Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी राहुल गांधी को पड़ा भारी, चुनाव आयोग ने कहा-सोच समझकर दें बयान
Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) को चुनाव आयोग (election Commission) ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें राहुल गांधी को बयानबाजी करने पर अधिक सावधान और सतर्क (more careful and alert) रहने की सलाह दी गई है.
Lok Sabha Elections 2024: भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को एक एडवाइजरी जारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियों से संबंधित मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और उनके जवाब सहित सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है।
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि चुनाव आयोग की एडवाइजरी पीएम मोदी पर उनके "पनौती" और "जेबकतरे" तंज के बाद आया है। पिछले साल चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था, क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए "पनौती" और "जेबकतरे" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
इसके अलावा 1 मार्च को जारी अपनी एडवाइजरी में चुनाव आयोग ने चेतावनी दी थी कि आदर्श आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन के लिए पार्टियों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को विवादित बयानों के लिए सिर्फ 'नैतिक निंदा' के बजाय कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी ने पिछले साल नवंबर में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लिए 'जेबकतरा' शब्द का इस्तेमाल किया था। गांधी ने राजस्थान चुनाव से पहले अपने चुनावी भाषण के दौरान आरोप लगाया था कि पीएम मोदी लोगों का ध्यान भटका रहे हैं, जबकि उद्योगपति गौतम अडानी उनकी जेबें काट रहे हैं।
बाद में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी का बयान सही नहीं था। इस मामले में चुनाव आयोग ने भी नवंबर 2023 में राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आयोग ने राहुल से इस मामले में जवाब देने को कहा था। नोटिस जारी किए जाने के एक दिन पहले ही बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
राहुल गांधी को अपने कारण बताओ नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा था कि "पनौती" शब्द पहली नजर में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(2) (भ्रष्ट प्रथाओं से निपटना) के तहत बैन है। इसमें आदर्श आचार संहिता का भी हवाला दिया गया, जिसके तहत पार्टियों और उम्मीदवारों को "असत्यापित आरोपों के आधार पर" अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।