Bilaspur News: कुर्सी के लिए दल बदलने वाले तीन नेताओं को आरक्षण ने दिखाया बाहर का रास्ता

Bilaspur News: जिला पंचायत क्षेत्रों के आरक्षण के बाद यह तो साफ हो गया है कि मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, सभापति राहुल सोनवानी व राजेश्वर भार्गव के लिए अपनी पुरानी सीट से अलविदा कहना पड़ेगा। आरक्षण की प्रक्रिया ने राजनीतिक संभावनाओं को पुरानी सीट पर तकरीबन खत्म सा कर दिया है। अरुण सिंह चौहान की नजरें तखतपुर और बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की सामान्य सीट पर जा टिकी है। बेलतरा में वे संभावनाएं तलाशते नजर आ रहे हैं।

Update: 2025-01-09 07:32 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। जिला व जनपद पंचायत क्षेत्रों का बुधवार को आरक्षण किया गया। आरक्षण की प्रक्रिया ने वो कर दिखाया है जो बीते एक साल से भाजपा के दिग्गज नेता व कार्यकर्ता नहीं कर पा रहे थे। कुर्सी सुरक्षित रखने की खातिर दल और दिल बदलने वाले तीन नेताओं का राजनीतिक भविष्य इस बार खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चाैहान,राजेश्वर भार्गव व राहुल सोनवानी ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में हो लिए थे। तब जिला पंचायत में भाजपा की राजनीति करने वाले नेता असहज होने के साथ ही भीतर ही भीतर नाराज भी हुए थे। अनुशासन और पार्टी लाइन के लिए चुप्पी साध ली थी। आरक्षण के चलते अब इन तीनों नेताओं को दूसरे क्षेत्रों में संभावनाएं टटोलनी होगी। देखने वाली बात यह भी है कि जहां ये संभावनाएं तलाशेंगे वहां के कार्यकर्ता और मतदाता किस अंदाज में मेजबानी करते हैं।

आरक्षण की राजनीति ने कांग्रेस से भाजपा में आने वाले तीन नेताओं की राजनीतिक संभावनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। बुधवार को इन तीनों नेताओं को बड़ा झटका लगा है। तीनों नेताओं की अपनी पुरानी सीट से दावेदारी खत्म हो गई है। तीनों ही सीटों पर नए चेहरे नजर आएंगे। यह भी देखने वाली बात होगी कि अपनी पुरानी व परंपरागत सीटों पर नए चेहरों को तीनों के अलावा इनके समर्थक किस तरह एडजस्ट करते हैं या चुनावी माहौल में कैसे सामंजस्य बैठाएंगे। अब तक की राजनीतिक चाल पर नजर दौड़ाएं तो सीट छोड़ने या फिर किसी कारणवश अपनी पुरानी सीट से दूसरी सीट की ओर पलायन करने वाले नेता परंपरागत सीट पर किसी दूसरे का हस्तक्षेप पंसद नहीं करते हैं। या यूं कहें कि अपनी और कार्यकर्ताओं के राजनीतिक फायदे के लिए सियासी हस्तक्षेप के बजाय सीट गंवाना कुछ ज्यादा ही पसंद करते हैं। चुनावी माहौल में अभी विलंब है। तब तक बहुत सारे समीकरण बनते बिगड़ते दिखाई देंगे। कुछ बिगड़ेंगे और बड़े नेताओं के हस्तक्षेप से बिगड़े संबंधाें और हालातो को सुधारने का काम भी होगा।

 भाजपा व कांग्रेस के इन दिग्गजों को भी करना पड़ेगा पलायन

जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के बाद जब अध्यक्ष चुनाव की बारी आई तब तखतपुर विधानसभा सीट के एक क्षेत्र से चुनाव जीतकर जिला पंचायत की देहरी लांघने वाले जितेंद्र पांडेय को अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लाबिंग भी कुछ इसी अंदाज में हो रही थी। राजधानी रायपुर में बने राजनीतिक समीकरणों के चलते उनको हाशिया पर जाना पड़ा। विधानसभा चुनाव के दौरान कोटा की टिकट को लेकर जिस तरह समीकरण बने, चुनावी माहौल में किए गए वायदे कहें या फिर कुछ और। अध्यक्ष पद के चुनाव में बाजी पलटी और अरुण सिंह चौहान का नाम सामने आ गया। तब जितेंद्र पांडेय की मानमनौव्वल भी खूब हुई थी। आरक्षण ने उनकी भी चुनावी संभावनाओं पर रोड़ा अटकाने का काम किया है। भाजपा के दिग्गज नेता व जिला पंचायत की राजनीति में दखलंदाजी रखने वाले घनश्याम कौशिक को भी इस बार सियासी रूप से पलायन करना पड़ेगा। आरक्षण के चलते उनको भी अपने लिए नई सीट तलाशनी होगी और उसी अंदाज में राजनीतिक संभावनाएं भी टटोलना होगा।

 आरक्षण ने ऐसे बिगाड़ा राजनीतिक खेल

0 जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 17 (कोटा)- यहां से अरुण सिंह चौहान पहले सदस्य बने फिर अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे। तब यह सीट सामान्य थी। अब अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है।

0 जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 11 (मस्तूरी)- पहले यह सीट एससी के लिए आरक्षित थी। तब राहुल सोनवानी चुनाव जीतकर जिला पंचायत पहुंचे और सभापति की कुर्सी हासिल की। अब यह सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हो गई है।

0 जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 13 (मस्तूरी)- पहले एससी के लिए यह सीट आरक्षित थी। राजेश्वर भार्गव चुनाव जीते और सभापित बने। अब यह सीट एससी महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

 इनकी राजनीतिक संभावनाएं अब भी कायम

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 (बिल्हा)सभापति संदीप योगेश यादव, क्षेत्र क्रमांक 8 (तखतपुर) सभापति मीनू सुमंत यादव की दावेदारी सुरक्षित है। क्षेत्र क्रमांक 2 (बिल्हा) गोदावरी कमलसेन, क्षेत्र क्रमांक 1 (बिल्हा) स्मृति त्रिलोक श्रीवास, क्षेत्र क्रमांक 7 (तखतपुर) ममता धनंजय सिंह क्षत्री, क्षेत्र क्रमांक 7 (मस्तूरी) चांदनी भारद्वाज, क्षेत्र क्रमांक 15 (कोटा) मनीता भानू।

 नए क्षेत्र की करनी पड़ेगी तला

जितेंद्र पांडेय क्षेत्र- 6 (तखतपुर), क्षेत्र क्रमांक 3 (बिल्हा) अंकित गौरहा व क्षेत्र क्रमांक 9 (तखतपुर) के सदस्य व भाजपा नेता घनश्याम कौशिक को आरक्षण ने मायूस कर दिया है। अब इन तीनों नेताओं को नए सिरे से अपने लिए राजनीतिक संभावनाएं तलाशने के साथ ही सीट भी खोजनी पड़ेगी।


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