कोरोना में गरीबों की हालत खराब…मजदूरों को सरकार 500 रुपए दैनिक मजदूरी दे सरकार-परेश

Update: 2020-07-25 12:06 GMT

रायपुर, 25 जुलाई 2020। भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक परेश बागबाहरा ने कोरोना के दौरान दैनिक मजदूरी 500 रुपए देने की मांग की है। परेश ने एक प्रदेश सरकार से माॅंग की है कि प्रदेश में मजदूरों के बीच इस कोरोना संक्रमण काल में गरीबी बुरी तरह बढ़ रही है इसलिये ग्रामीण एवं शहरी मजदूरों को पाॅंच सौ रूपये दैनिक का भुगतान किया जाये । कोरोना के कारण दूसरे प्रदेशों में काम करने गये मजदूर बिना भुगतान लिये पैदल घर वापस लौट आये हैं। वहीं इस साल कोई मजदूर ठेकेदार (जाॅंगर कोचिया) किसी भी मजदूर परिवार को एडवांस देकर दूसरे प्रदेशों में काम करने ले जाने को तैयार नहीं है ।

परेश बागबाहरा ने कहा कि उगलती गर्मी में अपना खून-पसीना जलाकर वनोपज इकट्ठा करने वाले विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों का लगभग 1 हजार करोड़ रूपये (तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बोनस का 597 करोड़ रूपये एवं तेन्दूपत्ता समितियों के लाभांश का 432 करोड़ रूपया) सरकार नहीं दे पा रही है इसलिये प्रदेश सरकार, वनोपज की वर्तमान खरीदी कीमत को बढ़ाकर डेढ़ गुना करें ताकि सरकार के खजाने में आदिवासियों के गाढ़ी कमाई के रूपयों की अफरातफरी बंद हो ।

उन्होंने कहा कि गंगाजली घोषणा पत्र से पूरी तरह मुॅंह मोड़ लेने वाली प्रदेश की कांगे्रस सरकार पर किसानों के मन में अविश्वास गहराता जा रहा है कि प्रदेश सरकार उनके बाकी तीन किश्त देगी कि नहीं ? जबकि राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण से आहत कृषि में जान फूॅंकने के लिये खरीफ का धान 15 क्विंटल प्रति एकड़ के बदले 20 क्विंटल तथा रूपये 2500/- प्रति क्विंटल के बदले रूपये 3000/- में खरीदना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की दिशाहीन व्यापारिक एवं औद्योगिक नीति तथा कोरोना एवं लाॅकडाउन के अस्त-व्यस्त प्रबंधन के कारण पूरा व्यापार ठप्प हो गया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अपरिपक्व निर्णयों के कारण प्रदेश का खजाना खाली हो गया है तथा प्रदेश देश की बीमारू राज्यों की श्रेणी में नंबर वन होती जा रही है ।

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