Chhattisgarh Assembly Election 2023 Dharamjaygarh Seat 19. धरमजयगढ़ विधानसभा: इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक 15 चुनाव हुए, 1951 से 1998 तक कांग्रेस को कोई हरा नहीं पाया, 2003 में पहली बार भाजपा ने चखा जीत का स्वाद
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Dharamjaygarh Seat 19.
एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। धरमजयगढ़ विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां अब तक हुए चुनावों के आंकड़े तो यही कह रहे हैं। आंकड़ों की ही मानें तो इस विधानसभा में 10 या 15 साल नहीं, बल्कि लगातार 52 साल तक कांग्रेस का कब्जा रहा। धर्मजयगढ़़ विधानसभा में जब पहली बार 1951 में चुनाव हुए तो इस सीट से दो विधायक चुने गए। राजा चंद्रचूण प्रसाद सिंहदेव और बुधनाथ साय दोनों ही कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर विधायक बनें। 1957 में भी राजा चंद्रचूण और उमेद सिंह विधायक रहे। 1962 से क्षेत्र में एकल विधायक का चुनाव होने लगा।
धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए कुल 15 चुनाव में से 13 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। इस सीट से 1998 के चुनाव तक कांग्रेस को कोई भी हरा नहीं पाया। 2003 में पहली बार यहां से कांग्रेस को भाजपा ने हराया था। यहां से भाजपा केवल 2 विधानसभा चुनाव ही जीत पाई है।
कांग्रेस के चनेश राम राठिया बने लगातार पांच बार विधायक
कांग्रेस नेता चनेश राम राठिया धरमजयगढ़ विधानसभा से लगातार पांच बार विधायक चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। 1980 के विधानसभा चुनाव में चनेश राम पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में थे। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रेम सिंह को 10472 वोट के अंतर से हराया था। इसके बाद चनेश राम ने 1985 के चुनाव में भाजपा के लोचन प्रसाद को 3542 वोट, 1990 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जगमोहन बाबा को 11061 वोट, 1993 में बीजेपी के संतोष सिंह को 5723 वोट और 1998 के चुनाव दोबारा संतोष सिंह को 11872 वोट के अंतर से हराया। चनेश राम राठिया अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान दिग्विजय सिंह सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वहीं छत्तीसगढ़ गठन के बाद जोगी सरकार में वे खाद्य और संस्कृति मंत्री बनें। 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने चनेश सिंह को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन वे भाजपा के ओम प्रकाश राठिया से हार गए।
1980 से भाजपा चुनावी मैदान में, लेकिन पहली जीत मिली 2003 में
साल 1980 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी धरमजयगढ़ के चुनावी समर में पहली बार उतरी। भाजपा ने प्रेम सिंह को प्रत्याशी के रूप में उतारा, लेकिन वे 10472 वोट से चुनाव हार गए। इसके बाद लोचन प्रसाद, जगमोहन बाबा और संतोष सिंह को अलग-अलग चुनावो में भाजपा ने बतौर उम्मीदवार मैदान में उतारा, लेकिन सभी को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 23 साल के इस संघर्ष के बाद 2003 में बीजेपी ने पहली बार जीत का स्वाद चखा। इस चुनाव में भाजपा के ओम प्रकाश राठिया ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे चनेश राम को 15618 वोट से शिकस्त दी।
जानिए, धरमजयगढ़ विधानसभा में कब कौन रहा विधायक
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1962 | किशोरी मोहन | कांग्रेस |
1967 | आरसीपी सिंह | कांग्रेस |
1972 | वैद्य बेगराज शर्मा | कांग्रेस |
1977 | गणेश राम राठिया | कांग्रेस |
1980 | चनेश राम राठिया | कांग्रेस |
1985 | चनेश राम राठिया | कांग्रेस |
1990 | चनेश राम राठिया | कांग्रेस |
1993 | चनेश राम राठिया | कांग्रेस |
1998 | चनेश राम राठिया | कांग्रेस |
2003 | ओम प्रकाश राठिया | बीजेपी |
2008 | ओम प्रकाश राठिया | बीजेपी |
2013 | लालजीत सिंह राठिया | कांग्रेस |
2018 | लालजीत सिंह राठिया | कांग्रेस |