Motivational: जब इन्फोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने मंच पर छू लिए थे रतन टाटा के पैर, सुधा मूर्ति का भी है गहरा कनेक्शन, जानें पूरा किस्सा

दिग्गज बिजनेसमैन और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन के बाद से ही सभी उन्हें अलग-अलग तरीकों से याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा साल 2020 का है, जब इंफोसिस ग्रुप के को-फाउंडर और अरबपति बिजनेसमैन नारायण मूर्ति ने एक कार्यक्रम में मंच पर रतन टाटा के पैर छू लिए थे।

Update: 2024-10-10 08:30 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। दिग्गज बिजनेसमैन और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन के बाद से ही सभी उन्हें अलग-अलग तरीकों से याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा साल 2020 का है, जब इंफोसिस ग्रुप के को-फाउंडर और अरबपति बिजनेसमैन नारायण मूर्ति ने एक कार्यक्रम में मंच पर रतन टाटा के पैर छू लिए थे। ये देख सभी हैरान रह गए थे।

रतन टाटा और नारायण मूर्ति के बीच उम्र का अंतर था केवल 9 साल

सोशल मीडिया पर इसके वीडियो और फोटोज़ खूब वायरल हुए थे। सभी ने इन दोनों दिग्गजों के बॉन्ड और नारायण मूर्ति के संस्कारों की खूब सराहना की थी। दोनों अरबपति बिजनेसमैन में उम्र का अंतर केवल 9 साल का था। वहीं आपको बता दें कि नारायण मूर्ति की पत्नी और मशहूर सोशल वर्कर और लेखिका सुधा मूर्ति का भी गहरा कनेक्शन टाटा ग्रुप से है।


नारायण मूर्ति ने रतन टाटा के पैर छूकर लिया था आशीर्वाद

दरअसल टाईकॉन मुंबई (TiEcon Mumbai 2020) कार्यक्रम में रतन टाटा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें ये अवॉर्ड इन्फोसिस ग्रुप के सह संस्थापक नारायण मूर्ति ने दिया। मंच पर अवॉर्ड देने के बाद अरबपति उद्योगपति नारायण मूर्ति रतन टाटा के पैरों पर झुक गए और उनके पैर छुकर आशीर्वाद लिया। हालांकि दोनों की उम्र में महज 9 साल का अंतर है। रतन टाटा उस वक्त 82 साल के थे, तो नारायण मूर्ति 73 साल के। आपको बता दें कि नारायण मूर्ति रतन टाटा को अपना रोल मॉडल मानते हैं।

नारायण मूर्ति ने जताया रतन टाटा के निधन पर शोक, बोले- वे मेरे नैतिक आदर्श

रतन टाटा के निधन पर नारायण मूर्ति ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अपने प्रिय मित्र और टाटा संस के मानद अध्यक्ष रतन टाटा को खोना बहुत दुखद और पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि रतन मूल्य यानि वैल्यू आधारित लीडरशिप के मामले में मेरे लिए एक रोल मॉडल थे। जब भी मुझे नैतिक मुद्दों में कुछ अस्पष्टता और भ्रम होता था, तो मैं उनकी ओर देखता था। वह एक असल नैतिक मार्गदर्शक थे।


1981 में हुई थी इन्फोसिस की स्थापना

बता दें कि नारायण मूर्ति ने 6 लोगों के साथ मिलकर साल 1981 में इन्फोसिस की शुरुआत की थी। उन्होंने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हजार रुपये लेकर कंपनी की शुरुआत की थी। साल 1981-2002 तक नारायण मूर्ति ही कंपनी के सीईओ भी रहे। नारायण मूर्ति का पूरा नाम नागावर रामाराव नारायण मू्र्ति है। इनका जन्म 20 अगस्त 1946 को कर्नाटक के चिक्काबालापुरा जिले के शिद्लाघट्टा में एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली थी। इसके बाद नारायण मूर्ति ने IIT कानपुर से एमटेक किया था।

जानी-मानी समाजसेविका सुधा मूर्ति हैं टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर

नारायण मूर्ति की पत्नी और जानी-मानी समाजसेविका व लेखिका सुधा मूर्ति का भी टाटा ग्रुप से पुराना नाता है। वे टाटा मोटर्स की पहली महिला इंजीनियर हैं। सुधा मूर्ति ने अपनी किताब में 'द लास्टिंग लेगेसी' और सार्वजनिक तौर पर कई मंचों पर बताया है कि पहले टाटा मोटर्स में महिला इंजीनियरों को नहीं लिया जाता था। ऐसे में उन्होंने जेआरडी टाटा को चिट्ठी लिखकर महिलाओं को नौकरी नहीं देने की शिकायत की थी।

सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग के 600 स्टूडेंट्स के बैच में थीं इकलौती लड़की

इसके बाद नियमों को बदलते हुए टाटा मोटर्स की ओर से इन्हें इंटरव्यू और एग्जाम के लिए कॉल आया और उनकी पहली नौकरी टाटा में लगी। वे यहां की पहली महिला इंजीनियर हैं। बता दें कि सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग के 600 स्टूडेंट्स के बैच में इकलौती लड़की और टॉपर थीं।

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