CG BJP नेता गिरफ्तार : आरक्षण और धर्मांतरण के मुद्दे पर सीएम हाउस घेरने जा रहे भाजपा नेताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार, झूमाझटकी

भाजपा का आरोप – आरक्षण के विरोध में जो लोग कोर्ट गए उन्हें कांग्रेस सरकार ने पुरस्कृत किया। कांग्रेस को धर्मांतरण का हिमायती बताया।

Update: 2023-01-04 15:53 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण लागू करने और धर्मांतरण के खिलाफ भाजपा नेताओं ने बुधवार को कोहरे और बारिश के बीच डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पर उनकी प्रतिमा के नीचे धरना दिया। इसके बाद पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर आदि बड़े नेताओं के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सीएम हाउस का घेराव करने के लिए निकले। पुलिस ने उन्हें मल्टी लेवल पार्किंग के पास रोकने की कोशिश की, लेकिन वे घेरा तोड़कर आगे बढ़ने लगे। हालांकि आगे बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने सभी को गिरफ्तार कर लिया।


OBC, ST आरक्षण के खिलाफ जो कोर्ट गए, उन्हें पुरस्कार

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, जो लोग ओबीसी और फिर आदिवासी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट गए, भूपेश बघेल सरकार उन्हें पुरस्कृत कर रही है। इससे इस सरकार की असलियत पहले ही सामने आ चुकी है। पूरा प्रशासनिक तंत्र लगा कर जन अधिकार रैली का आयोजन किया, लेकिन पूरी कुर्सियां खाली रही। छत्तीसगढ़ की जनता ने उनको नकार दिया। भूपेश बघेल और उनकी पार्टी का दोहरा चरित्र है कि वे खुद जनता का अधिकार छीनते हैं और तथाकथित जन अधिकार रैली के बहाने संविधान विरोधी, संवैधानिक पद विरोधी मार्च निकालते हैं। जनता यह इतिहास कैसे भूल सकती है कि कांग्रेस ने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर को धन-बल लगाकर चुनाव में हरवाया था।


भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा, आज सड़क पर हम इसलिए बैठे हैं, क्योंकि भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को छला है। आरक्षण पर तथ्यों को तोड़-मोड़ कर प्रस्तुत किया है। ऐसा विधेयक पेश किया है कि असंवैधानिक होने के कारण संवैधानिक दिक्कतों में फंस गया है। भूपेश बघेल संवैधानिक पदों का अपमान कर रहे हैं। आज छत्तीसगढ़ आरक्षण ही नहीं, धर्मांतरण के नाम से भी उद्वेलित है। चंगाई सभा के नाम से होने वाले आयोजनों में आदिवासियों को धर्मांतरण के जाल में फंसाया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि जिनके ऊपर आदिवासी संरक्षण की जिम्मेदारी है, वही आदिवासी अस्मिता का हरण करा रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, ये सरकार जनता की हताशा के लिए जिम्मेदार है। हाईकोर्ट के आदेश के 70 दिन बाद तक इन्होंने आरक्षण पर ध्यान नहीं दिया। उप चुनाव आते ही आधा अधूरा विधेयक लेकर आए। ये संविधान के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कलेक्टर-एसपी सहित पूरा प्रशासनिक तंत्र झोककर असफल प्रदर्शन करते हैं। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संविधान की शपथ लेकर कांग्रेस सरकार संविधान का ही अपमान कर रही है। पूरा प्रदेश आरक्षण और धर्मांतरण की आग में जल रहा है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा, कांग्रेस आरक्षण के मामले में झूठ बोल रही है। आदिवासी आरक्षण में कटौती के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। षड्यंत्र रचा और आदिवासियों का आरक्षण छीना। चंद्राकर ने कहा कि वर्ष 2012 से 2018 तक भाजपा सरकार में न्यायालय में मात्र एक पेशी हुई जबकि 2018 के बाद न्यायालय में 14 पेशी हुई, जहां इन्होंने आरक्षण पर शासन का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा।


70 समाज के समर्थन का झूठा दावा किया, 7 नहीं पहुंचे

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कल कांग्रेस ने जो प्रदर्शन किया, वह उसके लिए गले की हड्डी बन गया है। कल जनता ने दिखा दिया कि वह कांग्रेस के झूठ के साथ नहीं है। कांग्रेस ने 70 समाज के समर्थन का झूठा दावा किया था और 7 समाज भी उनके प्रदर्शन में नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा आज भूपेश बघेल को बताना पड़ेगा की उस क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में ऐसा क्या है, जो वह छुपा रहे हैं।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष नंद कुमार साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केवल आदिवासी समाज ही नहीं, अपितु अन्य समाज का धर्मांतरण बहुत तेजी से किया जा रहा है। यह सरकार छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति को नष्ट कर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी कमीशन में एक पास्टर को सदस्य बनाया गया है। उन्हें बढ़ावा देकर धर्मांतरण का खेल खेलने का प्रयास भूपेश बघेल सरकार कर रही है। यह सरकार अपने निजी हित संरक्षण के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है।

रायपुर सांसद सुनील सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि धर्मांतरण केवल अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं अपितु शहरी क्षेत्रों में भी हो रहा है। लोग अभी रायपुर के पुरानी बस्ती थाने की घटना भूले नहीं हैं। जहां मिशनरियों ने कहा था कि हम धर्मांतरण करेंगे, हमें कोई नहीं रोक सकता और यह सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। उन्होंने कहा अगर मुख्यमंत्री ईमानदारी से काम करना चाहते हैं तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीख लेना चाहिए, जो छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को मुख्यधारा में लाए हैं।

धरने में सांसद संतोष पांडेय, सांसद विजय बघेल, गुहाराम अजगले, विधायक ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहले, शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह, रजनीश सिंह, प्रेमप्रकाश पाण्डेय, विक्रम उसेंडी, महेश गागड़ा, रमशीला साहू, दयालदास बघेल, राजेश मूणत, जयंती पटेल, अभिनेष कश्यप, नरेश गुप्ता, रजनीश शुक्ला, अनुराग अग्रवाल, दीपक म्हस्के, नलिनीश ठोकने, अशोक बजाज, विकास मरकाम, डॉ. सलीम राज, पूनम चंद्राकर, लक्ष्मी वर्मा, लाभचंद बाफना, सच्चिदानंद उपासने, रमेश ठाकुर, संजू नारायण, अकबर अली, अवधेश चंदेल, गोविंदा गुप्ता, सीमा साहू सहित सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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