धोखाधड़ी पर नया वार: अब मोबाइल नंबर बताएगा कौन है फ्रॉड! DoT ने लॉन्च किया 'Financial Fraud Risk Indicator' टूल

DoT Launches Financial Fraud Risk Indicator Tool: DoT ने फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) टूल लॉन्च किया है जो मोबाइल नंबर की जांच कर धोखाधड़ी का खतरा बताता है। अब आपका पेमेंट ऐप संदिग्ध नंबर से आने वाली कॉल या लेनदेन पर तुरंत अलर्ट देगा। इससे डिजिटल लेनदेन पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

Update: 2025-05-23 04:40 GMT
धोखाधड़ी पर नया वार: अब मोबाइल नंबर बताएगा कौन है फ्रॉड! DoT ने लॉन्च किया Financial Fraud Risk Indicator टूल
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DoT Launches Financial Fraud Risk Indicator Tool: क्या आपको भी अनजान नंबरों से आने वाले मैसेज या कॉल से डर लगता है? क्या आप सोचते हैं कि कहीं ऑनलाइन लेनदेन करते हुए आप भी ठगे तो नहीं जाएंगे? अब इस डर से आपको आज़ादी मिलने वाली है। भारत सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो सीधे आपकी जेब और आपके भरोसे की रक्षा करेगा। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) नाम का एक नया, बेहद स्मार्ट टूल लॉन्च किया है।

यह टूल कोई सामान्य सिस्टम नहीं, बल्कि एक डिजिटल 'सुरक्षा गार्ड' है जो हर संदिग्ध मोबाइल नंबर पर अपनी पैनी नज़र रखेगा। यह सिर्फ धोखाधड़ी को पकड़ने वाला नहीं, बल्कि उसे होने से पहले ही रोकने वाला एक नया हथियार है। आइए जानते हैं यह टूल कैसे काम करेगा और कैसे यह आपको धोखाधड़ी से बचाकर डिजिटल दुनिया में और भी ज़्यादा सुरक्षित महसूस कराएगा।

अब आपका मोबाइल नंबर ही बनेगा 'खतरे का सूचक'

पहले धोखाधड़ी होने के बाद ही हमें पता चलता था कि हम ठगे गए हैं। लेकिन FRI टूल इस सोच को पूरी तरह बदल देगा। यह सिस्टम हर मोबाइल नंबर को एक 'सुरक्षा रेटिंग' देगा। जैसे ही कोई नंबर धोखाधड़ी की कोशिश में शामिल होता है, FRI उसे तुरंत पहचान लेगा और उसे तीन श्रेणियों में रखेगा: मीडियम (मध्यम), हाई (उच्च), और वेरी हाई (बहुत उच्च) जोखिम। सोचिए, एक नंबर जो किसी फ्रॉड में इस्तेमाल हुआ है, उसे मिनटों में 'वेरी हाई' रिस्क पर मार्क कर दिया जाएगा।

यह सब जानकारी DoT कई जगहों से इकट्ठा करता है, जैसे साइबर क्राइम की शिकायतें, इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म्स, और बैंकों से मिलने वाली खास रिपोर्टें। यह डेटा एक साथ मिलकर एक ऐसा 'पैटर्न' बनाते हैं, जिससे धोखेबाजों के नंबरों को पहचानना आसान हो जाता है। यह सारी जानकारी तुरंत आपके पसंदीदा पेमेंट प्लेटफॉर्म्स, जैसे PhonePe, Paytm और Google Pay के साथ शेयर की जाती है।

फ्रॉड कॉल से लेकर UPI स्कैम तक, अब सब पर लगेगी लगाम

FRI टूल का सबसे बड़ा असर सीधे आपकी सुरक्षा पर पड़ेगा। अब अगर कोई 'वेरी हाई' जोखिम वाले नंबर से आपको फोन करता है या आपसे पैसे भेजने को कहता है, तो आपका पेमेंट ऐप ही आपको तुरंत अलर्ट कर देगा।

उदाहरण के लिए, PhonePe ने तो इसे अपने सिस्टम में जोड़ भी लिया है। अगर आप गलती से भी किसी संदिग्ध नंबर से जुड़ा लेन-देन करने की कोशिश करेंगे, तो PhonePe उसे तुरंत रोक देगा और स्क्रीन पर लाल रंग में चेतावनी दिखाएगा। 'मीडियम' जोखिम वाले नंबरों के लिए भी ऐप आपको आगाह करेगा ताकि आप सावधानी बरतें।

इसका मतलब है, धोखेबाजों के पास अब छिपने की जगह नहीं बचेगी। वे अक्सर नए-नए नंबरों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब FRI ऐसे हर नए नंबर को तुरंत पकड़ लेगा और उसकी 'पोल खोल' देगा। बैंक और वित्तीय संस्थान भी इस जानकारी का इस्तेमाल करके उन नंबरों को ब्लॉक कर सकेंगे जो धोखाधड़ी में शामिल हैं, जिससे किसी भी तरह का नुकसान होने से पहले ही उसे रोका जा सकेगा।

डिजिटल इंडिया में विश्वास का नया दौर

यह FRI टूल सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि देश में डिजिटल लेनदेन को लेकर विश्वास का एक नया दौर शुरू करेगा। जब आप जानते हैं कि हर अनजान नंबर पर सरकार की पैनी नज़र है, तो आप निश्चिंत होकर ऑनलाइन लेनदेन कर सकेंगे। यह कदम दर्शाता है कि सरकार हमारे पैसे और हमारी सुरक्षा को कितनी अहमियत देती है। अब हर मोबाइल नंबर एक 'जासूस' की तरह काम करेगा, जो आपको किसी भी खतरे से पहले ही आगाह कर देगा। यह वाकई धोखाधड़ी के खिलाफ एक गेम-चेंजर है, जो हमें एक सुरक्षित डिजिटल भविष्य की ओर ले जाएगा।


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