Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में आई 1983 की क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम, कह दी ये बड़ी बात

Wrestlers Protest: 1983 क्रिकेट विश्व कप (1983 Cricket World Cup) के चैंपियन टीम के खिलाड़ी कपिल देव, सुनील गावस्कर और रोजर बिन्नी सहित अन्य खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ भारत के शीर्ष पहलवानों (Wrestlers) को समर्थन दिया है।

Update: 2023-06-02 14:29 GMT

Wrestlers Protest: 1983 क्रिकेट विश्व कप (1983 Cricket World Cup) के चैंपियन टीम के खिलाड़ी कपिल देव, सुनील गावस्कर और रोजर बिन्नी सहित अन्य खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ भारत के शीर्ष पहलवानों (Wrestlers) को समर्थन दिया है। सभी ने संयुक्त बयान के माध्यम से कहा कि वे 28 मई को नए संसद भवन (New Parliament Building) की ओर मार्च कर रहे पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की मारपीट के दृश्यों से काफी परेशान हैं। क्रिकेट चैंपियन ने विरोध करने वाले पहलवानों से कहा कि जब उनके पदक गंगा नदी में बहाने की बात आती है, तो वे सभी इस मामले में जल्दबाजी में कोई भी फैसला ना करें।

1983 क्रिकेट विश्व कप (1983 Cricket World Cup) विजेता टीम ने पहलवानों (Wrestlers) को समर्थन देते हुए बयान जारी कर कहा कि हम अपने विजेता पहलवानों के साथ मारपीट के दृश्यों से बेहद ही परेशान हैं। इसके साथ ही, हमें इस बात की चिंता सबसे अधिक है, कि वह अपनी मेहनत से हासिल किए गए मेडल को गंगा में बहाने के बारे में सोच रहे हैं। पहलवानों के द्वारा जीते गए मेडल उनके कई वर्षों के प्रयास, बलिदान, संकल्प और धैर्य का परिणाम हैं। 

पहलवानों ने जो मेडल जीते हैं, वे उनका नहीं, बल्कि देश का भी गौरव और आनंद हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि हम उनसे यह आग्रह करते हैं कि इस मामले में जल्दबाजी में कोई भी फैसला ना ले और सरकार से यह अपील भी की है कि उनकी शिकायतों को सुना जाए और जल्द से जल्द इस मामले को हल किया जाए। पहलवानों के द्वारा संसद तक मार्च करने पर हुआ था भारी बवाल। 

नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन के दिन पर महिला महापंचायत (Mahila Mahapanchayat) में पहलवान शामिल होने के लिए जा रहे थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उन सभी को हिरासत में ले लिया था। हांलाकि, उन्हे देर रात तक छोड़ दिया गया था। साथ ही, पुलिस ने जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) पर पहलवानों के धरना स्थल को खाली भी करा दिया था।

उनके विरोध स्थल को खाली कराने के दो दिन बाद साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया सहित अन्य पहलवान हरिद्वार की हर की पौड़ी गए थे, जहां पर वे मेडल (Medal) को गंगा में बहाने वाले थे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने पहलवानों को ऐसा करने से रोक दिया था।

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