आने वाले 48 घंटों में जारी होगी भाजपा ज़िलाध्यक्षों की सूची.. एक साथ नहीं बल्कि किश्तों में जारी होगी सूची

Update: 2020-07-25 13:54 GMT

रायपुर,25 जुलाई 2020। सत्ता से क़रीब डेढ़ बरस की दूरी के बावजूद भाजपा के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। सत्ता के दौर में ज़मीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और संगठन पर हावी हुए आयातित लोगों पर ख़ास नज़रें इनायत ने भाजपा के आधारभूत कार्यकर्ता को खिन्न कर दिया। नतीजतन रेत की तरह सत्ता हाथ से फिसल गई। पर अब जबकि भाजपा सत्ता से बेदख़ल है, संगठन अब तक उस दिशा की ओर बढ़ते नहीं दिख रहा है कि, यह संकेत मिले कि देवतुल्य कार्यकर्ताओं को मनाने और उनकी राय सलाह को सम्मानित किया जा रहा है।

भाजपा ज़िला संगठन में अध्यक्ष पद के मनोनयन जिसे कि सर्वसम्मति के शाब्दिक आवरण के साथ पढ़ा जाता है, वे पद अगर अब भी रिक्त हैं तो उसकी बड़ी वजह पार्टी पर प्रभाव बनाए रखने की जद्दोजहद है।प्रदेश अध्यक्ष के रुप में तमाम कद्दावर और अपेक्षाकृत मज़बूत आक्रामक नामों की मौजुदगी के बावजूद जिस नाम पर मुहर लगी उसने सवाल ही नहीं बल्कि सवाल की श्रृंखला ही खड़ी कर दी।

यही आलम बल्कि इससे भी ज़्यादा घमासान ज़िलों में है। नतीजतन ज़िलाध्यक्षों की नियुक्ति का मसला बस टल रहा है। शायद ऐसा पहली बार हो रहा है जबकि कोई भी ज़िम्मेदार पदाधिकारी यह नहीं बता पा रहा है कि ज़िलाध्यक्षों की सुची कब तक आएगी या कि यदि नहीं आ रही है तो मसला अटका कहाँ है।

हालाँकि प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय ने NPG से कहा
“जल्द ही ज़िलाध्यक्षों की नियुक्ति की सूचियाँ क्रमवार जारी होंगी..”

क्रमवार शब्द का प्रयोग स्पष्ट करता है कि एक बार में ही यह सुची जारी नहीं होगी।यह किश्तों में जारी होगी। जैसे कि अचानक नवगठित पेंड्रा मरवाही गौरेला ज़िले के लिए ज़िलाध्यक्ष का नाम घोषित किया गया, और उसके क़रीब चार दिन बाद जबकि यह खबर लिखी जा रही है जशपुर ज़िलाध्यक्ष का नाम घोषित किया गया। संकेत हैं कि, आने वाले 48 घंटों में किश्तों में नाम घोषित करने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी। हालाँकि इसे अधिकृत तौर पर कहने को कोई तैयार नहीं है।

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