NASA in Sun Mission: नासा को मिली बड़ी सफलता: सूरज के सबसे करीब पहुंचा यान "द पार्कर सोलर प्रोब", जानिए कब लौटेगा...
NASA in Sun Mission: नासा को मिली बड़ी सफलता: सूरज के सबसे करीब पहुंचा यान "द पार्कर सोलर प्रोब", जानिए कब लौटेगा...
NASA in Sun Mission: नईदिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA का स्पेसक्राफ्ट पार्कर सोलर प्रोब ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर इतिहास बनाया है. उसने सूरज के सबसे नजदीक जाने का रिकॉर्ड बनाया है. एक छोटी कार के आकार का यह यान सूरज की सतह से 61 लाख km दूर से गुजरा. जिस समय यह सूरज के नजदीक से गुजर रहा था तब इसकी गति 6.90 लाख किलोमीटर प्रति घंटा थी. ये इतनी गति है कि इससे टोक्यो से वॉशिंगटन डीसी की यात्रा एक मिनट से भी कम समय में हो जाए. यह दुनिया की पहली ऐसी इंसानों द्वारा निर्मित वस्तु है, जिसने अपनी ही गति और सूरज के नजदीक पहुंचने का रिकॉर्ड तोड़ा है. लेकिन... वैज्ञानिकों को इस बात की फिक्र है कि ये जिंदा बचा या नहीं. अगर यह जिंदा है तो कुछ दिनों बाद ये सूरज के दूसरी तरफ से सिग्नल भेजेगा. अगर नहीं तो इसकी कहानी यहीं खत्म.
दरअसल, नासा साइंस मिशन डायरेक्टोरेट की एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकोला फॉक्स ने कहा कि पार्कर ने वो हासिल कर लिया है, जिसके लिए उसे भेजा गया था. अगर सबकुछ सही होगा तो हमारा सिग्नल उसे 27 दिसंबर तक मिलेगा. इसके बाद उसका सिग्नल आएगा. अगर सिग्नल आता है तो समझिए कि पार्कर जिंदा है. इस मिशन के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नूर रवाफी ने कहा कि पार्कर ने सूरज के नजदीक से गुजरने के दौरान जो तस्वीरें ली हैं, वो अगले साल जनवरी में नासा को मिलेंगी. इसके बाद बाकी के डेटा तब मिलेंगे जब वो सूरज से और दूर चला जाएगा. हम पार्कर के पहले स्टेटस अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. पार्कर सोलर प्रोब मिशन ऑपरेशन मैनेजर निक पिनकाइन ने कहा कि आजतक कोई इंसानी वस्तु हमारे तारे के इतने नजदीक से नहीं गुजरा. पार्कर अब ऐसी जगह से हमें डेटा भेजेगा, जहां से कभी कोई डेटा नहीं मिला. यानी सूरज के दूसरी तरफ से.
पार्कर सोलर प्रोब ने पिछले साल सूरज के चारों तरफ 17वां चक्कर लगाया. इस दौरान उसने दो रिकॉर्ड बनाए थे. पहला ये कि वो सूरज के बेहद नजदीक गया. दूसरा उसकी स्पीड का. पिछले साल की दूरी... पार्कर सूरज की सतह से मात्र 72.60 लाख km दूर से निकला था. कितनी स्पीड थी तब... पार्कर तब 6.35 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल रहा था. पार्कर सोलर प्रोब ने ये दोनों रिकॉर्ड 27 सितंबर 2023 को बनाए थे. इस यात्रा में शुक्र ग्रह की ग्रैविटी ने मदद की. शुक्र ग्रह की ग्रैविटी का फायदा उठाते हुए पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के नजदीक जाकर दिखाया. तेज गति में वहां से निकल भी गया.
पिछले साल पार्कर ने एक सौर तूफान को भी बर्दाश्त किया था. जॉन्स हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी के मुताबिक सौर लहर यानी CME कई बार इतने ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करती हैं, जो अरबों टन प्लाज्मा छोड़ती हैं. इनमें से कई तो 96.56 से 3057.75 km/ सेकेंड की गति से चलती हैं. यह इतिहास का सबसे तेज चलने वाला अंतरिक्षयान है. 2018 में लॉन्च किए गए पार्कर सोलर प्रोब में खास तरह के हीटशील्ड लगे हैं. साथ ही ऑटोनॉमस सिस्टम है जो उसे सूरज के तूफाने से बचाते रहते हैं. पार्कर ने पहला सौर तूफान तब बर्दाश्त किया था, जब वह सूरज की सतह से 5.70 करोड़ किलोमीटर दूर था. इन सौर तूफानों की स्टडी करने से यह पता चलेगा कि अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच जो सौर धूल उड़ती है, उसका क्या काम है. वह किसी भी ग्रह की ग्रैविटी, वायुमंडल या मैग्नेटिक फील्ड पर किस तरह से असर डालती हैं.