Chhattisgarh Assembly Election 2023 : CG में रमन ही स्टार: छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह का चेहरा आगे कर चुनाव लड़ेगी भाजपा, प्रचार के लिए सबसे ज्यादा डिमांड भी...

Chhattisgarh Assembly Election 2023 : रमन सिंह छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं.15 साल तक भाजपा के स्टार रहे. छत्तीसगढ़ के साथ-साथ दूसरे राज्यों के चुनाव में भी स्टार प्रचारक बनाए जाते थे.

Update: 2023-10-09 16:30 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023 : रायपुर. छत्तीसगढ़ भाजपा ने सोमवार को दूसरे चरण की विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. फिलहाल 5 सीटें होल्ड हैं. प्रत्याशियों के ऐलान के बाद यह तय हो गया है कि भाजपा डॉ. रमन सिंह के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ेगी. प्रत्याशियों में भी रमन सिंह की डिमांड सबसे ज्यादा है. डॉ. रमन के नाम भाजपा के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड है। एक व दो रुपए किलो चावल योजना के आधार पर उन्हें चाउंर वाले बाबा के नाम से पुकारा जाने लगा था.

15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह पार्टी के आज्ञाकारी सिपाही रहे हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री रहते हुए जब उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया गया तो उन्होंने पार्टी के निर्देश को स्वीकार कर दिल्ली से रायपुर की राह पकड़ ली. यह तब की बात है, जब राज्य गठन होने के बाद अजीत जोगी की सरकार बनी थी और जोगी आक्रामक ढंग से सत्ता चला रहे थे. उस समय भाजपा की सत्ता में वापसी हो पाएगी या नहीं, इस पर संशय था. हालांकि ऐसा नहीं हुआ और 2003 में हुए चुनाव में भाजपा ने 50 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया.

भाजपा में जब मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा चल रही थी, तब कई नाम थे, लेकिन पार्टी ने डॉ. रमन को सीएम बनाने का निर्णय लिया. उस समय वे सांसद थे. 7 दिसंबर 2003 को शपथ लेने के बाद जनवरी 2004 में उन्होंने डोंगरगांव सीट से उपचुनाव लड़ा. इसमें उन्हें जीत मिली. इसके बाद 2008 में उन्होंने डोंगरगांव के बजाय राजनांदगांव से चुनाव लड़ने का फैसला किया और लगातार तीन बार से वहां के विधायक चुने जा चुके हैं. एक बार फिर उन्हें राजनांदगांव से उम्मीदवार बनाया गया है.

तीन बार महिला उम्मीदवार उतारे

डॉ. रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने चार में से तीन बार महिला उम्मीदवार उतारे. डोंगरगांव से जब वे उपचुनाव लड़े, तब गीता देवी सिंह उनके खिलाफ चुनाव मैदान में थीं. रमन को 42115 वोट मिले थे. वहीं गीता देवी सिंह को 32004 वोट मिले. 2008 में राजनांदगांव सीट से डॉ. रमन के खिलाफ उदय मुदलियार कांग्रेस के प्रत्याशी थे. रमन सिंह को इस चुनाव में 77230 वोट और मुदलियार को 44841 वोट मिले थे.

इसी तरह 2013 में रमन सिंह के खिलाफ उदय मुदलियार की पत्नी अल्का मुदलियार प्रत्याशी थीं. झीरम घाटी नक्सल हत्याकांड में उदय मुदलियार के​ निधन के बाद कांग्रेस ने अल्का को प्रत्याशी बनाया. इसमें रमन को 86797 वोट मिले, जबकि अल्का को 50931 वोट मिले थे. इसके बाद 2018 में रमन के खिलाफ भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं करुणा शुक्ला चुनाव लड़ रही थीं. इस चुनाव में रमन को 80589 वोट मिले थे. वहीं, करुणा 63656 वोट ही हासिल कर पाई थी.

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