Hariyali Teej 2024 Bayana : सासु माँ को इस हरियाली तीज "बायना" देकर कर लें अपने रिश्ते मधुर
Hariyali Teej 2024 Bayana : इस सुहाग पर्व में बहू बायना देकर अपनी सास या नंद से आशीर्वाद लेती हैं. इसमें सुहाग की सामग्री और फल होते हैं.
Hariyali Teej 2024 Bayana : हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार यह त्योहार 07 अगस्त 2024, बुधवार को मनाया जाएगा। इस तिथि पर कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए उपवास रखती हैं।
इस साल हरियाली तीज के दिन परिघ योग, शिव योग और रवि योग बन रहा है। इस योग में पूजा करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं। वहीं पूजा में हमेशा सोलह श्रृंगार के साथ ही बैठना चाहिए। हरियाली तीज पर एक और रिवाज है इस दिन बहु सासु माँ को बायना देती है.
शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ के बाद घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने का विधान है. इससे पूजा सफल होती है भगवान प्रसन्न होते हैं. यहीं वजह है कि इस सुहाग पर्व में बहू बायना देकर अपनी सास या नंद से आशीर्वाद लेती हैं. बायना सिर्फ सुहागिन महिलाओं को ही दिया जाता है. इसमें सुहाग की सामग्री और फल होते हैं.
एक और मान्यता के अनुसार ऐसा करने से सास-बहु के संबंधों में मिठास आती है. परिवार में सुख-शांति का माहौल रहता है.
इस दिन परंपरा के अनुसार सास अपनी बहू को बायना (Bayana) देती है. चलिए जानते हैं कि हरियाली तीज पर सास का बहू को दिया जाने वाला बायना क्या है और इसका क्या महत्व है.
क्या है हरियाली तीज में बायना
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को उनकी सास या ननद की तरफ से बायना देने की परंपरा बहुत ही पुरानी है. कहा जाता है कि यह बायना सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास होता है क्योंकि इसमें घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद भी होता है और सुहागिन महिलाओं के सुख और सौभाग्य की कामना भी होती है. इस दिन व्रत करने वाली महिला की सास, ननद या घर की कोई बड़ी महिला व्रती महिला को सुहाग का सामान, श्रृंगार सामग्री और खाने-पीने की चीजें दान करती है जिसे आम भाषा में बायना कहा जाता है. इस बायने को लेने के बाद व्रती महिला सास या ननद के पैर छूकर आशीर्वाद लेती है. कहा जाता है कि बायना की प्रथा सास और बहू के रिश्तों में मिठास लाने के साथ-साथ घर के लोगों के स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सुखी पारिवारिक जीवन के लिए बनाई गई है और इसे सदियों से निभाया जा रहा है.
बायना में क्या-क्या होता है
बायना में सोलह श्रृंगार का सामान जैसे कुमकुम, सिंदूर, चूड़ियां, साड़ी, पाजेब, बिछिया, बिंदी, मेहंदी आदि शामिल होता है. इसके अलावा मीठी पूरी और पकवान के साथ-साथ रुपए भी दिए जाते हैं.
सास को कैसे दें बायना
धार्मिक मान्यता के अनुसार तीज में दिए जाने वाले दान सामग्री को बायना कहा जाता है. सबसे पहले एक कटोरी में मोंठ, बाजरा और उसके ऊपर कुछ रुपए रख दें. फिर रोली और चावल चढ़ाकर इसकी पूजा करें. सास को तिलक करें और फिर खुद भी माथे पर टीका लगाएं. इसके बाद सास या नंद के पैर छूकर उन्हें बायना दें.