पोस्टर जारी कर श्रेय लेने का संजय शर्मा पर लगा आरोप… शिक्षाकर्मी कर रहे हैं सोशल मीडिया में छिंटाकशी….. प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव ने भी ट्वीट कर साधा निशाना , लिखा – किसने बनाया आपको सभी शिक्षकों का ठेकेदार ?….जवाब में संजय बोले…”जिन्हें नहीं करनी है कोरोना पीड़ितों की सहायता वो खुलकर सामने आयें”
रायपुर 27 मार्च 2020। प्रदेश में शिक्षाकर्मी बिरादरी संघर्ष और सहयोग दोनों के मामले में निर्विवाद रूप से सबसे आगे हैं लेकिन शिक्षाकर्मियों के एक नेता अपने श्रेय लेने के खेल के चलते सदैव आम शिक्षाकर्मियों के निशाने में रहते हैं अब कोरोना के लिए वेतनदान करने के मामले में भी ऐसा ही हुआ है । छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कोरोना महासंकट के समय सरकार के साथ खड़े होने की बात कही थी और प्रदेश के आम शिक्षाकर्मियों की भी यही भावना थी लेकिन जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा पोस्टर जारी करके 35 करोड़ रुपये देने का दावा किया गया वह शिक्षाकर्मियों और अन्य संगठनों के गले नहीं उतरा।
” शिक्षक संघ के अपने आप को बड़ा नेता कहने वाले इन महाशय जी को सिर्फ अपने संघ की ओर से 35 करोड़ रुपये राजकोष में जमा करके सबूत शिक्षक वर्ग को दिखाना चाहिए । निर्णय स्वयं लिए हैं हमसे पूछ कर नहीं , कोई इन्हें समझाएं जिम्मेदारी केवल अपने संघ का लेवें “
एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि
” छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के बड़े नेता जी ने 35 करोड़ दान राजकोष में देने की घोषणा सोशल मीडिया पर वायरल किया है जो कि काबिले तारीफ है, लेकिन ये घोषणा उन्होंने किस से पूछकर किया है, सारे शिक्षक संघ का ठेकेदार वह ही है क्या ? 35 करोड सिर्फ अपने संघ से देवें
“छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन सर्वाधिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करता है, कोरोना महामारी से बचाव में सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एसोसिएशन सदस्य व शिक्षको के एक दिन के वेतन की राशि जमा करने का निर्णय लिया गया है, यह मुख्यमंत्री जी के अपील पर सहयोग है, मुख्यमंत्री जी, मुख्यसचिव जी, को पत्र लिखकर एक दिन के वेतन को कटौती कर राहत कोष में जमा करने का आग्रह किया गया है,, किसी व्यक्ति या संघ को सहयोग नहीं करना हो तो वे स्वतंत्र है, इससे पहले भी कई आपदा में शिक्षको ने सहयोग किया है”