कबीरधाम जिले की पेंशन सखी प्रदेश के लिए होगी रोल मॉडल, मंत्री मोहम्मद अकबर ने पेंशन सखी के कार्य की तारिफ करते हुए कहा- राज्य शासन से पेंशन सखी को मानदेय देने पर होगा विचार

Update: 2020-02-08 14:46 GMT

कवर्धा 08 फरवरी 2020। कबीरधाम जिले के महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित पेंशन सखी रोलमॉडल हैं, जिसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। उक्त बातें प्रदेश के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण मंत्री तथा कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने आज कवर्धा विकासखण्ड के बिरकोना के आदर्श गौठान में पेंशन सखी कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सभा को संबोधित करते हुए कही। पेंशन सखी के काम की तारिफ करते हुए मंत्री अकबर ने कहा कि कबीरधाम में 92 पेंशन सखी अपने हितग्राहियों, ग्रामीणों से उनके घरों में मिलेगी और शासन के हितग्राही मूलक योजना का नगद भुगतान करेगी।

पेंशन सखी की सुविधा मिल जाने से ग्रामीणों को अपने गांव से दूर शहर तक बैंक में आने की जरूरत नहीं है जिससे ग्रामीणों का बैंको में आने-जाने का खर्च बचेगा साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है जो शारीरिक रूप से कमजोर हैं उन्हें अपने ही घर में शासन से वित्त सुविधा मिल जायेगी। शुभारंभ के अवसर पर विधानसभा क्षेत्र पण्डरिया के विधायक ममता चन्द्राकर, नगर पालिका अध्यक्ष ऋषी शर्मा, कलेक्टर अवनीश कुमार शरण, पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेंन्द सिंह, जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. सहित कन्हैया अग्रवाल, कलीम खान, प्रमोद लुनिया अशोक सिंह एवं ग्रामीणों के साथ अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी/कर्मचारी विशेष रूप से उपस्थित थे।

मंत्री अकबर ने कहा कि पेंशन सखी से जुड़ी महिलाओं को भी आर्थिक फायदा होगा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को समूह के साथ जोड़ा गया है महिला समूह अपने क्षेत्र के बैंको से वित्त लेन-देन करते हुए ग्रामीणों को अपने स्मार्टफोन एवं बायोमेट्रीक डीवाइस के सहायता से राशि का भुगतान करेंगे। पेंशन सखी के शुभारंभ अवसर पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने सभी 92 पेंशन सखी को प्रमाण पत्र देकर योजना का शुभारंभ किया और कहा की इस सुविधा का लाभ जिले के सभी ग्रामण क्षेत्रों मे मिलेगा। सुदूर वंनाचल क्षेत्र से लेकर मैदानी क्षेत्र तक पेंशन सखी का लाभ ग्रामीण ले सकेंगे।

जिला पंचायत कबीरधाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाए गए स्व.सहायता समूह की महिला सदस्य के द्वारा बीसी सखी का कार्य किया जा रहा है। बीसी सखी को जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर बैंकों से एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों के द्वारा इस कार्य को करने के लिए पूर्ण रूप से प्रशिक्षण दिया गया है। एनआरएलएम योजना के द्वारा सभी बीसी सखी को फिंगर प्रिंट स्कैनर (बायोमैट्रिक डीवाइस) उपलब्ध कराया गया है। इसके सहायता से बीसी सखी अपने बैंकिंग क्षेत्र के पेंशन हितग्राहियों का अंगूठा स्कैन कर पेंशन की राशि वरिष्ट नागरिकों को उनके घर में ही दे रही है। इस सुविधा से ग्रामीणों को शहर तक आने की जरूरत नहीं तथा आने जाने में होने वाला व्यय एवं उस दिन का काम छोड़ने से होने वाला नुकसान भी रूक गया है।

कबीरधाम जिले में 92 बीसी सखी अपनी सेवाएं दे रही हैं जो जिले के विभिन्न बैंको से जुड़कर ग्रामीणों को यह सुविधा दे रही है। सभी 461 ग्राम पंचायतों में सुविधाओं का विस्तार हो चुका है जिसमें प्रत्येक 5 ग्राम पंचायत पर एक बीसी सखी अपनी सेवाएं दे रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बनाये गए स्व.सहायता समूह की महिला सदस्य के द्वारा बीसी सखी का कार्य किया जा रहा है। बीसी सखी को जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर बैंकों से एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों के द्वारा इस कार्य को करने के लिए पूर्ण रूप से प्रशिक्षण दिया गया है। एन.आर.एल.एम.योजना के द्वारा सभी बीसी सखी को फिंगर प्रिंट स्कैनर (बायोमैट्रिक डीवाइस) उपलब्ध कराया गया है।

इसके सहायता से बीसी सखी अपने बैंकिंग क्षेत्र के पेंशन हितग्राहियों का अंगूठा स्कैन कर पेंशन की राशि वरिष्ट नागरिकों को उनके घर में ही दे रही है। इस सुविधा से ग्रामीणों को शहर तक आने की जरूरत नहीं तथा आने जाने में होने वाला व्यय एवं उस दिन का काम छोड़ने से होने वाला नुकसान भी रूक गया है। सखी पेंशन कार्य क्षेत्र ग्राम स्तर पर ही है। मैदान क्षेत्र से लेकर जंगल क्षेत्र तक मिलने वाली इस सुविधा से ग्रामीणों में बहुत उत्साह है, क्योंकि वृद्धा अवस्था पेंशन हो या सामाजिक सुरक्षा पेंशन अथावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का मजदूरी भुगतान गांव में ही सहजता से ग्रामीणों को मिल रही है।

राज्य शासन द्वारा निरन्तर प्रयास किया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार करते हुए रोजगार के अवसर के साथ आजीविका संर्वधन किया जाए। इसका ही परिणाम है कि विगत दो माह में बीसी सखी के लिए महिलाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित कर तैयार किया गया जिसका परिणाम है की आज वे घर-घर जाकर ग्रामीणों को शासकीय योजना से लाभान्वित कर रहें है। जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर संचालित बैंकों की सेवाएं ग्रामीणों के घर तक पहुंच गई है। केवल खाता खोलने को छोड़कर बाकी लेन-देन के सभी कार्य बीसी सखी बड़ी सुगमता से कर रहीं है। जनपद पंचायत कवर्धा में 20, जनपद पंचायत बोड़ला में 25, जनपद पंचायत स.लोहारा में 18 एवं जनपद पंचायत पण्डरिया में 29 बीसी सखी के काम से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर हो गयी है जो बैंको की लेन देन में सीधे जुड़कर ग्रामीणों को लाभ पहुंचा रही है।

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