Mahadev Satta App: महादेव सट्टा एप में भाजपा ने लगाया टेरर फंडिंग का आरोप, चौधरी बोले- डी कंपनी से जुड़े हैं इसके तार, NIA जांच की मांग

Mahadev Satta App:ऑनलाइन गेमिंग एप महादेव को लेकर भाजपा ने आज बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा नेता ओपी चौधरी ने इसमें टेरर फंडिंग की आशंका व्‍यक्‍त करते हुए एनआईए से जांच कराने की मांग की।

Update: 2023-08-24 14:00 GMT

Mahadev Satta App: रायपुर। महादेव गेमिंग (सट्टा) एप को लेकर भाजपा ने आज बड़ा खुलासा करते हुए राज्‍य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। भाजपा ने आरोप लगाया कि इस एप के तार डी कंपनी यानी दाउद इब्राहिम से जुड़े हुए हैं। पार्टी ने इसमें टेरर फंडिंग का आरोप लगाते हुए पूर मामले की राष्‍ट्रीय एजेंसी एनआईए से जांच कराने की मांग की है। चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन सट्टे के जरिए आंतकी फंडिंग की आशंका है इसलिए मुख्यमंत्री को स्वयं आगे आकर इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए से जांच करवाने की पहल करनी चाहिए।

भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश चार्जशीट सहित अन्‍य माध्‍यम से मिली सूचनाओं की सिलसिलेवार जानकारी मीडिया को दी। चौधरी ने आरोप लगाया कि इस एप के जरिये सरकार में बैठे लोगों को हर महीने मोटी रकम पहुंचाई जा रही थी। इसी वजह से सरकार इस एप के संचालकों पर कार्यवाही करने के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही थी। उन्‍होंने बताया कि राज्‍य पुलिस ने मई 2022 में पहली बार महादेव एप के मामले में पहली एफआईआर दर्ज की, लेकिन वह भी डराने धमकाने के इरादे से की गई थी। इसी वजह से बाद में एफआईआर की धाराओं को गैर जमानती से जमानती में बदल दिया गया।

चौधरी ने कहा कि ऐसी आशंकाएं जताई जा रही है कि दुबई से संचालित महादेव एप को कुख्यात माफिया गिरोह डी-कंपनी का संरक्षण प्राप्त है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आंतकी घोषित माफिया डॉन दाउद के जरिए किस तरह भारत में आंतकियों को फंडिंग की जाती है यह किसी से छिपा नहीं है। चौधरी ने कहा कि दुबई एक इस्लामिक देश का हिस्सा है जहां जुआ, सट्टा आदि चीजों को अवैध घोषित किया गया है ऐसे में महादेव एप के माध्यम से दुबई में बैठकर हजारों करोड़ रुपए का ऑनलाइन सट्टा बिना किसी अंतर्राष्ट्रीय माफिया गिरोह के सहयोग के संभव नहीं है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार युवाओं को जुए और सट्टे की बुराई में धकेल कर सैकड़ों हजारों करोड़ रुपए इकठ्ठे करने वाले महादेव एप्प के प्रमोटर्स को संरक्षण देती रही है यह बात ईडी द्वारा विशेष न्यायालय में पेश किए गए अभियोजन पत्र में साफ तौर पर लिखी गई है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनैतिक बदले की भावना से ईडी के जरिये कांग्रेस सरकार को परेशान करने के आरोप पर कहा कि ईडी ने इस मामले में सुपेला पुलिस द्वारा मई 2022 में मामला दर्ज किए जाने के बाद महादेव एप्प की जांच शुरु की है। ऐसे में मुख्यमंत्री का आरोप बेतुका और बौखलाहट से भरा है। दरअसल, कांग्रेस सरकार और उसकी पुलिस ने महादेव एप के सरगनाओं से और अधिक पैसा ऐंठने की नीयत से दिखावटी कार्रवाई शुरु की थी जिसमें स्थानीय स्तर पर सट्टेबाजी का काम देख रहे इस गिरोह के छोटे-मोटे गुर्गों को बलि का बकरा बनाकर असल चेहरों को बचाया जा सके। चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गरीब और भोले भाले युवाओं को ऑनलाइन जुए की लत लगाकर संगठित गिरोह के माध्यम से लूटने के इस पूरे मामले का स्वरूप काफी व्यापक है।

