IPS GP Singh Joining: आईपीएस जीपी सिंह ने किया ज्वाइन, पुलिस मुख्यालय पहुंच कर की जॉइनिंग...

IPS GP Singh Joining: कल राज्य सरकार द्वारा जीपी सिंह को बहाल करने के आदेश जारी करने के बाद जीपी सिंह ने आज पुलिस मुख्यालय पहुंच जॉइनिंग दे दी है।

Update: 2024-12-20 13:43 GMT

IPS GP Singh

IPS GP Singh Joining: रायपुर। आईपीएस जीपी सिंह ने आज पुलिस मुख्यालय पहुंच कर जॉइनिंग दे दी है। कल छत्तीसगढ़ शासन के गृह मंत्रालय ने उन्हें बहाल करने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद उन्होंने आज जॉइनिंग दी। पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें 20 जुलाई 2023 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव भेज दिया था। जिसके आधार पर जीपी सिंह को मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने फोर्सली रिटायरमेंट दे दिया था।

सबसे पहले कैट ने उन्हें बहाल करने के आदेश दिए। उनकी बहाली आदेश को यूनियन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट में भी जीपी सिंह को जीत मिली। इसके खिलाफ यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 दिसंबर को जीपी सिंह को फोर्सली रिटायरमेंट को गलत बताया और उन्हें सेवा में लेने के आदेश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट के रूप को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसंबर को जीपी सिंह की बहाली आदेश जारी कर दिया।

आदेश के परिपालन में कल छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग ने भी जीपी को बहाल कर दिया। इसके बाद जीपी सिंह आज सुबह 11:30 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने डीजीपी अशोक जुनेजा से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने जॉइनिंग दे दी है।

यहां पढ़िए IPS जीपी सिंह के बारे में:-

IPS GP Singh Biography in Hindi: एनपीजी। जीपी सिंह छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः उड़ीसा के रहने वाले है। बीई करने के बाद आईपीएस बने है। पहले मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस थे। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। आइए जानते हैं उनके बारे में....

जन्म और शिक्षा:–

जीपी सिंह का पूरा नाम गुरजिंदर पाल सिंह है। उनका जन्म 1 जनवरी 1969 को हुआ है। उन्होंने बीई मैकेनिकल की डिग्री ली है। फिर यूपीएससी क्रैक किया।

प्रोफेशनल कैरियर:–

गुरजिंदर पाल सिंह ने 4 सितंबर 1994 को आईपीएस की सेवा ज्वाइन की। पहले वे मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस थे। वे प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर ग्वालियर में तैनात रहें। इंदौर के एडिशनल एसपी भी रहें। पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। वे यहां महासमुंद व दंतेवाड़ा एसपी रहे। दंतेवाड़ा में उनके नक्सल विरोधी अभियान को काफी सफलता मिली। उन्होंने कई नक्सलियों को सरेंडर करवाया। वे बिलासपुर रेंज के आईजी रहें। इसके अलावा रायपुर व दुर्ग के आईजी भी रहे हैं। एडीजी दूरसंचार व तकनीकी सेवाएं व परिवहन में रहे हैं। छत्तीसगढ़ के एसीबी ( एंटी करप्शन ब्यूरो) के चीफ रहे हैं।

सेवामुक्त होने से कैट से बहाली आदेश जारी होने की कहानी:–

छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस जीपी सिंह के यहां भूपेश सरकार के समय एसीबी की टीम ने 1 जुलाई 2021 को छापा मारा था। उनके रायपुर के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले समेत राजनांदगांव,उड़ीसा के लगभग 15 ठिकानों पर छापा मारा गया था। 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति व संवेदनशील दस्तावेज मिलने को आधार बनाकर जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज कर 5 जुलाई 2021 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के तीन दिन बाद 8 जुलाई को उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया था। इसके अगले ही दिन 9 जुलाई 21 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज मामलों में सीबीआई जांच की मांग की थी। इस बीच गिरफ्तारी से बचने के लिए जीपी सिंह भूमिगत हो गए थे। पर एसीबी की टीम ने 11 जनवरी 2022 को उन्हें नोएडा से गिरफ्तार कर लिया था। 120 दिन जेल काटने के बाद मई 22 में उन्हें जमानत मिल सकी थी।

20 साल की सेवा या 50 साल की उम्र करने पर कंपलसरी रिटायरमेंट की जा सकती है। इस आधार पर राज्य शासन ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को अनुशंसा की थी। राज्य शासन की अनुशंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान कैडर के आईपीएस के नेतृत्व में समिति बना समीक्षा के बाद 21 जुलाई 23 को जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।

जीपी सिंह ने इसके खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में याचिका लगाई थी और खुद को सेवा से पृथक करने को चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई के बाद कैट ने उनके सभी मामलों के निराकरण करने व चार सप्ताह में बहाली के निर्देश दिए है।

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