Chhattisgarh Assembly Election 2023: CG एक कैंडिडेट, दो सीटों पर फायदा: बेलतरा में भाजपा का कॉम्बो पैक, जानिए क्या है समीकरण

Update: 2023-10-30 08:03 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ की बेलतरा सीट पर भाजपा ने कॉम्बो ऑफर की तरह प्रत्याशी तय किया है. ब्राह्मण कैंडिडेट उतारकर भाजपा ने न सिर्फ बेलतरा के बीस हजार मतदाताओं को साधने की कोशिश की है, वहीं, बिलासपुर के चालीस हजार ब्राह्मण मतदाताओं के सामने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. दरअसल, पिछली बार भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी के बजाय रजनीश सिंह को टिकट दिया था. बिलासपुर में अमर अग्रवाल प्रत्याशी थे. इसके विपरीत कांग्रेस ने शैलेष पांडेय को टिकट दिया था. शैलेष भले ही कांग्रेस पार्टी के पैराशूट प्रत्याशी थे, लेकिन ब्राह्मण समाज ने उन्हें हाथों-हाथ लिया. परदेिशया यानी छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण नहीं होने के बाद भी दोनों ने पांडेय के पक्ष में वोट किया था. इस बार भाजपा ने सुशांत शुक्ला के जरिए इस समीकरण को साध लिया है. कांग्रेस ने इस बार ओबीसी के बजाय सामान्य वर्ग से विजय केशरवानी को टिकट दिया है.

नदी के दोनों छोर पर है सीटें

बिलासपुर और बेलतरा सीट अरपा नदी के दोनों छोर पर स्थित है. बिलासपुर शहरी हिस्सा है, जबकि बेलतरा में सरकंडा के हिस्से को छोड़ दें तो आगे ग्रामीण इलाके ही हैं. इस इलाके में एनटीपीसी सीपत एक बड़ी उपलब्धि है. इसके अलावा एजुकेशन और स्पोर्ट्स का हब बनता जा रहा है. शायद यही वजह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही पुराने छात्र नेताओं को मौका दिया है.

ब्राह्मण नहीं होने से हारी कांग्रेस

कांग्रेस ने अंतिम बार चंद्रप्रकाश वाजपेयी को अपना प्रत्याशी बनाया था. इसके बाद दो बार यादव और एक बार साहू समाज से प्रत्याशी उतारा. ऐसा माना जाता है कि ओबीसी कैंडिडेट के कारण ही कांग्रेस की हार हुई थी. इससे सीख लेते हुए कांग्रेस ने ओबीसी के बजाय सामान्य वर्ग के नेता को टिकट दिया है. कुछ समय पहले कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन भी कराया था.

सिर्फ एक बार टूटा रिकॉर्ड

बेलतरा से पहले यह सीट सीपत कहलाती थी. सीपत सीट के गठन के बाद 1977 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के राधेश्याम शुक्ला जीते थे. इसके बाद 1980 में भी राधेश्याम शुक्ला जीते. 1985 में कांग्रेस के ही अरुण तिवारी की जीत हुई. इसके बाद 1990 में बद्रीधर दीवान ने खाता खोला. 1993 में कांग्रेस के चंद्रप्रकाश वाजपेयी जीते. इसके बाद 1998 के चुनाव में बसपा के इंजीनियर रामेश्वर खरे की जीत हुई थी. इसके बाद 2003 में बद्रीधर दीवान जीते. इस सीट का परिसीमन हुआ और बेलतरा सीट बनी. बेलतरा सीट बनने के बाद तीन चुनाव हुए हैं. इनमें 2008 और 2013 में बद्रीधर दीवान जीते थे, जबकि 2018 में कांग्रेस की लहर के बावजूद भाजपा के रजनीश सिंह जीते थे.




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