Yes and No in Relationships : रिश्तों में कभी-कभी "No" कहना भी उतना ज़रूरी जितना की "Yes"

जब आपका साथी आपको अपनी इच्छाओं की पूर्ती के लिए स्वार्थ की प्राथमिकता बना लेता है, तो 'ना' कहना जरूरी है. रिलेशनशिप में बैलेंस के लिए आपको अपने विचारों को महत्व देना जरूरी है.

Update: 2024-05-02 09:33 GMT

रिश्तों में एक दूसरे को हमेशा सपोर्ट करने की जरूरत है, ताकि दोनों का मनोबल बनाए रखा जा सके और एक अच्छी समझदारी बने, लेकिन कभी-कभी 'ना' कहना भी उतना ही जरूरी होता है जितना की हां  कहना.

सहमति, समझदारी और संवेदनशीलता के चलते हम अक्सर अपने पार्टनर की हर बात में हां में हां मिलाते हैं, लेकिन कभी-कभी हमें ना कहने की भी जरूरत होती है. यह हमारी स्वतंत्रता, सीमाओं और हेल्दी रिलेशनशिप के लिए जरूरी होता है. जब आपका साथी आपको अपनी इच्छाओं की पूर्ती के लिए स्वार्थ की प्राथमिकता बना लेता है, तो 'ना' कहना जरूरी है. रिलेशनशिप में बैलेंस के लिए आपको अपने विचारों को महत्व देना जरूरी है.


मनोचिकित्सक डॉ अमृत मजूमदार का कहना है की अक्सर हमारे पास समय की कमी होती है और इसलिए हमें अपने समय का ध्यान रखने की जरूरत होती है. अगर आपका साथी आपके समय को अनावश्यक रूप से ले रहा है, तो आपको 'ना' कहने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए.



जब आप अपने रिलेशनशिप में असंतुष्ट हों और आपका साथी आपके इस असंतोष का ध्यान नहीं देता है, तो आपको साफतौर से 'ना' कहने का साहस दिखाना चाहिए. कभी-कभी आपके साथी की इच्छाओं और आपकी इच्छाओं में सामंजस्य नहीं होता है. इस स्थिति में आपको उन्हें साफ साफ बताना होगा कि आप उनके साथ इस निर्णय पर सहमत नहीं हैं.

जब आपका साथी आपके द्वारा बनाई गई सीमाओं का सम्मान करता है, तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है, लेकिन जब आपको लगे कि आपके साथी ने आपकी सीमाओं को उल्लंघित किया है, तो 'ना' कहना जरूरी है.

रिलेशनशिप में स्वतंत्रता और समानता को बनाए रखने के लिए कभी-कभी 'न' कहना जरूरी होता है. यह न केवल आपके संबंध को मजबूत बनाता है, बल्कि आपको भी अपने आप को सम्मानित महसूस कराता है.

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