झारखंड पुलिस खाली हाथ: तीन आरोपियों के घर पुलिस ने दी दबिश, ब्रह्मानंद के घर तक नहीं पहुंची; कांकेर में डेरा

Update: 2022-11-28 16:22 GMT

कांकेर। नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची झारखंड पुलिस टीम ने तीन स्थानों पर दबिश दी। तीनों नहीं मिले। पुलिस टीम भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के घर तक नहीं पहुंची। हालांकि पुलिस टीम कांकेर में रुकी हुई है। ऐसे में देर रात या तड़के गिरफ्तारी की आशंका है। इसे देखते हुए भाजपा की ओर से तैयारी की गई है। वहीं, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न बने, इसलिए प्रशासन की ओर से भी अफसरों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

झारखंड के शहर जमशेदपुर के टेल्को थाने में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, देह व्यापार में धकेलने और पॉक्सो की धाराओं के तहत केस दर्ज है। इस मामले में भानुप्रतापपुर उपचुनाव के प्रभारी ब्रह्मानंद नेताम के अलावा भाजयुमो जिला कोषाध्यक्ष दीपांकर सिन्हा, नरेश सोनी और आरक्षक केशव सिन्हा आरोपी हैं। झारखंड पुलिस की टीम सुबह रायपुर पहुंची और इसके बाद भानुप्रतापपुर के लिए रवाना हुई।


पुलिस ने दीपांकर के घर पर दबिश दी। वहां दीपांकर नहीं मिला। उसके परिजन ने बताया कि वह पिछले 5 दिनों से घर पर नहीं है। नरेश सोनी के चारामा स्थित मकान में भी पुलिस गई। वहां भी नरेश नहीं मिला। इसके अलावा चारामा के नजदीक निलंबित आरक्षक केशव सिन्हा के घर पर भी झारखंड पुलिस की टीम ने तलाशी ली है, लेकिन वह भी फरार था। भाजपा प्रत्याशी नेताम का घर भी चारामा में है, लेकिन पुलिस टीम वहां नहीं पहुंची। भाजपा नेताओं को आशंका है कि देर रात या तड़के पुलिस टीम दबिश दे सकती है।

सोमवार को भी भाजपा के नेता व कार्यकर्ता ब्रह्मानंद नेताम की गिरफ्तारी को लेकर तैयार थे। नेताम भाजपा के चुनाव कार्यालय तक पहुंचे थे। भाजपा के उपचुनाव प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि नेताम की गिरफ्तारी होती है, तो वे जेल से चुनाव लड़ाएंगे। इसी मुद्दे पर सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं पर तंज किया था कि पहले कह रहे थे कि पुलिस आकर गिरफ्तार कर ले, लेकिन जब पुलिस पहुंची, तब हाय-तौबा मचा रहे हैं।

कांग्रेस ने खुलासा कर मचा दी थी सनसनी

कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ झारखंड के टेल्को थाने में दर्ज केस का खुलासा कर सनसनी मचा दी थी। पिछले रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में मरकाम ने यह खुलासा किया। साथ ही, यह आरोप लगाया कि नेताम ने चुनावी शपथ पत्र में जानकारी छिपाई है। हालांकि इसे लेकर भाजपा का तर्क था कि झारखंड पुलिस की ओर से 2019 में दर्ज केस के मामले में कोई समन या नोटिस नहीं मिला। उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। मरकाम ने जिला निर्वाचन अधिकारी के जरिए उम्मीदवारी रद्द करने के लिए शिकायत की थी। हालांकि इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

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