CM Atishi Marlena: सरनेम पर विवादः दिल्ली की नई सीएम आतिशी को बार-बार सरनेम क्यों बदलने पड़े, जानिये इसके कारण...

CM Atishi Marlena: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद पार्टी ने कैबिनेट मंत्री आतिशी को विधायक दल का नेता चुन लिया है। याने उनका मुख्यमंत्री बनना अब निश्चित हो गया है। आतिशी का सरनेम को लेकर बड़ा विवाद रहा है। आईये जानते हैं क्या है मामला...

Update: 2024-09-17 09:20 GMT

एनपीजी ब्यूरो

CM Atishi Marlena: नई दिल्ली। दिल्ली की पीडब्लूडी, शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन मंत्री आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही है। आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में अब से कुछ देर पहले उन्हें नेता चुना गया। उधर, इस्तीफा का ऐलान कर चुके अरविंद केजरीवाल आज शाम उप राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। उनके पद छोड़ने के फैसले से पहले दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का चेहरा चुना जाना जरूरी था।

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केजरीवाल के बेहद करीबी

दिल्ली सरकार की कबिना मंत्री आतिशी आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी रही है। आप के जन्म से लेकर हर कदम पर उन्होंने केजरीवाल का पूरा साथ दिया। शराब घोटाले में जब दिल्ली सरकार के सभी बड़े नेता और मंत्री जेल चले गए तब आतिशी को सामने आकर काम करने का अच्छा मौका मिला और इसे इनकैश करने में वे पीछे नहीं रहीं। केजरीवाल समेत कई बड़े नेताओं के जेल में रहने के दौरान आतिशी बड़ी शिद्दत से पार्टी और सरकार की डोर थामी रही। बल्कि, जहां जरूरत पड़ी, वहां उन्होंने आक्रमक राजनीति का परिचय दिया।

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सरनेम को लेकर विवाद

दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही आतिशी का सरनेम को लेकर बड़ा विवाद रहा है। दरअसल, इस विवाद के लिए वे खुद जिम्मेदार रही हैं। उन्होंने तीन-तीन बार अपना सरनेम बदला। पहले वे सिंह लिखती थी। यानी आतिशी सिंह। इसके बाद आतिशी मार्लेना बनी। और इसके बार आतिशी सिंह मार्लेना। और फिर राजनीति में आने के बाद उन्होंने सिंह और मार्लेना को हटाते हुए सिर्फ आतिशी कर लिया।

क्या कहते हैं सियासी जानकार

राजनीति में आने के बाद आतिशी ने सिंह सरनेम लिखा तो नहीं मगर खुद को वे अपना सरनेम सिंह बताने लगी। इसके पीछे सियासी पंडितों का कहना है कि आतिशी का असली सरनेम को इस्तेमाल करने का फैसला इसलिए किया होगा कि दिल्ली के कालकाजी में बड़ी संख्या में पंजाबी समुदाय के लोग रहते हैं। लोगों का कहना है कि इसमें उन्हें फायदा भी हुआ। वे इस इलाके से विधायक चुनी गईं।

सबसे पहले सिंह सरनेम

आतिशी सबसे पहले सिंह सरनेम का इस्तेमाल करती थीं। वह इसलिए क्योंकि उनके पिता का नाम विजय सिंह है। बाद में वामपंथी विचारधारा वाले माता-पिता की वजह से मार्लेना सरनेम लिखना प्रारंभ किया, जो कि मार्क्स और लेनिन के नाम को मिलाकर बना है। तब वे अपन नाम आतिशी मार्लेना लिखने लगी। हालांकि, बाद में उन्होंने मार्लेना के साथ सिंह सरनेम को भी ऐड कर लिखना शुरू कर दिया। असल में, आतिशी के पिता सिंह थे ही, उनकी जिनसे शादी हुई है, वह भी सिंह हैं। याने प्रवीण सिंह। इस तरह उनका नाम आतिशी मार्लेना सिंह भी हुआ। हालांकि, यह डबल सरनेम वाला आइडिया भी बहुत दिनों तक नहीं चल सका। सियासत में आने के बाद विपक्ष ़द्वारा उन्हें ईसाई प्रचारित किया जाने लगा। इसके बाद उन्होंने मार्लेना सरनेम को हटा दिया।

जानिये अतिशी के बारे में

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही आतिशी का जन्म 8 जून, 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। आतिशी ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से पूरी की थीं। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज में इतिहास ग्रेजुएशन किया। फिर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में शेवनिंग छात्रवृत्ति पर मास्टर डिग्री ली। ​​उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ही अपनी दूसरी मास्टर डिग्री भी हासिल की। आतिशी आम आदमी पार्टी की स्थापना के दौरान ही पार्टी में शामिल हो गई थीं। आतिशी ने 2014 में पार्टी प्रवक्ता के तौर पर अपना सियासी सफर शुरु किया था। उन्होंने अप्रैल 2018 तक तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में भी काम किया था। 2020 में वे दिल्ली की विधायक चुनी गई। और इसके बाद सियासी सीढ़ियां चढ़ते हुए पहले पावरफुल मंत्री बनीं और अब मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।

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