Chhattisgarh Assembly Election 2023- Kota Seat: 25. कोटा विधानसभा: 72 साल, 16 विधानसभा चुनाव, 6 विधायक

Chhattisgarh Assembly Election 2023- Kota Seat: 25.

Update: 2023-08-07 17:48 GMT

- राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कोटा से सबसे ज्यादा पांच बार विधायक चुने गए

एनपीजी एक्सक्लूसिव

Chhattisgarh Assembly Election 2023  रायपुर। कोटा विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही राजनीतिक रूप से समृद्ध रहा है। आजादी के बाद साल 1951 में जब देशभर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तो उसमें कोटा विधानसभा भी शामिल रहा। इस सीट में पिछले 72 साल में कुल 16 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 1 उपचुनाव शामिल है। इन 16 चुनावों में अब तक यहां से 6 लोग विधायक हुए हैं। इसमें सर्वाधिक बार विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रहे राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के नाम है। वे इस क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ते हुए 5 बार जीत दर्ज की। हालांकि कोटा से पहले वे लोरमी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे और वहां से दो बार विधायक चुने गए थे।

वर्तमान में यहां जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का कब्जा है और विधायक डॉ. रेणु जोगी हैं। रेणु जोगी इस सीट से लगातार चार चुनाव जीत चुकी हैं। पहला चुनाव उन्होंने साल 2006 में जीता था। जब इस सीट के तात्कालीन विधायक राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का निधन हो गया था और यहां उपचुनाव हुए थे। उपचुनाव में कांग्रेस की डॉ. रेणु जोगी ने भाजपा के ठाकुर भूपेंद्र सिंह को 23470 वोट के अंतर से हराया था। इसके बाद से रेणु जोगी 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी हैं।

काशीराम थे कोटा के पहले विधायक

साल 1951 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में कांग्रेस ने काशीराम तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतरा। उनके सामने चुनाव लड़ने निर्दलीय प्रत्याशी चिंतामन राव चुनावी मैदान में थे। इस मुकाबले में काशीराम तिवारी को 8490 वोट मिले, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी चिंतामन को 2682 वोट मिले और कांग्रेस के काशीराम ने 5808 वोट के अंतर से जीत दर्ज की।

1957 में कोटा से चुने गए दो विधायक

देश में हुए पहले विधानसभा चुनाव के बाद साल 1957 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में कोटा विधानसभा से दो-दो विधायक चुने गए। दरअसल, शुरुआती दौर में देश में कई सीटों पर दो सदस्यीय प्रणाली थी। इस द्विसदस्यीय प्रणाली में एक सामान्य और एक आरक्षित सीट होती थी। यही कारण है कि 1957 में जब कोटा में विधानसभा चुनाव हुए तो दो विधायक जीतकर आए। इनमें -काशीराम तिवारी और सूरज कंवर शामिल थे। दोनों ही कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।

सबसे छोटी जीत मथुरा प्रसाद दुबे के हिस्से, सबसे बड़ी जीत डॉ. रेणु जोगी के नाम..

कोटा विधानसभा सीट में सबसे बड़ी जीत और छोटी जीत की बात करें तो यहां सबसे छोटी जीत(कम अंतर से जीत) मथुरा प्रसाद दुबे के हिस्से है। जबकि सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड डॉ रेणु जोगी के नाम पर है। साल 1977 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मथुरा प्रसाद दुबे थे और उनके सामने जनता पार्टी के प्रत्याशी डीआर अग्रवाल थे। इस चुनाव में मथुरा प्रसाद दुबे ने केवल 74 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं सबसे बड़ी जीत डॉ रेणु जोगी के नाम है। साल 2006 में हुए उपचुनाव में डॉ जोगी ने भाजपा के भूपेंद्र सिंग हो 23470 वोट के अंतर से हराया था।

कोटा विधानसभा सीट से अब तक के विधायकों की जानकारी -

वर्ष विधायक पार्टी

1951 काशीराम तिवारी कांग्रेस

1957 काशीराम तिवारी कांग्रेस

सूरज कुंवर कांग्रेस

1962 लाल चंद्रशेखर सिंह कांग्रेस

1967 मथुराप्रसाद दुबे कांग्रेस

1972 मथुराप्रसाद दुबे कांग्रेस

1977 मथुराप्रसाद दुबे कांग्रेस

1980 मथुराप्रसाद दुबे कांग्रेस

1985 राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कांग्रेस

1990 राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कांग्रेस

1993 राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कांग्रेस

1998 राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कांग्रेस

2003 राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कांग्रेस

2006 डॉ रेणु जोगी कांग्रेस(उपचुनाव)

2008 डॉ रेणु जोगी कांग्रेस

2013 डॉ रेणु जोगी कांग्रेस

2018 डॉ रेणु जोगी जेसीसीजे

(नोट: साल 1957 में हुए विधानसभा चुनाव में कोटा विधानसभा क्षेत्र से दो विधायक चुने गए थे।)

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