आरक्षण पर CM भूपेश का बड़ा बयान: राज्यपाल आरक्षण बिल पर दस्तखत करना नहीं चाहती, बीजेपी के इशारे पर बिल रोक रहीं, ईडी पर बोले...

Update: 2022-12-27 07:54 GMT

CM Bhupesh Baghel,

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल आरक्षण बिल पर दस्तखत नहीं करना चाहती। वे अनिश्चितकाल के लिए बिल को लटकाए रखना चाहती हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि राज्यपाल बीजेपी के इशारे पर बिल रोक रही हैं। सीएम ने कहा, राज्यपाल का विधिक सलाहकार बीजेपी के एकात्म परिसर में बैठता है। फैसले वहीं से लिए जाते हैं।

भेंट मुलाकात के लिए बेमेतरा रवाना होने से पहले हेलीपैड पर मुख्यमंत्री मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया, आरक्षण बिल विभाग तैयार करता है। कैबिनेट में प्रस्तुत होता है और कैबिनेट के अप्रूवल पर विधानसभा में एडवाइजरी कमेटी के सामने रखा जाता है।उसके बाद फिर विधानसभा में उसकी चर्चा होती है। जहां तक के आरक्षण की बात है सारी प्रक्रिया पूरी की गई और विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। ये सिर्फ मुख्यमंत्री के बीच से नहीं हुआ है, ये विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ है। लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि 15 साल मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह कहते हैं, मुख्यमंत्री के बीच से पास हुआ। ऐसा नहीं है , ये विधानसभा से पारित हुआ है। ये बिल है विधानसभा का है, मुख्यमंत्री का नहीं है।

सीएम ने आगे कहा, ये विधिक सलाहकार है ये कौन है?...विधिक सलाहकार एकात्म परिसर में बैठते हैं। और राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में हस्ताक्षर नहीं कर रही। मेरे अधिकारियों ने कहा कि उनको अधिकार ही नहीं है। फिर भी पौने तीन करोड़ जनता के हित में ध्यान में रखते हुए, मैने पत्र में 10 सवालों का जवाब भेजवा दिया। अब पता चल रहा है कि इसमें फिर से वो सवाल निकालेगें। फिर जवाब भेजा जाएगा। कुल मिलाकर राज्यपाल को हस्ताक्षर नहीं करना है। नहीं करना है तो वापस करें बिल। उनके अधिकार क्षेत्र में क्या है, उनके अधिकार क्षेत्र में बिल यदि उचित नहीं लगता तो उनको वापस करें सरकार को।

दूसरा राष्ट्रपति को भेजे। तीसरा अनिश्चित काल तक रखे रहें। राज्यपाल बिल को अनिश्चित काल के लिए रखना चाहती हैं, पर बहाना ढूंढ रहीं हैं। ये कतई उचित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने ईडी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह लोगों के साथ मारपीट कर रही, थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर रही, ये ठीक नहीं है। ईडी गलत लोगों पर कार्रवाई करे, मगर मारपीट न करें।

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