ISRO in NVS-02 Mission: ISRO को लगा तगड़ा झटका, 100वें मिशन पर आई बड़ी मुसीबत, पढ़िए पूरी खबर...

ISRO in NVS-02 Mission: ISRO को लगा तगड़ा झटका, 100वें मिशन पर आई बड़ी मुसीबत, पढ़िए पूरी खबर...

Update: 2025-02-06 06:20 GMT

ISRO in NVS-02 Mission: नईदिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया है कि उसके नेविगेशन सैटेलाइट NVS-02 में तकनीकी खराबी आ गई है. इस सैटेलाइट को 29 जनवरी को GSLV-F15 के जरिये लांच किया गया था। जो श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसरो का 100वां लॉन्च था.

सैटेलाइट अब अण्डाकार भू-समकालिक स्थानांतरण कक्ष (GTO) में पृथ्वी का चक्कर लगा रहा है, जो नेविगेशन सिस्टम के लिए उपयुक्त नहीं है. इसरो ने कहा, "सैटेलाइट सिस्टम ठीक है और सैटेलाइट मौजूदा वक्त में अण्डाकार ऑर्बिट में है. अण्डाकार ऑर्बिट में नेविगेशन के लिए सैटेलाइट का उपयोग करने के लिए वैकल्पिक मिशन रणनीतियों पर काम किया जा रहा है." GSLV रॉकेट द्वारा सैटेलाइट को सफलतापूर्वक जीटीओ में स्थापित करने के बाद, इसके सौर पैनल प्लान के मुताबिक तैनात हो गए और बिजली उत्पादन स्थिर रहा. स्पेस एजेंसी ने पुष्टि की कि ग्राउंड स्टेशन के साथ संचार स्थापित हो गया था. अधिकारियों ने कहा कि लॉन्च सफल रहा, सभी चरणों ने बिना किसी गलती के परफॉर्म किया. 

NVS-02 सैटेलाइट भारत की अगली पीढ़ी की NavIC सिस्टम का दूसरा उपग्रह है. NavIC एक क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जिसे पूरे भारत में और इसकी सीमाओं से 1,500 किमी दूर तक के उपयोगकर्ताओं के लिए सटीक स्थिति, वेग और समय संबंधी डेटा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. NVS-02, NavIC की क्षमताओं को बढ़ाएगा, जिससे नेविगेशन, कृषि, इमरजेंसी प्रतिक्रिया, मैनेजमेंट और मोबाइल डिवाइस लोकेशन सर्विसेज जैसे एप्लीकेशंस को फायदा होगा. इसमें हाई एक्यूरेसी सुनिश्चित करने के लिए तीन फ्रीक्वेंसी बैंड (L1, L5, और S) पर संचालित एक एडवांस नेविगेशन पेलोड है.

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