Online शॉपिंग के चक्कर में मत करना ये गलती! नहीं तो होगा बड़ा नुक्सान; बस एक क्लिक में सारा बैंक अकाउंट हो सकता है साफ़, जानिये वो कैसे

Update: 2025-10-23 10:18 GMT

Drip Pricing Scam

नई दिल्ली। आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का तरीका बेहद आसान हो गया है। लोग त्योहारी सीजन के चलते इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। लोग अक्सर अच्छे और सस्ते सामान की खरीदारी के चक्कर में भूल जाते हैं कि, जो चीज उन्हें सस्ती और किफायती लग रही है, क्या वह वाकई में सही है।

ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अक्सर ऐसा होता है कि आपने कोई ऑफर देखा और उस आइटम को कार्ट में डाल दिया, लेकिन जब दोबारा खोलकर देखें तो उसके दामों में बदलाव देखने को मिलता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके साथ 'ड्रिप प्राइसिंग स्कैम' का खेल खेला जाता है।

क्या होता है 'ड्रिप प्राइसिंग स्कैम'?

'ड्रिप प्राइसिंग' ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक ‘डार्क पैटर्न’ है, जहाँ आपको प्रोडक्ट की पूरी कीमत एक बार में नहीं दिखाई जाती। जब किसी प्रोडक्ट की पूरी कीमत पहले से छिपाई जाती है और चेकआउट के दौरान बाद में अतिरिक्त शुल्क जोड़े जाते हैं।

आजकल यह तरीका लगभग हर बड़ी वेबसाइट अपना रही है। इसमें Flipkart और Amazon के साथ-साथ कई ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स जैसे Swiggy और Zepto जैसी कम्पनियाँ भी इस स्कैम को अंजाम दे रही हैं। जिससे ये बड़ी कम्पनियाँ अच्छा-खासा मोटा पैसा कमा रही हैं। कहने का मतलब ये कि 'हाथी के दांत खाने के कुछ, दिखाने के कुछ और..' यानी कि आपको जो कीमत प्रोडक्ट की दिखाई जाती है, वह वास्तव में वैसी ही नहीं होती। उसमें कई सारे चार्जेस जोड़ दिए जाते हैं, जिसमें डिलीवरी चार्ज, प्लेटफॉर्म चार्ज, हैंडलिंग चार्ज आदि शामिल होते हैं, जिसे 'ड्रिप प्राइसिंग स्कैम' भी कहा जाता है।


सरकार ने दी चेतावनी

आपको बता दें कि, इस समस्या को लेकर सरकार ने चेतावनी भी जारी की है। सरकार ने सभी ऑनलाइन खरीदारों को 'ड्रिप प्राइसिंग' धोखाधड़ी के चालाकी भरे तरीके से सावधान किया है। Consumer Affairs के आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट से ट्वीट करके ऑनलाइन शॉपिंग में चल रहे इस धोखाधड़ी के खिलाफ चेतावनी जारी की गई है।

ट्वीट में लिखा गया है कि, "डील पहले तो बहुत अच्छी लगती है, लेकिन आखिर में छिपे हुए चार्ज से कीमत बढ़ जाती है- यही 'ड्रिप प्राइसिंग डार्क पैटर्न' है। यह तरीका आपकी फाइनल बिल को चुपके से बढ़ा सकता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही हुआ है तो आप नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1915 पर कॉल करके सीधे शिकायत कर सकते हैं।"

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