Chhattisgarh Assembly Election 2023: कर्ज माफी पर घमासान: भाजपा का आरोप झूठ परोस रही है सरकार, कांग्रेस का सवाल क्‍यों हो रहा है पेट में दर्द

Chhattisgarh Assembly Election 2023:

Update: 2023-10-29 06:41 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। कांग्रेस ने छत्‍तीसगढ़ में फिर से किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल की इस घोषणा को भानुप्रतापपुर में कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी दोहराया। अब भाजपा इस पर सवाल खड़े कर रही है। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने राहुल गांधी ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट और धान खरीदी की लिमिट खत्‍म करने की पुरानी घोषणा के जरिये कांग्रेस को घेरा है। इस पर कांग्रेस की तरफ से भी भाजपा पर पलटवार हुआ है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू और सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने किसानों के साथ धोखाधड़ी और छलावा करने के लिए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है। साहू व द्विवेदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ आकर लगातार झूठ परोसने और किसानों को बरगलाने पर तीखा कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि राहुल गांधी अपने इस छत्तीसगढ़ दौरे में क्या अपनी भूपेश सरकार से जरा उन फूड प्रोसेसिंग युनिट्स और धान खरीदी की लिमिट के बारे में जवाब तलब करने की जहमत उठाएंगे, जिनका वादा खुद राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनाव में घूम-घूमकर किया था।

पूर्व कृषि मंत्री साहू ने एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि छत्तीसगढ़ आकर किसानों के नाम पर झूठ-फरेब फैलाकर उन्हें भ्रमित करने से पहले राहुल गांधी याद करें कि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने धान खरीदी की लिमिट हटाने का वादा किया था, लेकिन उनकी प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी साल में धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने का काम किया। यह किसानों के साथ खुली धोखाधड़ी है और इसमें राहुल गांधी बराबर के भागीदार हैं। साहू ने कहा कि इसी तरह 200 फूड प्रोसेसिंग युनिट्स स्थापित करने का वादा भी राहुल गांधी ने प्रदेशभर में घूम-घूमकर किया था, लेकिन आज तक प्रदेश में इन फूड प्रोसेसिंग युनिट्स का कहीं अता-पता नहीं है। 200 युनिट्स लगाने की बात कहकर सिर्फ 2 युनिट लगाकर किसानों के छलने का काम उनकी भूपेश सरकार ने किया है। जरा राहुल गांधी अपनी प्रदेश सरकार से इस बारे में जवाब तलब तो करें क्योंकि इन युनिट्स के जरिए किसानों के परिजनों व बच्चों को रोजगार देने की बात कही गई थी।

पूर्व कृषि मंत्री साहू ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार किसानों का धान सबसे अधिक कीमत पर खरीदने का ढोल तो पीट रही है लेकिन प्रदेश सरकार ने माना है कि धान खरीदी केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर प्रदेश सरकार करती है और केंद्र सरकार चावल के रूप में खरीदी करके धान खरीदी की 80 फीसदी से अधिक राशि प्रदेश सरकार को देती है। अब जिस बात पर प्रदेश सरकार किसानों की हितैषी होने का पाखंड रचकर अपने मुंह मियां मिठ्ठू बन रही है, वह राजीव किसान न्याय योजना के नाम पर दी जाने वाली नाममात्र की राशि है जिसे किसानों को चार किश्तों में खैरात के तौर पर देकर किसानों के स्वाभिमान पर चोट पहुंचा रही है। इसी प्रकार गिरदावरी में कटौती करके किसानों को उनके हक के आर्थिक लाभ से वंचित करने वाली सरकार आज फिर किसानों को बरगलाने में लगी है। जिस गौ-धन न्याय योजना के नाम पर प्रदेश की भूपेश सरकार प्रदेश को भरमा रही है, उसमें गोबर घोटाला तक इस सरकार ने कर डाला और बोरों में मिट्टी भरकर वर्मी कम्पोस्ट के नाम पर किसानों को जबरन थमाकर उन्हें आर्थिक चोट पहुँचाने का काम किया गया। श्री साहू ने कहा कि कांग्रेस ने न तो एक लाख सिंचाई पम्प देने का वादा आज तक पूरा किया और न ही अपने पूरे शासनकाल में सिंचाई सुविधाएँ बढ़ाई।

पूर्व कृषि मंत्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों की कर्जमाफी का पासा एक बार फिर फेंककर यह मान लिया है कि उसने प्रदेश के किसानों को कर्ज के दलदल में आकंठ धँसा दिया है। पिछली बार हुई कर्जमाफी में किसानों के साथ बड़ा छलावा हुआ है। सिर्फ सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया गया जबकि राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों समेत लगभग डेढ़ सौ संस्थाओं से लिए गए किसानों के कर्ज माफ तक नहीं किए गए। इसके चलते कर्ज में डूबे प्रदेश के लगभग 1000 किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए। अब इस बार कांग्रेस के इस झाँसे में प्रदेश के किसान कतई नहीं आएंगे। साहू ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में वादा करके यह भी ढोल पीटा था कि सत्ता में आने के बाद हम किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी देंगे, लेकिन सरकार में आने के बाद भूपेश सरकार ने इस वादे पर मुंह में न केवल दही जमाया, अपितु भूपेश सरकार व कांग्रेस ऐसे किसी वादे से साफ मुकर गई।

भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक द्विवेदी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस संगठन का गैंग बड़े पैमाने पर ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में मतदान को प्रभावित करने का षड्यंत्र रच रहा है। लगभग 2 हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में नियमों को ताक पर रखकर कांग्रेस के पदाधिकारियों तथा सदस्यों को प्राधिकृत अधिकारी बनाकर इस षड्यंत्र को अंजाम दिया जा रहा है। ये सदस्य प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से धान खरीदी को प्रभावित करने का षड्यंत्र करेंगे और कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेंगे। इसी प्रकार प्रदेश के 6 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों एवं अपेक्स बैंक में भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारी प्राधिकृत अधिकारी एवं प्रशासक के रूप में नामांकित किए गए हैं। उक्त प्राधिकृत अधिकारीगण सहकारी बैंकों एवं सोसायटियों के संसाधनों का दुरुपयोग करते हुए कांग्रेस के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है। इन सदस्यों को उक्त पद से त्यागपत्र देने के बाद ही कांग्रेस का प्रचार-प्रसार करना चाहिए था, किन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। द्विवेदी ने कहा कि वर्ष 2018 में जो कर्जमाफी हुई थी उसमें प्रदेश के सभी सहकारी बैंकों के लगभग 161 करोड़ रुपए आज भी सहकारी बैंकों को नहीं मिल सका है। भाजपा सरकार के समय किसानों को ट्यूबवेल खनन पर कृषक समृध्दि योजना के तहत जो अनुदान मिलता था, वह आज बंद हो गया है। सोसाटियों को धान खरीदी के एवज में केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले कमीशन की राशि भी आज 9 माह बाद भी क्यों नहीं दी जा रही है? हम दावे के साथ कहते है कि कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपए प्रतिक्विंटल की दर से धान खरीदी नहीं की है यथा 2019-20 में 105 करोड़ रुपए की कम राशि दी गई तथा 2020-21 में लगभग 237 करोड़ रुपए की राशि किसानों को नहीं दी गई। प्रदेश सरकार बताए कि केंद्र सरकार के साथ एमओयू में यह कहाँ लिखा है कि बोनस देने पर प्रतिबंध है।

कर्ज माफी और 20 क्विंटल धान खरीदी का भाजपा विरोध क्यों कर रही है? Chhattisgarh Assembly Election 2023:

पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा सरकार बनने पर किसानों को कर्ज मुक्त करने और 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा के बाद किसान विरोधी भाजपा के नेताओ को तकलीफ होना शुरू हो गया। पूर्व रमन सरकार के दौरान 10 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी होती थी। भाजपा नेता किस मुंह से 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा पर सवाल उठा रहे हैं? बीते 5 वर्षों में भूपेश सरकार ने प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी किया है। 2500 रु प्रति क्विंटल देने का वादा किया था उसे ज्यादा 2640 रु और 2660 रु खरीदा है। 1 नवंबर से 20 क्विंटल धान की खरीदी लगभग 2800 रु कीमत पर होगी जो भाजपा शासित राज्यों में किसानों को नहीं मिलता है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के किसान विरोधी काला कानून का विरोध करने वाले आंदोलनकारी किसानों को भाजपा नेता आतंकवादी, नक्सली, टुकड़े-टुकड़े गैंग, देशद्रोही कहते थे। आज छत्तीसगढ़ में भाजपा की करारी हार में देखते हुए, भाजपा नेता किसानों के हितैषी होने का स्वांग रच रहे हैं। घड़ियाली आंसू बहा रहे है। भाजपा नेताओं के बहरूपिया चरित्र को किसान जानते और पहचानते है। रमन सिंह ने कहा था किसानों को बोनस देने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था खराब होगी इसलिए बोनस नहीं देंगे, धान की कीमत 2100 रु नही देंगे। किसानों का बोनस खाने वाले भाजपा के नेता आज किस मुंह से किसान हितैषी भूपेश सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बीते 5 वर्षों में किसान कर्ज माफी और धान की कीमत 2500 रु प्रति क्विंटल प्राप्त करने के बाद भाजपा के नेता चुनाव को देखते हुए किसानों को धोखा देने का झूठा आरोप लगा रहे। पूरा प्रदेश ने देखा है कि रमन सिंह, धरमलाल कौशिक सहित कई भाजपा के बड़े नेताओं को कर्ज माफी योजना का लाभ मिला है। रमन सिंह, उनके पुत्र अभिषेक सिंह, धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल सहित भाजपा के बड़े नेताओं ने भी धान की कीमत 2500 रु क्विंटल और 2640 रु और 2660 रु में कीमत प्राप्त किया है और इस वर्ष भाजपा के नेताओं को भी धान की कीमत 2800 रु क्विंटल मिलेगा।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा नेता चंद्रशेखर साहू धान को अर्थव्यवस्था की धड़कन मानते हैं और इस धड़कन को बंद करने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन काला कृषि कानून लाया था। 14 महीने के आंदोलन और 800 से अधिक किसानों की मौत के बाद माफी मांग कर उस बिल को वापस लिए थे। चंद्रशेखर साहू को पता है कि खेती में लागत मूल्य बढ़ गया है फिर नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों को वादा अनुसार स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य क्यों नहीं दे रहे हैं बड़ा सवाल उठता है, भाजपा कुछ भी कर ले किसान का भरोसा नहीं जीत पाएंगे, किसानों का भरोसा कांग्रेस सरकार के ऊपर है और कांग्रेस को वोट करेंगे।

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