Changing Technology and Increasing Scams: तिरुवनंतपुरम के SBI एटीएम से 2.52 लाख रुपये की चोरी

Update: 2024-11-24 10:30 GMT

तकनीकी विकास ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इसी के साथ साइबर अपराधों और धोखाधड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में तिरुवनंतपुरम के फोर्ट क्षेत्र में SBI के एक एटीएम से 2.52 लाख रुपये की चोरी का मामला सामने आया है। इस घटना में दो अज्ञात व्यक्तियों पर कैश डिलीवरी सिस्टम में हेराफेरी करने का आरोप है। फोर्ट पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ यह स्कैम?

घटना जून 2022 और जुलाई 2023 के बीच हुई। आरोपियों ने पद्मविलास रोड स्थित एसबीआई के एटीएम का उपयोग कर कई चोरी या खोए हुए एटीएम कार्ड से पैसे निकाले। उन्होंने एक विशेष तकनीक अपनाई, जिसमें कैश निकालने के बाद एटीएम के कैश डिलीवरी बॉक्स में एक नोट छोड़ दिया जाता था।

इस प्रक्रिया के कारण एटीएम ट्रांजैक्शन अधूरा रह जाता और मशीन टाइमआउट एरर दिखाती। बैंक के सिस्टम में यह ट्रांजैक्शन विफल मान लिया जाता, जिससे आरोपियों के खाते से पैसे नहीं कटते थे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आरोपी एटीएम पिन जाने बिना पैसे कैसे निकाल पा रहे थे।

इस तकनीक से कितना नुकसान?

इस स्कैम में कुल 2.52 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। बैंक ने अपने रिकॉर्ड की जांच के बाद इस हेराफेरी का पता लगाया। इस तरह की धोखाधड़ी न केवल बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आम ग्राहकों को भी चिंता में डालती है।

बढ़ते साइबर अपराध और सावधानियां

एटीएम से पैसे चुराने के इस तरह के मामले यह दिखाते हैं कि स्कैमर्स तकनीक के साथ कदम मिलाकर चल रहे हैं। इस घटना ने बैंकिंग संस्थानों को अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है।

ग्राहकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। चोरी या खोए हुए एटीएम कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवाएं। एटीएम का उपयोग करते समय गोपनीयता बनाए रखें और कभी भी किसी को अपना पिन साझा न करें।

पुलिस और बैंकिंग संस्थान की कार्रवाई

पुलिस मामले की जांच में जुटी है और आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि एटीएम की तकनीकी सुरक्षा को और उन्नत किया जाना चाहिए।

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