Chhattisgarh Assembly Election 2023 Dharsiwa Assembly Seat 47. धरसींवा विधानसभा: छत्तीसगढ़ के स्वप्र दृष्टा खूबचंद बघेल यहां के पहले विधायक, यह ऐसा क्षेत्र जहां आंकड़ों में कांग्रेस पीछे, 14 चुनाव में कांग्रेस के हिस्से आई 6 जीत, पढ़ें एनपीजी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

Chhattisgarh Assembly Election 2023 Dharsiwa Assembly Seat 47

Update: 2023-10-11 06:51 GMT

रायपुर। रायपुर जिले की धरसींवा विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। आजादी के बाद से हुए चुनाव में इस सीट से काफी बड़े नामों ने न केवल चुनाव लड़ा बल्कि शानदार जीत भी दर्ज की। इनमें से ही एक नाम है डॉ. खूबचंद बघेल का। डॉ. खूबचंद बघेल, जिन्होंने स्वतंत्र और अगल छत्तीसगढ़ का सपना देखा वे इस सीट के पहले विधायक रहे हैं। आगे चलकर मुन्नालाल शुक्ला, विधान मिश्रा, देवजीभाई पटेल जैसे कद्दावर नेता भी इसी क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। धरसींवा क्षेत्र में अब तक कुल 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस क्षेत्र में भले ही कांग्रेस आगे है, लेकिन ओवरऑल जीत के आंकड़ों में सभी दल मिलकर कांग्रेस पर भारी पड़ते नजर आएंगे। ऐसा हम क्यों कह रहे, आगे पढि़ए इस रिपोर्ट में...

1957 में हुए पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से डॉ. खूबचंद बघेल मैदान में थे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के नंदकुमार दानी को 1343 वोट से हराया। पांच साल बाद 1962 में हुए चुनाव में एक बार फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के हरिप्रेम बघेल ने जीत दर्ज की और फिर से कांग्रेस के नंदकुमार दानी को हार मिली। 1967 में कांग्रेस ने धरसींवा से पहली बार जीत दर्ज की और मुन्नालाल शुक्ला विधायक बनें। मुन्नालाल 1972 में दोबारा विधायक बनें। 1977 में हुए चुनाव में यह सीट जनता पार्टी के पास चली गई और अश्विनी कुमार यहां के विधायक बनें। साल 1980 में महंत रामेश्वर गिरी और 1985 में दौलतराम वर्मा ने कांग्रेस को जीत दिलाई। भाजपा को पहली जीत 1990 में मिली और श्याम सुंदर अग्रवाल विधायक चुने गए। 1993 में हुए चुनाव में बालाराम वर्मा ने भाजपा को दोबारा जीत दिलाई। वहीं 1998 में कांग्रेस ने वापसी की और विधान मिश्रा विधायक बनें। हालांकि पांच साल बाद ही 2003 में भाजपा के देवजी भाई पटेल यहां से जीते। उन्होंने 2008 और 2013 में भी जीत दर्ज की। 2018 में 15 साल बाद कांग्रेस धरसींवा की सीट हासिल कर पाई। इस तरह से इस सीट पर कांग्रेस ने कुल 6, भाजपा ने 5, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने 2 और 1 बार जनता पार्टी ने यहां से चुनाव जीता।

सिर्फ 106 वोट से जीते थे हरिप्रेम बघेल

चुनावी आंकड़ों की बात करें तो सबसे कम वोट के अंतर से जीतने वाले विधायकों में हरिप्रेम बघेल का नाम इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहले आता है। साल 1962 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने मात्र 106 वोट के अंतर से चुनाव जीता था। इसी तरह अब तक हुए चुनाव में सर्वाधिक वोट के अंतर से जीत का रिकॉर्ड अनिता योगेंद्र शर्मा के नाम पर है। उन्होंने साल 2018 का चुनाव 19400 वोट के अंतर से जीता था।

तो अब जानते हैं क्या थे 2018 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में धरसींवा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 209629 थी। कुल 16 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे। भाजपा ने तीन बार के विधायक देवजी भाई पटेल को एक बार फिर मौका दिया। कांग्रेस ने 2013 की प्रत्याशी रही अनिता योगेंद्र शर्मा पर फिर से भरोसा जताया। वहीं जेसीसीजे ने पन्नालाल साहू को प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में कुल 164607 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम जारी हुए तो कांग्रेस की अनिता योगेंद्र शर्मा को 78989 वोट मिले। दूसरे नंबर पर भाजपा के देवजी भाई पटेल रहे, जिन्हें 59589 वोट मिले। वहीं थर्ड पोजिशन में जेसीसीजे के पन्ना लाल साहू रहे, जिन्हें 14968 वोट मिले थे। इस तरह अनिता योगेंद्र शर्मा ने 19400 वोट के अंतर से चुनाव जीतकर 15 साल बाद धरसींवा में कांग्रेस को वापसी दिलाई।


वर्ष

विधायक 

पार्टी

1957 

डॉ. खूबचंद बघेल 

पीएसपी

1962 

हरि प्रेम बघेल

 पीएसपी

1967

 मुन्ना लाल शुक्ला 

कांग्रेस

1972 

मुन्ना लाल शुक्ला

 कांग्रेस

1977 

अश्विनी कुमार 

जेएनपी

1980 

महंत रामेश्वर गिरी 

कांग्रेस

1985

 दौलत राम वर्मा

 कांग्रेस

1990

 श्याम सुंदर अग्रवाल

 बीजेपी

1993

 बालाराम वर्मा 

बीजेपी

1998 

विधान मिश्रा

 कांग्रेस

2003 

देवजी भाई पटेल

 बीजेपी

2008

 देवजी भाई पटेल 

बीजेपी

2013

 देवजी भाई पटेल 

बीजेपी

2018

 अनिता योगेंद्र शर्मा 

कांग्रेस


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