Jaggi Murder Case: जग्गी हत्याकांड: फिरोज सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
Jaggi Murder Case: प्रदेश के चर्चित राम अवतार जग्गी हत्याकांड के एक आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट से सजा की अपील खारिज होने के बाद फिरोज सिद्दीकी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
Jaggi Murder Case: रायपुर। जग्गी हत्याकांड के आरोपियों में शामिल फिरोज सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सिद्दीकी ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एओआर) समीर श्रीवास्तव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्पेशल लीव पटिशन (एसएलपी) दायर की। सजा के निलंबन के लिए अपील 06 मई 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी। अधिवक्ता समीर श्रीवास्तव की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय सहमत हो गया और फिरोज सिद्दीकी को जमानत दे दी।
बता दें कि 2003 में हुए इस चर्चित हत्याकांड में सीबीआई ने 31 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 28 बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी बन गए थे, जबकि अमित जोगी को बरी कर दिया गया था। बाकी 27 लोगों को सजा हुई थी। आजीवन करावास की सजा पाए 21 आरोपियों ने सजा के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल 2024 को सभी आरोपियों की अपील खारिज करते हुए सजा को बरकार रखा साथ ही आरोपियों को सरेंडर करने का निर्देश दिया है। अब तक चिमन सिंह, याहया ढेबर सहित 7 आरोपी सरेंडर कर चुके हैं।
जाने क्या है पूरा मामला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन प्रदेश कोषाध्यक्ष और वीसी शुक्ल के बेहद करीब राम अवतार जग्गी की 4 जून 2003 की रात करीब 11 बजे मौदहापारा थाना से कुछ दूरी पर कुछ लोगों ने उनकी कार को रोका और गोली मार कर फरार हो गए। इस घटना में जग्गी गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। जग्गी को पहले मौदहापारा थाना ले जाया गया। वहां से मेडिकल कॉलेज अस्पताल यानी अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पुलिस इसे लूट की घटना बताती रही। तब प्रदेश में अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इसे प्रदेश का पहला राजनीतिक हत्याकांड माना जाता है।
सत्ता बदलते ही बदल गया पूरा केस
2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई और डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा प्रदेश की सत्ता में आई। भाजपा सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने 2003 में सतीश जग्गी की तरफ से दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। लंबी जांच-पड़ताल और गिरफ्तारियों के बाद सीबीआई ने रायपुर की विशेष कोर्ट में चालान पेश किया। इसमें 31 लोगों को आरोपी बनाया गया। सीबीआई की चार्जशीट में अतिम जोगी को मुख्य आरोपी बताया गया था। इसमें वो पांचों आरोपी भी शामिल थे जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमित जोगी के अलावा शूटर चिमन सिंह, याहया ढेबर, अभय गोयल,शिवेंद्र सिंह, फिरोज सिद्दिकी, विक्रम शर्मा, राकेश शर्मा, अशोक भदौरिया, संजय कुशवाहा, राजीव भदौरिया, नरसी शर्मा, विवेक भदौरिया, रवि कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह तोमर, सुनील गुली, अमित पचौरी व हरीश चंद्र शामिल थे।