Chhattisgarh News: तोखन के मोदी कैबिनेट में इंट्री से डिप्टी सीएम को झटका..!: पढ़िए... बिलासपुर सांसद के केंद्र में राज्यमंत्री बनने से राज्य की राजनीति पर कितना पड़ेगा असर
Chhattisgarh News: मोदी की नवगठित कैबिनेट 3.0 में छत्तीसगढ़ को भी एक कुर्सी मिली है। बिलासपुर से पहली बार सांसद चुने गए तोखन साहू को मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया है। तोखन के शपथ ग्रहण के साथ ही इसके राज्य की राजनीति में नफा- नुकसान का आंकलन शुरू हो गया है।
Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की बिलासपुर सीट से पहली बार सांसद चुने गए तोखन साहू अब केंद्रीय राज्यमंत्री है। छत्तीसगढ़ से बीजेपी के कुल 10 सासंद चुने गए हैं। इनमें 2 विजय बघेल और संतोष पांडेय लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे है। वहीं रायपुर सीट से सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल लगातार 8 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके है। पहले राज्य की डॉ. रमन सरकार में 15 साल तक और अब साय सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इन नवनिर्वाचित सांसदों को छोड़कर तोखन साहू को केंद्रीय कैबिनेट में स्थान दिए जाने से चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। राजनीतिक विश्लेषक तोखन के मंत्री बनने से राज्य की राजनीति पर पड़ने वाले असर का आंकलन कर रहे हैं। ज्यादातर की राय में तोखन को मंत्री बनाकर बीजेपी ने एक साथ कई समीकरणों को साधा है। तोखन के केंद्र में मंत्री बनने का राज्य के एक डिप्टी सीएम के सियासी कद पर असर पड़ने को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है।
प्रदेश के सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश
तोखन साहू अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं। राज्य में में ओबीसी वर्ग में साहू (तेली) की आबादी सबसे ज्यादा मानी जाती है। समाज के लोगों का दावा है कि राज्य की कुल ओबीसी आबादी में से 20 प्रतिशत साहू हैं। प्रदेश की विधानसभा की 20 सीटें ऐसी हैं, जहां सीधे साहू हार-जीत तय करते हैं। इनमें महासमुंद, बिलासपुर, राजनांदगांव, बालोद, गुंडरदेही, अभनपुर, राजिम, दुर्ग ग्रामीण, कुरूद, धमतरी जैसी सीटें शामिल हैं। अभनपुर ऐसी सीट है, जहां पिछले 45 साल से साहू समाज से विधायक चुने जाते हैं।वहीं, लोकसभा की 2 सीटों महासमुंद और बिलासपुर में भी साहू वोटरों की अधिकता अधिक है। माना जा रहा है कि इस बड़े वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए साहू को मंत्री बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव में केवल एक साहू को टिकट
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने साहू समाज से एक मात्र तोखन साहू को ही टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशियों में 2 ताम्रध्वज साहू और राजेंद्र साहू को टिकट दिया था। ताम्रध्वज साहू को साहू वोटरों वाले महासमुंद सीट से प्रत्याशी बनाया गया था, जबकि कांग्रेस ने वहां से रुप कुमार चौधरी को मैदान में उतारा था। इसी तरह राजेंद्र साहू को दुर्ग से विजय बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ाया गया था। दुर्ग में भी साहू वोटरों की अच्छी आबादी है। इसके बावजूद साहू समाज ने बीजेपी का साथ दिया। माना जा रहा है कि साहू वोटरों के इसी दरियादिली के जवाब में बीजेपी ने इस वर्ग को केंद्रीय कैबिनेट में स्थान दिया है।
जानिए... डिप्टी सीएम के सियासी कद पर कितना पड़ेगा असर
तोखन को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने के नफा- नुकसान का आंकलन करने वालों की राय में इसका असर प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव पर पड़ सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि साव लोरमी सीट से विधायक हैं, जबकि तोखन इसी सीट से पहले विधायक रह चुके हैं। यानी दोनों लोरमी विधानसभा क्षेत्र के हैं। 2019 में बिलासपुर से साव सांसद चुने गए थे। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया फिर उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ा दिया गया। साव की टिकट काटकर ही तोखन को सांसद का चुनाव लड़ाया गया। साव को पहले प्रदेश अध्यक्ष फिर डिप्टी सीएम का पद मिला। सूत्रों के अनुसार साव के तेजी से बढ़ते सियासी कद को बैलेंस करने के लिए तोखन को केंद्र में मंत्री बना दिया गया है।
बिलासपुर बीजेपी और संघ का बड़ा गढ़
बिलासपुर क्षेत्र बीजेपी ही नहीं संघ का भी बड़ा गढ़ माना जाता है। बिलासपुर संसदीय सीट से बीजेपी लगातार जीत दर्ज कर रही है। विधानसभा चुनावों में भी इस संभाग में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा था। केंद्र में राज्य बनाए गए तोखन और डिप्टी सीएम साव दोनों संघ से जुड़े हुए हैं। दोनों संघ की शाखाओं में जाते हैं। ऐसे में तोखन को राज्यमंत्री बनाए जाने में संघ का फैक्टर भी देखा जा रहा है।
पंच से केंद्रीय मंत्री तक ऐसा सफर रहा तोखन साहू का, जानिए उनके बारे में सब कुछ
भाजपा तोखन साहू बिलासपुर से सांसद चुने गए हैं। 2019 में बिलासपुर सीट से सांसद चुने गए सीएम अरुण साव प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम है। तोखन साहू लोरमी विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं। डिंडौरी, जिला मुंगेली में 15 अक्टूबर 1969 को हुआ है। उन्होंने एम. कॉम तक की शिक्षा ग्रहण की है। उनका विवाह लीलावती साहू से हुआ है। उनके एक पुत्र व एक पुत्री है। उनका राजनैतिक जीवन 1994 से शुरू हुआ है। वे 1994 में लोरमी ब्लॉक के सुरजपुरा गांव के निर्विरोध पंच बने। 30 जनवरी 2005 को जनपद सदस्य ब्लॉक लोरमी क्षेत्र क्रमांक–18 फुलवारीकला बने। 3 फ़रवरी 2010 को महिला आरक्षण के चलते अपनी लीलावती साहू को जनपद सदस्य फिर 19 फ़रवरी 2010 को अध्यक्ष जनपद पंचायत लोरमी बनाया। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें