Social media chairman Supriya Shrinet: रेवड़ी और रबड़ी की लड़ाई: रायपुर पहुंची कांग्रेस प्रवक्‍ता सुप्रिया बोलीं- रेवड़ी और रबड़ी पर अटक गई है चुनावी लड़ाई

Update: 2023-10-25 07:47 GMT

Social media chairman Supriya Shrinet: रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी की सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने आज यहां राजीव भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाई। साथ ही केंद्र सरकार पर राज्‍य के काम में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया।

राजीव भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस की सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज जब छत्तीसगढ़ का चुनाव मुहाने पर है तो कांग्रेस सरकार अपने काम के दम पर, अपने रिपोर्ट कार्ड पर जनता से वोट मांग रही है। हमारी प्रतिद्वंद्वी भरतीय जनता पार्टी एक बार फिर से जुमलों की बारिश कर रही है। उन्‍होंने कहा कि इस चुनाव की सारी लड़ाई अंततोगत्वा - रेवड़ी और रबड़ी पर आ कर टिक गई है। हमने गरीबों शोषितों वंचितों आदिवासियों के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया तो उसको मोदी जी रेवड़ी बताते हैं। उन्होंने अडानी के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन उस रबड़ी पर चर्चा नहीं करते।

सुप्रिया ने छत्‍तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उधर, केंद्र सरकार ने सिर्फ और सिर्फ रोड़ा लगाने का काम किया। यहां तक कि हमारी सरकार की ज्‍यादा दाम पर धान ख़रीदने की पहल को भी रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। लेकिन हम भी कम नहीं है, तू डाल डाल तो मैं पात पात। मोदी सरकार ने ऑर्डर निकाल कर कहा कि अगर कोई सरकार एमएसपी से ज़्यादा पर धान ख़रीदेगी तो केंद्र सरकार के पूल में वो नहीं ख़रीदा जाएगा, इसीलिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में अतिरिक्त पैसा डाला।

लेकिन इस सरकार की कुत्सित हरकतों का अंदाज़ा आप इससे लगाइए कि केंद्र सरकार ने 86 मीट्रिक टन चावल ख़रीदने का वादा किया जिसको बाद में 61 मीट्रिक टन कर दिया गया और यही वो लोग हैं जिन्होंने कर्नाटका की हमारी सरकार को 35 मीट्रिक टन चावल देने से मना कर दिया।

रेवड़ी-रेवड़ी चीखने वाले अडानी के लिए लगातार रबड़ी परोसी है। बस्तर में एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को अडानी जी को सौंपने की पूरी तैयारी के बावजूद अब कहा जा रहा है ऐसा नहीं होगा। तो फिर वित्त मंत्रालय की विनिवेश वेबसाइट पर अभी तक इसका नाम क्यों है। याद रखिएगा यह वही चुनावी जुमला है जिनकी बौछार करके प्रधानमंत्री जी ख़ुद उनके बारे में अगले पल ही भूल जाते हैं।

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