बदलता कोविड-19 चिकित्सकों को सटीक उपचार तलाशने में मुश्किलें खड़े कर रहा है। लेकिन उससे भी ज्यादा मुसीबत डॉक्टरों के सामने व्हाट्सएप और उससे वितरित होता वह ज्ञान है जिसके फेर में यूजर्स खुद ही डॉक्टर बन जा रहे हैं और मनमर्ज़ी दवाएँ ले रहे हैं टेस्ट भी अंधाधुंध करा रहे हैं।
डॉक्टरों के सामने यह समस्या इसलिए ज़्यादा मुसीबत बन रही है क्योंकि बग़ैर चिकित्सक के जानकारी के कराए जाने वाले टेस्ट पैसे का तो नुक़सान कर ही रहे हैं वह शरीर पर भी विपरित प्रभाव डाल रहे हैं, बिलकुल यही मसला मनमर्ज़ी की दवाओं पर भी है ।
प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ गिरीश अग्रवाल ने बेहद संक्षिप्त मगर साफ़गोई से पूरे मसले को सामने रखा है। डॉ गिरीश से बात की हमारे वरिष्ठ सहयोगी याज्ञवल्क्य ने –

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