CG BJP President Kiran Dev: छत्‍तीसगढ़ में 20 वर्ष बाद भाजपा में सामान्‍य वर्ग का प्रदेश अध्‍यक्ष: समझिए... क्षत्रिय किरणदेव की नियुक्ति के मायने....

CG BJP President Kiran Dev: विधानसभा चुनाव से करीब एक वर्ष पहले प्रदेश भाजपा की कमान अरुण साव को सौंपी गई थी। साव के नेतृत्‍व में पार्टी ने सत्‍ता में वापसी की तो पार्टी ने साव को पुरस्‍कृत करने उप मुख्‍यमंत्री का पद दे दिया। अब साव के स्‍थान पर किरण देव को प्रदेश भाजपा के संगठन की कमान सौंपी गई है।

Update: 2023-12-21 15:59 GMT

CG BJP President Kiran Dev: रायपुर। किरण देव यानी किरण सिंह देव अब छत्‍तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष हैं। राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने आज ही उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया है। किरण देव बस्‍तर संभाग की 12 में से एक मात्र सामान्‍य सीट जगदलपुर से पहली बार विधायक चुने गए हैं। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था। किरण देव के रुप में छत्‍तीसगढ़ भाजपा को 20 वर्ष बाद दूसरा सामान्‍य वर्ग का प्रदेश अध्‍यक्ष मिला है। इससे पहले डॉ. रमन सिंह सामान्‍य वर्ग के पहले ऐसे नेता थे, जिन्‍हें प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई थी।

किरण देव को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया जाना न केवल राजनीति के जानकार बल्कि भाजपा के नेताओं के लिए भी अप्रत्‍याशीत है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि प्रदेश अध्‍यक्ष के रुप में किरण देव का नाम चर्चा में भी नहीं था, उन्‍हें मंत्री बनाए जाने की संभावना जरुरी तलाशी जा रही थी। बहरहाल राजनीतिक विश्‍लेषक और सियासी पंडित अब किरण देव को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने के पीछे की रणनीति को समझने में जुट गए हैं।


किरण देव को क्‍यों प्रदेश अध्‍यक्ष बनाया गया, इस प्रश्‍न का उत्‍तर जानने से पहले उनका सियासी सफरनामा जान लिया जाए। किरण सिंह देव रियासत कालीन जमींदार परिवार से ताल्लुकात रखते हैं। उन्‍होंने बीएससी एलएलबी तक की पढ़ाई की है। किरण देव ने वर्ष 1990 में अधिवक्ता के रूप में जगदलपुर जिला न्यायालय में अपना व्यवसाय प्रारंभ किया था। वर्ष 1986-87 में शासकीय उच्च महाविद्यालय जगदलपुर के छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष के रूप में पहला संगठन का दायित्व का निर्वहन किया।

2002 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति हुई। प्रदेश की कार्य समिति के सदस्य भी रहे। इसके बाद 2010 में पार्टी ने जगदलपुर महापौर का टिकट दिया जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड 26000 मतों से विजय प्राप्त किया। 2015 तक नगर निगम के महापौर के रूप में अपना सफल कार्यकाल किया और उनके कार्यकाल में जगदलपुर में निगम क्षेत्र में विकास के नए आयाम गढ़े गए। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश के कार्यकारिणी से लेकर प्रदेश महामंत्री बने और दुर्ग, बिलासपुर संभाग के प्रभारी भी रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान वे बिलासपुर संभाग के प्रभारी थे।


CG BJP President Kiran Dev: किरणदेव को प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने के पीछे की वजह

भाजपा ने सत्‍ता की कमान आदिवासी को सौंपी है। ऐसे में प्रदेश अध्‍यक्ष की नियुक्ति के मामले पार्टी के लिए पूरा मैदान खुला था। पार्टी एसटी, ओबसी या सामान्‍य किसी भी वर्ग से प्रदेश अध्‍यक्ष बना सकती थी। इस वजह से पार्टी ने इस बार सामान्‍य वर्ग से आने वाले किरण देव को प्रदेश अध्‍यक्ष बना दिया। पार्टी नेताओं के अनुसार किरण देव की शैली आक्रामक है और कुशल संगठनकर्ता हैं।

किरण देव बस्‍तर के क्षत्रिय परिवार से आते हैं, लेकिन बस्‍तर के आदिवासियों में उनका अच्‍छा प्रभाव है और वो लोकप्रिय भी हैं। जानकारों के अनुसार आदिवासी उन्‍हें पूरा सम्‍मान देते हैं। विधानसभा चुनाव में रिकार्ड मतो से जीत उनकी इसी लोकप्रियता का परिणाम है।

पार्टी नेताओं के अनुसार भाजपा अब सभी राज्‍यों में दूसरी पंक्‍ती के नेताओं को आगे कर रही है। ऐसे में छत्‍तीसगढ़ में किरण देव के रुप में पार्टी को बेहतर विकल्‍प दिखा।

प्रदेश में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक बैज आदिवासी हैं और बस्‍तर संभाग से आते हैं। ऐसे में भाजपा ने भी प्रदेश अध्‍यक्ष बस्‍तर से देकर कैबिनेट में संतुलन बनाने का प्रयास किया है। इस बार बस्‍तर संभाग की 12 में से भाजपा ने 8 सीटें जीती है। संभाग से प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्रिमंडल में ज्‍यादा विधायकों को स्‍थान नहीं मिलेगा तो भी बैलेंस बनाया जा सकता है।

छत्‍तीसगढ़ में राज्‍य बनने से लेकर अब तक 11 प्रदेश अध्‍यक्ष बन चुके हैं। किरण देव 12वें प्रदेश अध्‍यक्ष हैं। 11 में विष्‍णुदेव साय 3 बार प्रदेश अध्‍यक्ष रहे हैं। पहले और दूसरे प्रदेश अध्‍यक्ष ताराचंद साहू और डॉ. रमन सिंह दुर्ग संभाग से थे। विक्रम उसेंडी के एक वर्ष के कार्यकाल को छोड़ दें तो पूरे समय सरगुजा और बिलासपुर संभाग से प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। किरण देव को बस्‍तर से हैं, उन्‍हें प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने की एक वजह यह भी मानी जा रही है।

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