Modi Cabinet Reshuffle टीम मोदी में CG से कौन : केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी सुगबुगाहट, इन नामों की चर्चा
छत्तीसगढ़ में चार महीने बाद चुनाव है. ऐसे में छत्तीसगढ़ से किसी एक सांसद को मौका मिल सकता है. हालांकि नेता कुछ कहने से बच रहे हैं.
Modi Cabinet Reshuffle
रायपुर/नई दिल्ली. टीम मोदी में जल्द ही एक फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है. महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बाद इस सुगबुगाहट ने जोर पकड़ लिया है. चर्चा यहां तक है कि धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल जैसे नेताओं को संगठन में भेजकर कुछ नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. इस फेरबदल को कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के महागठबंधन के मुकाबले एनडीए से जुड़े दलों को एकजुट करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है. यही वजह है कि एनडीए से जुड़े दलों के नेताओं को मौका देने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं को हटाया जाना है. फेरबदल में छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश और राजस्थान से भी कुछ सांसदों को मौका मिल सकता है, क्योंकि इन तीनों राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं. छत्तीसगढ़ में फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल में सरगुजा की सांसद रेणुका सिंह राज्यमंत्री हैं. रेणुका के अलावा एक और चेहरा कौन हो सकता है, इसे लेकर सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है. सबसे ज्यादा जोर दुर्ग संभाग के नेताओं पर है.
छत्तीसगढ़ में काफी समय से यह चर्चा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक और सांसद को मौका मिल सकता है. जनवरी महीने में कुछ नेताओं को दिल्ली बुलाने की चर्चा थी. उस दौरान बात नहीं बनी. इस बीच कर्नाटक के चुनाव में पार्टी के सभी नेता व्यस्त हो गए थे. कर्नाटक में भाजपा की उम्मीद के विपरीत नतीजे आए. कर्नाटक चुनाव के बाद अब पार्टी के सामने हिंदी भाषी राज्यों में अच्छे प्रदर्शन का दबाव बढ़ गया है. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम का संदेश 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जाएगा. यही वजह है कि मंत्रिमंडल के फेरबदल में इन राज्यों को मौका मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ की बात करें तो दुर्ग के सांसद विजय बघेल और जांजगीर के सांसद गुहाराम अजगले के नाम को ज्यादा अहम माना जाता है. दुर्ग संभाग में सीएम भूपेश बघेल समेत 6 मंत्री हैं. विजय बघेल तेजतर्रार नेता हैं. मुखर हैं. सीएम के रिश्तेदार हैं. वैसे दुर्ग संभाग से राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडेय भी हैं. सामान्य वर्ग को मौका देने के हिसाब से सरोज और राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय भी दावेदार हो सकते हैं. हालांकि इन दोनों नामों को लेकर नेताओं में एक राय नहीं है. दुर्ग संभाग के अलावा गुहाराम अजगले इसलिए चर्चा में हैं, क्योंकि रेणुका सिंह के रूप में एसटी के बाद एससी समाज को प्रतिनिधित्व मिल सकता है. 9 सांसदों में अजगले ही ऐसे हैं, जो दूसरी बार के सांसद हैं. यहां एक पेंच यह है कि प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों बिलासपुर संभाग से हैं.
इन नामों के अलावा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और रायपुर सांसद सुनील सोनी के भी नामों का उल्लेख किया जा रहा है. साव अभी प्रदेश अध्यक्ष हैं, इसलिए उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाकर और मजबूत किया जा सकता है.
29 जून को हो चुकी बड़ी बैठक
पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच 29 जून को एक महत्वपूर्ण बैठक हो चुकी है. करीब चार घंटे चली बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों की भागीदारी को लेकर चर्चा हुई थी. इससे पहले 2021 में मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ था. उस समय 43 मंत्रियों ने शपथ ली थी. इससे पहले रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावेड़कर जैसे मंत्रियों को हटाया गया था. इस बार गुजरात कोटे के मंत्रियों को हटाया जा सकता है. इनमें स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, पशुपालन व डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना जरदोश हो सकते हैं. पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है. यूपी-बिहार और महाराष्ट्र कोटे के कुछ मंत्री भी बदले जा सकते हैं. इनके स्थान पर शिवसेना और एनसीपी से आए नेताओं को मौका मिल सकता है.