CG Vidhansabha Budget Session 2025: अजय ने मंत्री टंकराम वर्मा से पूछा, पदक विजेता खिलाड़ियों को सीएम आज नगद राशि देंगे, आपने गलत जानकारी क्यों दी...
CG Vidhansabha Budget Session 2025: बजट सत्र का अंतिम दिन राजस्व, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा के लिए ठीक नहीं रहा। राजस्व के मामलों में लगातार घिरने के बाद ओलंपिक से संबंधित सवालों का भी जवाब नहीं दे पाए। सवाल के अनुरुप जवाब ना आने से झल्लाए विधायक अजय चंद्राकर को यह कहना पड़ गया कि हम दोनों सगे भाई हैं, कुंभ मेले में मिले हैं। मेरे सवाल का उत्तर आया ही नहीं। खेल विभाग में जो कुछ चल रहा है उसे लेकर विधायक चंद्राकर की चिंता भी सामने आई और सदन के सामने कहना पड़ गया कि खेल विभाग में जो कुछ चल रहा है वह मेरे हिसाब से उचित नहीं है।

CG Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। 38वें राष्ट्रीय खेल देहरादून उत्तराखंड में आयोजित खेल स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने खेल एवं युवा कल्याण विभाग का काम देख रहे मंत्री टंकराम वर्मा से छोटे-छोटे सवाल पूछे। अचरज की बात ये कि मंत्री की ओर से छोटे सवालों का जवाब देने में भी हिचक महसूस की जा रही थी। मंत्री की ओर से पेश गलत जवाब को विधायक ने पकड़ा और सदन के सामने पोल भी खोल दी। अजय के इस खुलासे के बाद मंत्री टंकराम वर्मा को जवाब देते नहीं बना।
उत्तराखंड के देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन के दौरान खेल स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ की स्थिति को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने विस्तार से सवाल पूछा था। 38वें राष्ट्रीय खेल (देहरादून उत्तराखंड) में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कितने सदस्यीय खेल दलों ने, कौन- कौन से खेलों में भाग लिया है? उक्त टीम की चयन प्रक्रिया क्या अपनायी गयी थी (व्यक्तिगत/टीम स्पर्धा ? व चयनकर्ता कौन-कौन थे? उनका शैक्षणिक एवं अनुभव क्या है? उक्त व्यक्तिगत/टीम प्रतिस्पर्धा में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए कब-कब और कहां-कहां पर प्रशिक्षण शिविर लगाए गए किन-किन खेलों के प्रशिक्षक/कोच कौन-कौन थे।
इन सवालों के जवाब में घिर गए मंत्री टंकराम
राज्य सरकार द्वारा इन प्रशिक्षिक/कोच एवं खिलाड़ियों को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गयी हैं? राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाले छत्तीसगढ़ के कौन-कौन से खिलाड़ियों द्वारा किन-किन खेलों में गोल्ड/सिल्वर/कास्य पदक जीते तथा जीतने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी जाती हैं। शासकीय नौकरियों में भर्ती हेतु इनके लिये क्या-क्या प्रावधान किया गया है। उनको कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाती है। वर्ष 2019 से 2023 तक कितने खिलाड़ियों को यह सुविधायें एवं प्रोत्सा हन राशि/शासकीय नौकरियां दी गयी है। तथा ऐसे कितने खिलाड़ी जो अन्य किन-किन राज्यों के तरफ से, किन-किन खेलों का प्रतिनिधित्व किया है।
मंत्री ने कुछ इस तरह दिया जवाब
मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रशिक्षक/कोच एवं खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल में भागीदारी हेतु यात्रा किराया, यात्रा दैनिक भत्ता, ट्रैकशूट, बैग, जूता-मोजा, कैप, ब्लेजर, टी-शर्ट, प्रशिक्षण शिविर इत्यादि की सुविधाएं छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के माध्यम से दी गई है।
पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को राज्य सरकार द्वारा नगद राशि पुरस्कार की सुविधा प्रदान की जाती है एवं उत्कृष्ट खिलाड़ी नीति एवं नियम 2007 एवं 2010 के अनुसार राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने के प्रावधान है तथा घोषित उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शासकीय नौकरियों में भर्ती की सुविधाएं प्रावधानित है। राष्ट्रीय खेल में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एकल खेल विधा के लिए स्वर्ण पदक हेतु रू 4 लाख, रजत पदक हेतु रू 3.20 लाख, कांस्य पदक हेतु रू 2.40 लाख एवं दलीय खेलों में प्रति खिलाड़ी स्वर्ण पदक 2 लाख, रजत पदक 1.60 लाख, कांस्य पदक हेतु रू 1.20 लाख हेतु प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाती है। राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के माध्यम से होती है, अन्य राज्यों से खेलने वाले खिलाड़ियों की जानकारी छ.ग. ओलम्पिक संघ से संबंधित नहीं है। यह अन्य राज्यों से संबंधित कार्य होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जवाब देकर फंस गए मंत्री वर्मा
विधायक अजय चंद्राकर के सवाल के जवाब में मंत्री की ओर पेश लिखित जवाब में यह बताया गया है कि राष्ट्रीय खेल में पदक जीतने वाले 64 खिलाड़ियों का 62 लाख रुपये की नगद राशि दी गई है। लिखित जवाब पर सवाल खड़ा करते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में गलत जानकारी दी जा रही है। अजय ने कहा कि जैसा कि जानकारी है आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पदक जितने वाले खिलाड़ियों को नगद राशि के साथ उनका सम्मान करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है। सीएम कार्यक्रम में शामिल होंगे। पर यह क्या। मंत्री की ओर से गलत जवाब दिया गया है। बताया गया है कि पदक जितने वाले खिलाड़ियों को नगद राशि दे दी गई है।