Apple-Starlink का महाधमाका! अब iPhone बिना नेटवर्क के भी करेगा काम, मैसेजिंग से लेकर इमरजेंसी कॉल तक सब मुमकिन, जानें कैसे
Apple Starlink Partnership For iPhone Satellite Connectivity: Apple ने SpaceX की Starlink के साथ साझेदारी की है, जिससे iPhone यूजर्स बिना नेटवर्क के टेक्स्ट मैसेजिंग और इमरजेंसी कॉल कर सकेंगे। यह सुविधा iOS 18.3 अपडेट के साथ आएगी, शुरू में अमेरिका में उपलब्ध होगी।
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Apple Starlink Partnership For iPhone Satellite Connectivity: टेक दुनिया में एक बड़ी खबर है! Apple ने Elon Musk की कंपनी SpaceX के साथ मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम किया है, जो iPhone को बिना सेलुलर नेटवर्क या वाई-फाई के भी चलाने में सक्षम बनाएगी। इस पार्टनरशिप के तहत, iPhone यूजर्स अब Starlink सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए मैसेज भेज सकेंगे, इमरजेंसी कॉल कर सकेंगे, और भविष्य में डेटा का भी इस्तेमाल कर पाएंगे। यह फीचर खासकर उन इलाकों के यूजर्स के लिए वरदान साबित होगा, जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचता। चलिए जानते है आगे की पुरी जानकारी विस्तार से।
क्या है Starlink और Apple का प्लान?
SpaceX का Starlink सैटेलाइट नेटवर्क दुनिया भर में इंटरनेट पहुंचाने का काम करता है। अब Apple, इन्हीं सैटेलाइट्स का इस्तेमाल करके iPhone यूजर्स को नेटवर्क-फ्री एरिया में भी कनेक्टिविटी देगा। शुरुआत में यह सुविधा सिर्फ टेक्स्ट मैसेजिंग तक सीमित रहेगी, लेकिन आने वाले समय में यूजर्स वॉइस कॉल और डेटा यूज भी कर सकेंगे।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
अभी तक, iPhone का "Emergency SOS via Satellite" फीचर ग्लोबलस्टार सैटेलाइट्स पर निर्भर था। इसमें यूजर्स को फोन को सैटेलाइट की दिशा में घुमाना पड़ता था। लेकिन Starlink के साथ नया सिस्टम ऑटोमैटिक काम करेगा। मतलब, यूजर्स को कुछ भी करने की जरूरत नहीं होगी – फोन खुद सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा। यह टेक्नोलॉजी iOS 18.3 अपडेट के साथ आएगी, जिसे कुछ यूजर्स पहले ही टेस्ट कर रहे हैं।
किन iPhone मॉडल्स में मिलेगी यह सुविधा?
Apple ने बताया है कि यह फीचर iPhone 16 सीरीज और नए मॉडल्स में ही उपलब्ध होगा। साथ ही, कंपनी इस साल के अंत में Apple Watch Ultra में भी इसे लॉन्च करने की तैयारी में है। हालांकि, शुरुआत में यह सिर्फ अमेरिका के यूजर्स के लिए ही लॉन्च होगा। बाद में इसे दूसरे देशों में भी एक्सपैंड किया जाएगा।
T-Mobile के साथ है खास डील
इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए Apple ने टेलीकॉम कंपनी T-Mobile के साथ साझेदारी की है। T-Mobile के कुछ यूजर्स को पहले ही इस सर्विस का बीटा वर्जन टेस्ट करने के लिए मौका मिला है। इन यूजर्स को iOS 18.3 अपडेट करने के बाद एक मैसेज मिला है: "आप T-Mobile Starlink बीटा में हैं। अब आप लगभग कहीं से भी सैटेलाइट के जरिए टेक्स्टिंग के लिए जुड़े रह सकते हैं।"
यूजर्स को क्या मिलेगा फायदा?
▪︎इमरजेंसी में मदद: पहाड़ों, जंगलों, या समुद्र में फंसे यूजर्स बिना नेटवर्क के भी सीधे इमरजेंसी सर्विसेज से संपर्क कर सकेंगे।
▪︎ट्रैवलर्स के लिए वरदान: रेमोट एरिया में घूमने वाले लोग अब परिवार को मैसेज या लोकेशन शेयर कर पाएंगे।
▪︎भविष्य की तैयारी: आने वाले समय में सैटेलाइट इंटरनेट की स्पीड बढ़ने से वीडियो कॉलिंग और स्ट्रीमिंग भी संभव होगी।
क्या भारत में भी मिलेगी यह सुविधा?
अभी यह सर्विस अमेरिका तक सीमित है, लेकिन Apple की योजना इसे भारत समेत अन्य देशों में लाने की है। हालांकि, भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए सरकारी मंजूरी और इंफ्रास्ट्रक्चर चुनौती बन सकते हैं। फिलहाल, भारतीय यूजर्स को इंतजार करना होगा।
पहले से कैसे अलग है यह टेक्नोलॉजी?
2022 में Apple ने iPhone 14 के साथ "Emergency SOS via Satellite" लॉन्च किया था, जो ग्लोबलस्टार सैटेलाइट्स पर काम करता था। नई Starlink टेक्नोलॉजी इससे कई गुना तेज और विश्वसनीय होगी, क्योंकि SpaceX के पास पृथ्वी के चारों ओर हज़ारों सैटेलाइट्स का नेटवर्क है।
अंतिम बात:
Apple और Starlink की यह पार्टनरशिप टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया मुकाम है। आने वाले समय में स्मार्टफोन की परिभाषा ही बदल सकती है, जहां नेटवर्क की कमी आपके काम में रुकावट नहीं बनेगी। हालांकि, इसकी कीमत और भारत जैसे देशों में उपलब्धता अभी बड़े सवाल हैं। फिलहाल, यह टेक्नोलॉजी दुनिया को "कनेक्टिविटी की आजादी" की एक झलक दिखा रही है।