टूरिज्म स्पेशलः छत्तीसगढ़ में धार्मिक के साथ-साथ वाटर टूरिज्म किया जा रहा विकसित, कोरबा का सतरेंगा डेम बनेगा देश का प्रसिद्ध टूरिज्म डेस्टीनेशन

Update: 2020-08-31 09:13 GMT

NPG.NEWS
रायपुर, 31 अगस्त 2020। राज्य बनने के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ में टूरिज्म पर फोकस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की पहल पर पूरी सरकारी मशीनरी छत्तीसगढ़ में इको, वाटर टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक टूरिज्म के केंद्र विकसित करने पर जुट गया है। इसमें सतरेंगा का वाटर पार्क के साथ ही राम वन पथ गमन मुख्य रूप से शामिल है।
कोरबा के सतरेंगा स्थित डेम को सरकार वाटर टूरिज्म के रूप में डेवलप किया जा रहा है। सतरेंगा को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि पर्यटकों को कम-से-कम एक दिन वहां डेस्टीनेशन मिल जाए। सतरेंगा की प्राकृतिक छटा लोगों को अभिभूत कर देती है। वहां का झील इतना लंबा-चैड़ा है कि भोपाल की लेक उसके सामने फीका पड़ जाएगा। सतरेंगा की खासियत यह है कि उसके चारों ओर मनोरम जंगल है। झील की लंबाई में भी काफी है। स्टीमर से एक छोर से दूसरी छोर तक जाने में करीब तीन से चार घंटे लग जाएंगे। पर्यटन विभाग वहां 100 सीटर बोट चलाएगा। जिस पर जन्मदिन जैसे छोटे-मोट आयोजन किए जा सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं है। यहां जंगल, पहाड़, नदी, जलाशय और एतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के अनेक दर्शनीय स्थल है। प्रदेश में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के कार्य-योजना तैयार की गयी है। कार्य योजना में छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वेलनेस टूरिज्म, वाटर टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म टूरिज्म को शामिल किया गया है। पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में निजी निवेश एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नयी पर्यटन नीति तैयार की गयी है। छत्तीसगढ़ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ में आने वाले 75 स्थलों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में 9 स्थानों-सीतामढ़ी हरचैका, रामगढ़, शिवरीनाराण, तुरतूरिया, चन्दखुरी, राजिम, सिहावा सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर एवं रामाराम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 137 करोड़ 45 लाख रूपए की कार्य-योजना पर काम शुरू हो गया है।
छत्तीसगढ़ को वाटर स्पोर्ट्स टूरिज्म के रूप में भी पहचान दिलाने हसदेव बांगो डैम सतरेंगा का विकास कार्य पूर्ण हो गया है। वाटर टूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म की पर्याप्त संभावनाओं को देखते हुए मुरूमसिल्ली एवं गंगरेल डैम धमतरी, हसदेव बांगो डैम कोरबा, संजय गांधी जलाशय (खुटाघाट) रतनपुर, सरोधा डैम कबीरधाम, समोधा बैराज एवं कोडार डैम रायपुर, मलानिया जलाशय गौरेला और दुधावा जलाशय कांकेर का चयन किया गया है। ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सिरपुर को विकसित करने के लिए सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से सिरपुर की साइट को और अधिक विकसित किया जा रहा है। पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) के माध्यम से रायपुर स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ परिसर को उच्च स्तरीय पर्यटन एवं व्यवसायिक परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माना-तूता में लगभग 80 एकड़ भूमि पर थीम-एम्यूजमेंट पार्क विकसित करने और मैनपाट रिसॉर्ट एवं पंड्रापाट रिसॉर्ट को वेलनेस सेंटर-नेचर केयर सेंटर के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ हो गया है।
छत्तीसगढ़ में लोकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ट्राईबल टूरिज्म सर्किट के तहत जशपुर एवं कमलेश्वरपुर (मैनपाट) सरगुजा और कुरदर, सरोधादादर, कोण्डागांव, जशपुर एवं कुनकुरी के विभिन्न मोटल-रिसॉर्ट का शीघ्र ही लोकार्पण किया जाना है। दामाखेड़ा में पर्यटकों की सुविधा के लिए कबीर सागर में विभिन्न विकास परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। सूरजपुर की पहाड़ी में स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर और कुदरगढ़ के पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप वे निर्माण की तैयारी चल रही है। पर्यटन विभाग की पहल पर मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ को भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत सैद्धांतिक अनुमोदन मिल गयी है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत ईको टूरिज्म सर्किट के विकास के लिए कॉन्सेप्ट प्लान अनुमोदन के लिए भारत सरकार को भेजा गया है।

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