inside story: कांग्रेस में महामंत्रियों के बदलाव में बड़ा सियासी खेल, इस बार भी मरकाम ने चलाया एकतरफा

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Update: 2023-06-21 14:05 GMT

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष मोहन मरकाम ने आज अचानक पार्टी के महामंत्रियों के प्रभार में बदलाव कर दिया। इसमें कुछ बदलाव अप्रत्‍याशित है। रवि घोष और अमरजीत चावला (दोनों मरकाम से करीबी हैं) के प्रभार में किए गए बदलाव से ज्‍यादा इन दोनों का प्रभार अकेले अरुण‍ सिसोदिया को देने का फैसला चौकाने वाला है। इस बदलाव को लेकर कांग्रेस संगठन के नेताओं को भी झटका लगा है।

चर्चा है कि इस बार भी मरकाम ने मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा किए बिना ही यह बदलाव कर दिया है। कांग्रेस नेता यहां तक कह रहे हैं कि मरकाम ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा को भी बदलाव की जानकारी नहीं दी थी। हालांकि मरकाम के करीबी कह रहे हैं कि प्रदेश प्रभारी से चर्चा के बाद ही यह आदेश जारी किया गया है।



जानिए कौन है अरुण सिसोदिया

पार्टी में संगठन और प्रशासन की अलग-अलग जिम्‍मेदारी संभाल रहे अपने दो बेहद करीबियों को हटाकर पीसीसी चीफ मरकाम ने अकेले सिसोदिया को एक साथ पार्टी के संगठन और प्रशासन की जिम्‍मेदारी सौंप दी है। इसकी वजह से अचानक सिसोदिया चर्चा में आ गए हैं। सिसोदिया भिलाई (दुर्ग) के रहने वाले हैं। सिंह पूर्व सैनिक हैं। सेना से सेवानिवृत्‍त होने के बाद भिलाई स्थित केंद्र सरकार के उपक्रम फेरो स्‍क्रैप निगम लिमिटेड से कर्मचारी राजनीति की शुरुआत की। इंटक के दुर्ग जिलाध्‍यक्ष और प्रदेश सचिव रहे। एक समय वो तम्रध्‍वज साहू के बेहद करीबी माने जाते थे। मरकाम के पीसीसी अध्‍यक्ष बनने के बाद सिसोदिया उनके करीब आ गए। इसके बाद संगठन में उनकी भूमिका बढ़ने लगी। मरकाम ने ही उन्‍हें राजनांदगांव का प्रभारी महामंत्री बनाया था। खैरागढ़ उपचुनाव में सिंह की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही।




अपनी सीट और बस्‍तर का किला बचाने रवि घोष को किया शिफ्ट

महामंत्री (प्रशासन) जैसे महत्‍वपूर्ण पद से हटाकर रवि घोष को बस्‍तर भेजना मरकाम की बड़े सियासी चाल के रुप में देखा जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार बस्‍तर की जिन आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस की स्थिति खराब है उसमें मरकाम की कोंडागांव सीट भी शामिल है। बता दें कि 2018 के चुनाव में मरकाम ने 1796 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वोट प्रतिशत के हिसाब से यह आंकड़ा केवल 1.35 है।

वहीं, घोष कोंडागांव के जिलाध्‍यक्ष रह चुके हैं, इस वजह से उनकी कोडागांव और उसके आसपास के जिलों में पकड़ अच्‍छी है। माना जा रहा है कि चुनाव के दौरान उनकी सक्रियता से पार्टी को लाभ होगा। कांग्रेस नेताओं के अनुसार घोष मरकाम के सबसे भरोसेमंद नेता है। हालांकि बस्‍तर से रायपुर शिफ्ट होने के बाद मुख्‍यमंत्री बघेल और राज्‍यसभा सदस्‍य फूलेदेवी नेताम के भी करीबी बन गए।



चावला भी हैं मरकाम के करीबियों में

महामंत्री (संगठन) के पद से हटाकर पीपीसी चीफ मरकाम ने अमरजीत चावला को रायपुर शहर, युथ कांग्रेस और एनएसयूआई का प्रभारी बनाया है। चावला भी मरकाम के करीबी माने जाते हैं, लेकिन कई कारणों से पार्टी के दूसरे गुटों के लोग उनसे खुश नहीं है। बताते चले कि इसी वर्ष फरवरी में नवा रायपुर में हुए कांग्रेस के राष्‍ट्रीय के पहले चावला को पार्टी की अनुशासन समिति ने नोटिस जारी कर दिया था। चावल पर पार्टी कार्यालय में बैठक कर अपनी ही सरकार पर नाकारात्‍मक टिप्‍पणी करने का आरोप लगा था।इससे नाराज होकर चावला ने राष्‍ट्रीय अधिवेशन के दौरान मिली सभी जिम्‍मेदारियों से खुद को अलग रखने के लिए मरकाम को पत्र लिखा था।

शुक्‍ला को भी अचानक ही हटा दिया था

बता दें कि इससे पहले संगठन महामंत्री रहे चंद्रशेखर शुक्‍ला को भी मरकाम ने ऐसे ही मई 2022 में अचानक हटा दिया था। शुक्‍ला मुख्‍यमंत्री बघेल के बेहद करीबी है। पीसीसी अध्‍यक्ष रहते बघेल ने ही उन्‍हें महामंत्री बनाया था। शुक्‍ला को हटाने से पहले भी मरकाम ने बघेल से बात नहीं की थी। सूत्रों के अनुसार इसकी वजह से बघेल काफी नाराज भी हुए थे।

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