Chhattisgarh Assembly Election 2023 Janjgir-Champa Assembly Seat 34. जांजगीर-चांपा विधानसभा: 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट में अब तक तीन चुनाव हुए, दो में बीजेपी, एक में कांग्रेस की जीत

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Janjgir-Champa Assembly Seat 34

Update: 2023-09-26 12:50 GMT

एनपीजी एक्सक्लूसिव

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद जब प्रदेश में पहली बार परिसीमन हुआ तो जांजगीर-चांपा सीट अस्तित्व में आई। अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर पहला चुनाव हुआ साल 2008 में। इस चुनाव में भाजपा के नारायण चंदेल ने कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन को 1090 वोट से पटखनी दी और विधानसभा पहुंचे। लेकिन इन दोनों के बीच यह कोई पहला चुनाव नहीं था। पहले भी दोनों चुनावी मैदान में आमने-सामने टकरा चुके हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश में साल 1998 के विधानसभा चुनाव और छत्तीसगढ़ गठन के बाद साल 2003 में हुए पहले चुनाव में नारायण चंदेल और मोतीलाल दोनों चांपा विधानसभा सीट से आमने सामने थे। इसमें से 1998 का चुनाव नारायण चंदेल ने जीता था, जबकि 2003 का कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन ने।

ये भी जानिए, पहले जांजगीर और चांपा दोनों अलग थे

वर्तमान में जांजगीर-चांपा विधानसभा का नाम एक साथ लिया जाता है। लेकिन पहले ये दोनों सीटें अलग-अलग नाम से जानी जाती थी। आजादी के बाद 1951 में जब मध्यप्रदेश में पहला विधानसभा चुनाव हुआ तो जांजगीर सीट अलग थी और चांपा की सीट अलग। तब जांजगीर सीट के नाम से तीन चुनाव हुए। पहले चुनाव में जांजगीर के साथ पामगढ़ का नाम जुड़ा हुआ था, ऐसे में यहां से दो विधायक चुने गए। इसमें कांग्रेस के गणेश राम और निर्दलीय प्रत्याशी महादेव मुरलीधर का नाम शामिल है। इसी तरह 1957 में हुए चुनाव में जांजगीर विधानसभा से लखेश्वरीलाल पालीवाल जीतकर आए। इसी तरह 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के रामेश्वर प्रसाद शर्मा ने जीत दर्ज की। 1967 में जांजगीर सीट विलुप्त हो गई। वहीं चांपा सीट से 2003 तक विधायक चुने जाते रहे। साल 2008 से पहले हुए परिसीमन में चांपा सीट विलुप्त हो गई और उसके स्थान पर जांजगीर-चांपा नामक नई विधानसभा सीट अस्तित्व में आई।

क्षेत्र में महंत परिवार का वर्चस्व, 28 साल रहे विधायक

जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र में जितनी मजबूत कांग्रेस की रही, उतनी ही अच्छी पकड़ महंत परिवार की। यही कारण है कि महंत परिवार 6 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और 28 साल इसी परिवार से विधायक रहे। जांजगीर-चांपा से पहले यह सीट केवल चांपा के नाम से जानी जाती थी। साल 1951 में चांपा में पहला चुनाव हुआ और 2003 में आखिरी। इस सीट से बिसाहुदास महंत ने 1967 में पहली बार चुनाव लड़ा और भारतीय जनसंघ के जीवनलाल को 14586 वोट के अंतर से हराकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 1972 और 1977 में भी विधानसभा चुनाव जीता। साल 1980 में बिसाहुदास महंत के बेटे चरणदास महंत चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इसे बाद उन्होंने 1985 में और 1993 में भी विधानसभा चुनाव जीता। चरणदास महंत वर्तमान में सक्ती विधानसभा के विधायक हैं।

अब एक नजर साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर

साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जहां पूरे प्रदेश में कांग्रेस की हवा थी, वहीं जांजगीर-चांपा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की। वर्तमान में यहां से विधायक नारायण चंदेत हैं, जो छत्तीसगढ़ के नेताप्रतिपक्ष भी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में जांजगीर-चांपा सीट से कुल मतदाताओं की संख्या 2033330 थी, जिसमें से 147226 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा की ओर से नारायण चंदेल, कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन और बसपा से ब्यास नारायण कश्यप प्रत्याशी बनाए गए। जब चुनाव परिणाम सामने आए तो नारायण चंदेल को 54040 वोट, मोतीलाल देवांगन को 49852 वोट और बसपा के ब्यास नारायण को 33505 वोट मिले। इस तरह नारायण चंदेल ने यह चुनाव 4188 वोट मार्जिन से जीत लिया।

जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र के विधायक

वर्ष 

विधायक 

पार्टी

2008 

नारायण चंदेल

 भाजपा

2013 

मोतीलाल देवांगन 

कांग्रेस

2018 

नारायण चंदेल 

भाजपा


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