अक्ती पर रार: चंद्राकर का तंज- CM बताएं सचिव-कलेक्टर कहां-कहां नांगर जोतेंगे, कांग्रेस का पलटवार- छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता के नेता तिलमिला रहे

अक्ती पर माटी पूजन दिवस के आयोजन पर भाजपा-कांग्रेस में बयानबाजी

Update: 2022-05-03 14:54 GMT

रायपुर, 03 मई 2022। छत्तीसगढ़ में अक्ती त्योहार पर माटी पूजन दिवस के आयोजन पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के ट्वीट पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। चंद्राकर ने सीएम को टैग करते हुए ट्वीट किया था, 'आज अक्ती है। हम लोग कृषि के यंत्रीकरण को बंद कर परंपरागत रूप से नांगर (हल) बैल, भैया, कोप्पर से परंपरागत कृषि करें। आपको छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा की जरूरत से ज्यादा समझ है।' छत्तीसगढ़ में कोई नवाचार हो ही नहीं सकता। ये बताइए मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, कलेक्टर और अन्य लोग कहां-कहां नांगर जोतेंगे और कौन-कौन सा धान बोएंगे। चंद्राकर ने मई महीने का कैलेंडर भी भेजा है और पूछा है कि कौन-कौन से उत्सव किस प्रचार मनाने हैं, कौन प्रभारी अधिकारी होगा, उसका निर्देश जारी करने का कष्ट करें।

इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का गठन ही इसलिए हुआ है कि छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की पुनर्स्थापना की जा सके। छत्तीसगढ़िया संस्कृति को बढ़ावा दिया जा सके और छत्तीसगढ़िया के हितों का संरक्षण किया जा सके। यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि ये सारे काम राज्य बनने के 18 वर्षों बाद शुरू हो सका है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रदेश में 15 साल तक राज किया, लेकिन छत्तीसगढ़िया हितों का संरक्षण करने के बजाय छत्तीसगढ़ियों के दमन में लगी रही। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री और माटी पुत्र भूपेश बघेल जब छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को बढ़ावा देने के साथ राज्य के मूल निवासियों के स्वाभिमान को जगा रहे हैं तो अपने आप भाजपा की पोल खुल रही है, जिससे छत्तीसगढ़ विरोधी मानसिकता के भाजपा नेता तिलमिला रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि अक्ती के दिन माटी पूजा न केवल छत्तीसगढ़ की कृषि संस्कृति का अहम हिस्सा है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है।

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