CG में यूपी-गुजरात का नियम: भाजपा के जेल भरो आंदोलन के खिलाफ कांग्रेस लेकर आई सबूत, कहा- रमन सरकार में भी यही नियम लागू थे
पीसीसी अध्यक्ष मोहन ने कहा- शांतिपूर्ण और संवैधानिक धरना-आंदोलन और आयोजन पर रोक नहीं
रायपुर, 27 अप्रैल 2022। राज्य सरकार द्वारा धरना-आंदोलन और जुलूस से पहले अनुमति लेने और शपथ पत्र देने के आदेश के विरोध में भाजपा के जेल भरो आंदोलन को कांग्रेस ने भ्रम फैलाने की कोशिश बताया है। राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसी भी प्रकार के शांतिपूर्ण संवैधानिक धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, धार्मिक आयोजन में रोक नहीं लगाई गई है। इस संबंध में भाजपा भ्रम और झूठ फैला रही है, जो पूरी तरह से मिथ्या और भ्रामक है। जो नियम यूपी, दिल्ली और गुजरात में लागू है, उसी नियम के लिए छत्तीसगढ़ में जारी निर्देश पर भाजपाई बेशर्मीपूर्वक आंदोलन की बात कर रहे हैं। मरकाम ने कहा कि रमन सरकार में भी धरना-आंदोलन के लिए 23 शर्तें थीं। उन्होंने प्रमाण भी प्रस्तुत किया है।
पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, सार्वजनिक आयोजन के संबंध में जो निर्देश जारी किए हैं, वे नए नहीं हैं। प्रदेश में पिछले कुछ दशकों से लागू हैं। इस निर्देश में आयोजनों के दौरान शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूर्ववत बने नियमों के पालन की ही बात है। जो नियम भाजपा के शासन काल में लागू थे और जिसका 15 साल तक स्वयं भाजपा की रमन सरकार कड़ाई से पालन करवाती रही, उन्हीं नियमों के संबंध में जारी किए गए निर्देश अलोकतांत्रिक कैसे हो गए? चार दिन पहले जिस कानून के पालन के निर्देश भाजपा की उत्तरप्रदेश सरकार अपने राज्य में करती है, वही कानून उत्तरप्रदेश में लोकतांत्रिक है और छत्तीसगढ़ में गैर प्रजातांत्रिक हो गया।
मरकाम ने कहा कि दरअसल भाजपा का चरित्र अलोकतांत्रिक हो गया। संवैधानिक मूल्य, संवैधानिक संस्थानों की अवहेलना करते-करते भाजपा अब नियम-कानूनों की व्याख्या भी अपनी सुविधा के अनुसार करने लगी है। इस दौरान संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अमरजीत चावला, वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, नितिन भंसाली, अमित श्रीवास्तव, अजय गंगवानी, सुबोध हरितवाल उपस्थित थे।