Land For Job Scam: लालू यादव और तेजस्वी को फिर ईडी ने जारी किया समन, जानें पूरा माजरा

Land For Job Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समन भेजा है। ED ने लालू प्रसाद को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है।

Update: 2024-01-19 13:16 GMT

Land For Job Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन के बदले नौकरी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समन भेजा है। ED ने लालू प्रसाद को 29 जनवरी और तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि यह कथित घोटाला उस दौरान किया गया था जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे।

न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, आज ED की एक टीम ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आधिकारिक आवास पर जाकर समन दिए। दोनों को पटना के बैंक रोड स्थित ED कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। बता दें कि ED ने इस मामले में पहले भी समन जारी किये थे, लेकिन दोनों में पिछले समन को नजरअंदाज कर दिया था।

इस मामले पर 18 जनवरी को नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी। ED ने कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था, जिसपर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट के अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब 20 जनवरी को सुनवाई होगी। मामले में ED ने लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 7 लोगों आरोपी बनाया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष रखा था।

जमीन के बदले नौकरी का मामला 2004 से 2009 का है। उस समय लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने रेलवे में नौकरियां देने के नाम पर अपने परिवार के नाम पर जमीन कराई।मामले में CBI ने पिछले साल मई में मुकदमा दर्ज किया। 3 जुलाई को दूसरा आरोपपत्र दाखिल कर पहली बार तेजस्वी यादव का नाम शामिल किया। CBI को मंत्रालय से लालू समेत रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिली।

ED ने कोर्ट को बताया कि लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों की अवैध कमाई को ठिकाने लगाने के लिए 2 कंपनियां, एके इन्फो सिस्टम और एबी एक्सपोर्ट, बनाई गई थीं। एके के बारे में बताया गया कि वह डाटा विश्लेषण का काम करती है, लेकिन जांच में पाया गया कि वह ऐसा कोई कारोबार नहीं करती है। इसी तरह तेजस्वी के माध्यम से एबी में 50 लाख रुपये लगाए गए थे और लैंड पार्सल खरीदे गए थे।

ED ने बताया कि साल 2014 में एबी कंपनी को राबड़ी देवी और तेजस्वी के नाम पर स्थानंतरित कर दिया गया था। ED के आरोपपत्र के अनुसार, मामला 7 लैंड पार्सल का है, जिसमें से 3 को राबड़ी देवी, 2 को हिमा यादव और एक को मीसा भारती ने फर्जी तरीके से बेचा। यादव परिवार ने यह भूखंड एक कंपनी को बेचे थे, जो अपराध की श्रणी में आता है।

ED ने इस मामले में लाभार्थी कंपनी एके इंफो सिस्टम्स के प्रमोटर अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कंपनी के पंजीकृत पते का इस्तेमाल तेजस्वी यादव द्वारा आवासीय परिसर के रूप में किया जा रहा है। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, कात्याल 2 महीने तक ED के समन से बचते रहे और पिछले साल उन्हें 10 नवंबर को हिरासत में लिया गया।

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