CG Congress News: कांग्रेस में जिला अध्यक्षों को ताकतवर बनाने की तैयारी, टिकट भी बांटेंगे, हारे तो रहेंगे जिम्मेदार
CG Congress News: राहुल गांधी के फार्मूले पर कांग्रेस में व्यापक बदलाव का प्लान। उम्रदराज और सक्रिय नहीं रहने वाले पदाधिकारी किए जाएंगे किनारे...
CG Congress News: रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने चुनावों में लगातार हार के बाद कांग्रेस के घटते जनाधार को देखते हुए संगठन की संरचना में व्यापक फेरबदल का प्लान बनाया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ही संगठन सृजन अभियान की कमान संभाली हुई है। राज्यों का दौरा करने के बाद उन्होंने देशभर के जिला अध्यक्षों की मीटिंग दिल्ली में बुलाई थी। उसी मीटिंग में संकेत दिया गया था कि अब जिला अध्यक्षों को ताकतवर बनाया जाएगा। सृजन अभियान में बनने वाले नये जिला अध्यक्षों को नया पावर मिलेगा और यदि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में सियासी माहौल सही रहा तो जिला अध्यक्षों को नए तेवर में देखा जा सकता है।
लगातार हार के बाद नया फार्मूला
छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण के बाद बंटवारे में सत्ता की कुर्सी कांग्रेस को मिल गई थी। तब अजीत जोगी मनोनीत मुख्यमंत्री बनाए गए थे। नवंबर 2000 से नवंबर 2003 तक कांग्रेस की सरकार रही। इसके बाद 2003 दिसंबर में विधानसभा के आम चुनाव में भाजपा की सरकार बन गई और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए थे। इसके बाद लगातार पंद्रह साल तक भाजपा का राज रहा। 2018 में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी की वापसी हुई थी। इसके बाद करीब डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की फिर हार हो गई। उधर लोकसभा के साथ नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से राहुल गांधी संगठन में व्यापक फेरबदल कर व्यवस्था में परिवर्तन करने के पक्ष में दिखे।
चुनावी टिकट बांटेंगे जिला अध्यक्ष
कांग्रेस में अभी विधानसभा या लोकल चुनाव के लिए प्रत्याशी तय करते वक्त निचले स्तर से पैनल मांगा जाता है। पर्यवेक्षकों की टीम बनाई जाती है। इसमें जिला अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों की सिफारिश के साथ नामों का पैनल बनता है। बहुत कम सीटों पर सिंगल नाम तय हो पाता है। पैनल के नामों के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रत्याशी का नाम तय होता है और कभी- की ज्यादा विवाद की स्थिति में दिल्ली से नाम फाइनल किया जाता रहा है। बदली व्यवस्था में अब जिला अध्यक्ष की राय को अहमियत दी जाएगी। टिकट तय करने के साथ ही तय प्रत्याशी को जिताने का जिम्मा भी जिला अध्यक्ष का रहेगा। जाहिर है, हार होने पर इसका ठीकरा भी जिला अध्यक्ष पर ही फूटेगा। कांग्रेस का मानना है कि जिम्मेदारी तय होने के बाद योग्य प्रत्याशी तय होने की गुंजाइश बढ़ जाएगी।
जिला अध्यक्ष ही चलाएंगे कांग्रेस
पार्टी सूत्रों का कहना है कि तय किए जा रहे फार्मूले के अनुसार अब जिला अध्यक्षों को ही कांग्रेस चलाना है। जिला अध्यक्षों की टिकट बांटने के अलावा अन्य जिम्मेदारी भी तय कर दी जाएगी। नए जिला अध्यक्षों की नियुक्तियों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक रिपोर्ट बनाएंगे और इसी रिपोर्ट के आधार पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा फैसला लिया जाएगा। नियुक्ति के बाद जिला अध्यक्षों के कामकाज का समय- समय पर मूल्यांकन किया जाएगा। कामकाज कांग्रेस की रीति- नीति या लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ तो फिर उसे बदलने में कांग्रेस अब देर भी नहीं करेगी।