CG Lal Batti: बोर्ड, निगमों की नियुक्तियों में बिलासपुर का दबदबा, टॉप 8 मलाईदार निगमों में से तीन बिलासपुर के नेताओं को, दूसरे नंबर पर रायपुर

CG Lal Batti: छत्तीसगढ़ के ठीकठाक बोर्ड और निगमों की बात करें तो करीब दर्जन भर ऐसे हैं, जिनमें गाड़ी, घोड़ा के साथ ऑफिस और कमाई-धमाई सब कुछ हैं। इनमें से आठ मलाईदार माने जाते हैं। मसलन, क्रेडा, माईनिंग कारपोरेशन, सीएसआईडीसी, नागरिक आपूर्ति निगम, पाठ्य पुस्तक निगम, हाउसिंग बोर्ड, भवन और संनिर्माण मंडल और पर्यटन बोर्ड। इनमें से तीन निगम की अध्यक्षी बिलासपुर के नेताओं को मिली है वहीं, रायपुर को दो। बिलासपुर के खाते में गया है क्रेडा, पाठ्य पुस्तक निगम और माईनिंग कारपोरेशन तथा रायपुर को सीएसआईडीसी और नान।

Update: 2025-04-03 10:07 GMT

CG Lal Batti: रायपुर। राज्य सरकार द्वारा जारी निगम, मंडल व बोर्ड अध्यक्षों की सूची में बिलासपुर जिले के हिस्से तीन महत्वपूर्ण निगम आया है। छ.ग. पाठ्य पुस्तक निगम, छ.ग. खनिज विकास निगम और छ.ग. राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा)। तीन महत्वपूर्ण निगम की जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है उनको सत्ता व संगठन का पर्याप्त अनुभव भी है। राजा पांडेय,भूपेंद्र सवन्नी व सौरभ सिंह को तीन महत्वपूर्ण निगमों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राज्य सरकार ने 36 निगम,मंडल व बोर्ड में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है। लालबत्ती देने में राज्य सरकार ने क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही जातिगत समीकरण का भी खासतौर पर ख्याल रखा है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में न्यायधानी बिलासपुर का अपना खास महत्व है। यह राज्य निर्माण के दौर से ही चला आ रहा है। निगम, मंडलों की नियुक्ति में भी इसकी झलक दिखाई दे रही है। या यूं कहें कि बिलासपुर जिले का दबदबा अब भी कायम है, तो अचरज की बात नहीं होनी चाहिए। सत्ता और संगठन से ताल्लुक रखने वाले तीन नेताओं को तीन महत्वपूर्ण निगम की जिम्मेदारी सौंपी है। जाहिर सी बात है जिले की राजनीति में इसका प्रभावी असर भी दिखाई देगा।

राज्य की सत्ता में वापसी करने के बाद प्रदेश व केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिलासपुर जिले की मौजूदा दौर में एक अलग पहचान बनी है। राज्य मंत्रिमंडल में लोरमी के विधायक अरुण साव को उप मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है। विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे। राज्य की सत्ता में वापसी का एक तरह से दिल्ली ने उप मुख्यमंत्री की कुर्सी पारितोषिक के रूप में सौंपी है। छत्तीसगढ़ भाजपा की राजनीति में यह भी पहली बार देखने को मिला जब सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम बनाए गए। डिप्टी सीएम बनाते वक्त जातिगत समीकरण को सामने रखा गया। सामान्य व ओबीसी वर्ग से एक-एक चेहरे सामने लाए गए। प्रदेश मंत्रिमंडल में बिलासपुर जिले के हिस्से में पहली मर्तबे डिप्टी सीएम की कुर्सी आई। केंद्रीय मंत्रिमंडल में यह तो पहली बार हुआ जब बिलासपुर के सांसद को शामिल किया गया। बिलासपुर लोकसभा के सांसद तोखन साहू को केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शामिल कर छत्तीसगढ़ के एक बड़े वर्ग ओबीसी तबका को राजनीतिक रूप से संतुष्ट करने के की कोशिश के साथ दिल्ली ने इस वर्ग को मौजूदा राजनीति में उनकी स्वीकार्यता को लेकर संदेश देने की कोशिश भी की है। केंद्र व राज्य के मंत्रिमंडल में सोशल इंजीनियरिंग की स्वीकार्यता हो या फिर राजनीतिक समीकरण,कारण चाहे जो भी बिलासपुर जिले का रुतबा बढ़ा ही है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता।

0 लालबत्ती में भी दिखा सरकार का संदेश

छत्तीसगढ़ की राजनीति में बिलासपुर जिले का अपना खास महत्व है। यह राज्य निर्माण के दौर से ही देखने और सुनने में आ रहा है। छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रदेश की राजनीति में बिलासपुर जिले को जिस तरह स्थापित किया और महत्व बढ़ाया वह आजतलक कायम है। भाजपा की सरकार हो या फिर कांग्रेस की। बिलासपुर जिले का अपना अलग ही दबदबा नजर आता है। राजनीतिक और क्षेत्रीय संतुलन के नजरिए से भी इसे जरुरी मान लिया गया है। निगम, मंडल व बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति में भी इसका असर दिखाई दे रहा है। जिले के तीन नेताओं को तीन महत्वपूर्ण निगम की जिम्मेदारी मिली है। राजा पाण्डेय, अध्यक्ष छ.ग. पाठ्य पुस्तक निगम, सौरभ सिंह, अध्यक्ष छ.ग. खनिज विकास निगम और भूपेन्द्र सवन्नी को छ.ग. राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) का अध्यक्ष बनाया गया है।

0 अकलतरा के पूर्व विधायक,बिलासपुर से गहरा नाता

सौरभ सिंह अकलतरा के पूर्व विधायक हैं। राजनीतक कार्यक्षेत्र अकलतरा ही रहा है। इसके बाद भी बिलासपुर से गहरा नाता रहा है। बिलासपुर में उनका घर है। परिवार के सदस्य बिलासपुर में रहते हैं। लिहाजा उनको बिलासपुर से सीधे और परोक्ष संपर्क व संबंध से इंकार नहीं किया जा सकता। जांजगीर चांपा जिले के साथ ही बिलासपुर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से सीधा संपर्क भी है। लिहाजा बिलासपुर जिले की राजनीति में भी उनका संपर्क और जुड़ाव बना रहेगा।

पूर्व गृह मंत्री को भी कुर्सी

छत्तीसगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा को पार्टी ने सम्मान दिया है। उन्हें अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम की कुर्सी सौंपी गई है। हालांकि, इतने वरिष्ठ स्तर पर काम कर चुके किसी नेता को निगम का दायित्व पहली बार सौंपा गया है।

0 सरगुजा के हिस्स दो बड़े निगम

सरगुजा के हिस्से दो बड़े निगम आया है। एक हाउसिंग बोर्ड अनुराग सिंहदेव और दूसरा रामप्रताप सिंह संनिर्माण कर्मकार मंडल...200 करोड से अधिक का इसका बजट होता है। हालांकि, रायपुर से पूर्व विधायक नंदे साहू को रायपुर विकास प्राधिकारण का अध्यक्ष बनाए हैं।

Tags:    

Similar News