पहली एफआईआर राज्‍य पुलिस, बाद में पहुंची ईडी

चौधरी ने बताया कि महादेव एप में पहली एफआईआर छत्‍तीसगढ़ पुलिस ने ही दर्ज की थी, लेकिन वह सौदेबाजी के चक्‍कर में की गई थी। इसी वजह से राज्‍य पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को पकड़ने का प्रयास नहीं किया। लेकिन जब इसके तार दुबई से जुड़े और टेरर फंडिंग की बात सामने आई तो ईडी इस जांच में शामिल हुई।

महादेव एप के 50 लाख से ज्‍यादा यूजर

चौधी ने बताया कि महादेव एप के लगभग 50 लाख से ज्‍यादा यूजर माने जाते है। इसने 2020 में रेड्डी अन्‍न एप को 1 करोड़ रुपये में एक्‍वायर किया है। इस एप का खुलेआम विज्ञापन होता था, लेकिन राज्‍य पुलिस ने इस पर ध्‍यान नहीं दिया। उन्‍होंने बताया कि जब इस मामले की जांच ईडी ने अपने हाथ में लिया तो पता चला कि इसके तार दूसरे राज्‍यों के साथ ही विदेश में दुबाई तक जुड़े हुए हैं। एक अंतरराष्‍ट्रीय रैकेट के रुप में काम करती है

ईडी की चार्जशीट में एडिशन एपी रैंक के अफसरों के 65 लाख लेने का उल्‍लेख

इस मामले में ईडी की तरफ से रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश चार्जशीट का हवाला देते हुए चौधरी ने बताया कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि महादेव एप के संचालकों से एडिशन एसपी रैंक के अफसर 65 लाख रुपये ले रहे थे। इसमें आगे बड़े लोग कितना ले रहे थे उसका अंदाजा लगा सकते हैं। चार्जशीट के अनुसार इस मामले में एएसआई चंद्रभूषण वर्मा छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍य लाइजर के रुप में काम करता था और सतीश चंद्राकर के जरिये से हवाला से जुड़ा था। चौधरी ने कहा कि महादेव एप का हेड क्‍वाटर दुबई है। इसमें डी कंपनी के लिंक होने की बात सूत्रों से मिल रही है। बताया जा रहा है कि प्रतिमाह डी कंपनी को 100 करोड़ दिया जाता था। इस काम में गिरोह ने तकरीबन 20 हजार कॉर्पोरेट, करंट, सेविंग बैंक खातों और तकरीबन 250 से ज्यादा शैल कंपनियों का इस्तेमाल करते आ रहा है। यह सब‍ बिना किसी बड़े माफिया के संभव नहीं था। टेरर फंडिंग से इनकार नहीं किया जा सकता। डी कंपनी दुबई अंतरराष्‍ट्रीय माफिया से जुड़ा सामने आ रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि मुख्‍यमंत्री इसकी एनआईए से जांच कराने की पहल करें।

चौधरी टेरर फंडिंग के आरोप पर कांग्रेस ने पीएम मोदी और शाह से मांगा इस्‍तीफा

रायपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने महादेव एप को लेकर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है। चौधरी के इस बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि चौधरी ने देश से महादेव एप के माध्यम से करोड़ों रुपए की फंडिंग आतंकियों एवं डी कंपनी को किए जाने का गंभीर आरोप लगाए हैं इससे समझ में आता है कि केंद्र की मोदी भाजपा की सरकार देश को सुरक्षा देने में नाकारा और नाकाम साबित हुई है। देश के भीतर से हो रहे आतंकियों को फंडिंग रोकने में नाकाम नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह को तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए? पूरा पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें-


Tags:    

Similar News