Chhattisgarh News: नगरीय निकाय चुनाव- किस काम की पार्षद निधि, ना काम होगा और ना ही सिफारिशों पर अमल

Chhattisgarh News: नगरीय निकाय चुनाव की उल्‍टी गिनती शुरू हो गई है। इस महीने के अंतिम सप्ताह में चुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी हो सकती है। चुनावी हलचल के बीच राज्य शासन ने पार्षद निधि की अंतिम किस्त की राशि जारी कर दी है। चुनाव मैदान में एक बार फिर भाग्य आजमाने वाले पार्षदों के लिए यह निधि अपने वार्डों में सियासी छवि को चमकाने में मददगार भी साबित हो सकती है। ये अलग बात है कि निधि का उपयोग कितनी जल्दी हो सकता है, चर्चा तो इस बात की भी हो रही है कि निधि जारी करने के बाद काम को लेकर ऊपर से कहीं अड़चनें ना पैदा कर दी जाए।

Update: 2024-12-14 06:55 GMT

Chhattisgarh News: बिलासपुर। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी पार्षद निधि के अंतिम किस्त को लेकर सियासत भी गरमाने लगी है। सत्ता हो या फिर विपक्षी पार्षद, दोनों के बीच यह चर्चा आम है कि निधि जारी करने में देर हो गई। चुनाव आचार संहिता के बीच ना तो काम होगा और ना ही उनकी सिफारिशों पर अमल ही किया जाएगा। सियासी अड़चन और असमंजस के बीच यह बात भी सामने आ रही है कि अड़चनें पैदा करने के बाद भी निधि के बहाने पार्षद अपनी छवि चमकाने की कोशिश तो कर ही सकते हैं। इस बात की भी सियासी संभावनाएं देखी जा रही है कि पार्षद निधि को सामने रखकर चुनावी रेवड़ी और सिफारिशों का दौर भी चलेगा।

नगरीय निकायों के कार्यकाल के अंतिम महीने में राज्य शासन द्वारा जारी पार्षद निधि को लेकर शहरी इलाकों में चर्चा का दौर भी शुरू हो गया है। शहरी राजनीति के जानकारों के साथ ही शहरी नेताओं के बीच बीते तीन दिनों से कुछ इसी तरह की चर्चा छिड़ी हुई है। राज्य सरकार ने अपना दामन बचाने के लिए अंतिम दिनों में पार्षद निधि की अंतिम किस्त जारी की है। राजनीतक रूप से लगाए जाने वाले आरोप से बचने का इसे सियासी प्रपंच माना जा रहा है। निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता की सुगबुगाहट भी होने लगी है। अगर आचार संहिता प्रभावी हो गई तो पार्षद निधि से पार्षदों की सिफारिश के आधार पर वार्ड में काम होने तो रह ही जाएगा। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा जारी निधि का उपयोग पार्षद कर ही नहीं पाएंगे। चुनावी आहट के बीच वार्ड में विकास कार्य के लिए जारी निधि का उपयोग नई परिषद ही कर पाएगी।

नए पार्षदों के लिए बोनस से कम नहीं

माना जा रहा है कि कार्यकाल के अंतिम दिनों में जारी पार्षद निधि का उपयोग वर्तमान पार्षद नहीं कर पाएंगे। नई परिषद के लिए निर्वाचित पार्षद के लिए यह निधि बोनस साबित होगा। निधि का उपयोग निर्वाचित पार्षद अपने वार्ड के विकास कार्य के लिए कर पाएंगे।

166 नगरीय निकायों को 66 करोड़ छह लाख रुपए की पार्षद निधि जारी

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के 166 नगरीय निकायों को कुल 66 करोड़ छह लाख रुपए की पार्षद निधि जारी की है। 14 नगर निगमों को 21 करोड़ 96 लाख रुपए, 48 नगर पालिकाओं को 20 करोड़ 70 लाख रुपए और 104 नगर पंचायतों को 23 करोड़ 40 लाख रुपए की पार्षद निधि जारी की है।

ऐसे जारी हुए पर्षद निधि

पार्षद निधि के रूप में नगर निगमों में प्रत्येक वार्ड के लिए छह लाख रुपए, नगर पालिकाओं में प्रत्येक वार्ड के लिए साढ़े चार लाख रुपए और नगर पंचायतों में प्रत्येक वार्ड के लिए तीन लाख रुपए जारी किया गया है।

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